ऋषिकेश: कोरोना की दूसरी लहर के चलते उत्तराखंड में आर्थिक तंगहाली झेल रहे परिवहन व्यवसायियों की समस्याओं को महापौर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. महापौर ने सीएम से कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड परिवहन कारोबार को हुई आर्थिक हानि से उबारने की अपील करते हुए परिवहन महासंघ की ओर से एक ज्ञापन भी सौंपा.
मेयर अनिता ममगाईं के नेतृत्व में परिवहन व्यवसायियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही महापौर अनिता ममगाईं ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि लगातार दूसरे वर्ष चार धाम यात्रा स्थगित होने की वजह से परिवहन व्यवसायियों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. उन्होंने सरकार से इस स्थिति से उबारने के लिए ऐसी ठोस नीति बनाए जाने की मांग की, जिससे वाहन स्वामी वापस मुख्यधारा से जुड़कर अपना जीवन निर्वहन कर सकें.
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महापौर ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना के कारण प्रदेश में पर्यटन और परिवहन व्यवसाय पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. इससे परिवहन व्यवसायियों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. प्रतिनिधिमंडल में शामिल महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने मुख्यमंत्री को 3 सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए वर्ष 2021-2022 के समस्त कमर्शियल वाहनों का टैक्स माफ किए जाने, परिवहन व्यवसायियों को 10 से लेकर 15 हजार तक का आर्थिक मुआवजा दिए जाने की मांग की. कोरोनाकाल के निपटने के पश्चात चार धाम यात्रा संचालित कराने के लिए रोड मैप तैयार कराए जाने सहित वाहनों को पचास प्रतिशत की क्षमता के साथ संचालित कराए जाने के आदेश पर पुनर्विचार करने के साथ अपनी सभी मांगों को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए.
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व्यापारियों की सरकार को दो टूक
वहीं, लगभग 1 माह से कोरोना कर्फ्यू की वजह से व्यापारियों सहित सभी वर्गों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों का आरोप है कि सरकार ने उनके लिए कुछ भी नहीं सोचा. यही कारण है कि अब व्यापारियों ने सरकार से दो टूक कहा है कि हम 1 जून से अपनी दुकान खोलेंगे चाहे सरकार अनुमति दे या न दे.