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उत्तराखंड में निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में दिया जा रहा आश्रय, 300 गौवंश को मिला सहारा

stray cattle problem in Dehradun आवारा गौवंशों से हो रही दुर्घटनाओं और किसानों की फसल को बचाने के लिए सरकार ने एक अभियान चलाया है. जिसके तहत निराश्रित गौवंशों को सड़क से गौशालाओं में भेजा जा रहा है. ये जानकारी पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 22, 2023, 5:01 PM IST

देहरादून: निराश्रित गौवंश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं, क्योंकि राज्य में वर्तमान समय में करीब 17 हजार 500 निराश्रित गौवंश हैं. जिनसे ना सिर्फ फसलों को नुकसान होता, बल्कि पशु हानि होने के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं. ऐसे में पशुपालन विभाग, शहरी विकास विभाग और पंचायती राज विभाग की ओर से निराश्रित गौवंश को सड़कों से उठाकर गौशालाओं में भेजा जा रहा है. पिछले तीन दिनों में करीब 300 पशुओं को सड़क से गौशालाओं में आश्रय दिया गया है.

Campaign start for stray cattle
निराश्रित गौवंश को गौशालाओं तक पहुंचने के लिए चलाया गया अभियान

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि उत्तराखंड की एक बड़ी समस्या निराश्रित गौवंशों की है, क्योंकि इससे काफी नुकसान होता है. जिसके चलते गौवंश के गौशालाओं के सुधार और भरण-पोषण के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं. साथ ही राज्य में पहली बार गौवंश को सड़कों से उठाकर गौशालाओं में रखने का निर्णय लिया गया है. निराश्रित गौवंश को सड़कों से उठाकर गौशालाओं में भेजने की योजना को कैबिनेट से मंजूरी भी मिली है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड की सड़कों पर 25 हजार आवारा गोवंश, पौड़ी में 1200 बंदर पिंजरे में कैद

इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए पहली बार संबंधित विभागों की एकजुट मीटिंग की गई है. जिसमें सड़कों पर घूम रहे मवेशियों में से गौवंश को ढूंढकर गौशालाओं तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत कार्रवाई गतिमान है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मौजूद जिन गौशालाओं में गौवंश को रखने के लिए जगह खाली है, उसको अगले 6 महीने के भीतर भरा जाएगा. इसके बाद सरकार ने जो 40 से 45 गौशाला बनाने का निर्णय लिया है, उसकी डीपीआर बन रही है. लिहाजा, गौशाला बनाकर वहां भी गौवंशों को रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: आवारा पशु बन रहे मुसीबत, रेलवे प्लेफॉर्म पर जमाया डेरा, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

देहरादून: निराश्रित गौवंश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं, क्योंकि राज्य में वर्तमान समय में करीब 17 हजार 500 निराश्रित गौवंश हैं. जिनसे ना सिर्फ फसलों को नुकसान होता, बल्कि पशु हानि होने के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं. ऐसे में पशुपालन विभाग, शहरी विकास विभाग और पंचायती राज विभाग की ओर से निराश्रित गौवंश को सड़कों से उठाकर गौशालाओं में भेजा जा रहा है. पिछले तीन दिनों में करीब 300 पशुओं को सड़क से गौशालाओं में आश्रय दिया गया है.

Campaign start for stray cattle
निराश्रित गौवंश को गौशालाओं तक पहुंचने के लिए चलाया गया अभियान

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि उत्तराखंड की एक बड़ी समस्या निराश्रित गौवंशों की है, क्योंकि इससे काफी नुकसान होता है. जिसके चलते गौवंश के गौशालाओं के सुधार और भरण-पोषण के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं. साथ ही राज्य में पहली बार गौवंश को सड़कों से उठाकर गौशालाओं में रखने का निर्णय लिया गया है. निराश्रित गौवंश को सड़कों से उठाकर गौशालाओं में भेजने की योजना को कैबिनेट से मंजूरी भी मिली है.

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इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए पहली बार संबंधित विभागों की एकजुट मीटिंग की गई है. जिसमें सड़कों पर घूम रहे मवेशियों में से गौवंश को ढूंढकर गौशालाओं तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत कार्रवाई गतिमान है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मौजूद जिन गौशालाओं में गौवंश को रखने के लिए जगह खाली है, उसको अगले 6 महीने के भीतर भरा जाएगा. इसके बाद सरकार ने जो 40 से 45 गौशाला बनाने का निर्णय लिया है, उसकी डीपीआर बन रही है. लिहाजा, गौशाला बनाकर वहां भी गौवंशों को रखा जाएगा.

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