देहरादून: एसआईटी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder) की जांच लगभग पूरी कर ली है. मामले में एसआईटी 90 प्रतिशत तक चार्जशीट तैयार कर चुकी है और 10 दिन में चार्जशीट दाखिल भी कर सकती है. बताया जा रहा है कि अंकिता की हत्या का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र लिखा है. इसके साथ ही आज मृतका अंकिता भंडारी के स्वैब टेस्ट की डीएनए रिपोर्ट (Ankita Bhandari DNA report) भी आ गई है.
इस रिपोर्ट में अंकिता के साथ दुष्कर्म (ankita bhandari murder) और जबरदस्ती करना नहीं पाया गया है. हालांकि, ये बात पहले पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी बताई गई थी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि ये स्वैब टेस्ट रिपोर्ट है जो नेगेटिव आई है. हालांकि, अभी डीएनए की पूरी रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन प्रथम रिपोर्ट में किसी भी तरह से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. उत्तराखंड में इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे अंकिता हत्याकांड की फॉरेंसिक रिपोर्ट इस केस में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने में बेहद मददगार साबित हो सकती है.
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वहीं, एसआईटी ने कई ऐसे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस सेंट्रल स्पेशल लैब चंडीगढ़ भेजे थे. इनमें से कुछ रिपोर्ट एसआईटी को मिल चुकी है. जबकि कुछ सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है. इसके अलावा एसआईटी ने वनंत्रा रिजॉर्ट के संबंध में पर्यटन विभाग को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा केस: अंकिता भंडारी की हत्या के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कह चुके हैं. ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र लिखकर इसकी अनुमति देने को कहा है. शासन के निर्णय के बाद मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला जाएगा.
क्या है मामला: बता दें कि, 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था.
इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिसॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिसॉर्ट से बाहर ले गया और ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.
पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद है.