देहरादूनः उत्तराखंड में एक बार फिर लंपी वायरस के केस बढ़ने लगे हैं. जिसको देखते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान मंत्री बहुगुणा ने अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए.
दरअसल, उत्तराखंड के मवेशियों को लंपी वायरस जैसे खतरनाक वायरस से बचाने के लिए पिछले साल पशुपालन विभाग ने बेहतर काम किए थे. ऐसे में इस साल फिर बढ़ते लंपी वायरस के मामले को देखते हुए पशुपालन विभाग एक बार फिर सक्रिय होता नजर आ रहा है.
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बैठक के दौरान विभाग के अधिकारियों, सभी जिलों के अधिकारियों, सीईओ के साथ बैठक की. बैठक में लंपी त्वचा रोग की रोकथाम और इस रोग से निपटने की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की. खासकर मवेशियों के टीकाकरण पर जोर देने के निर्देश दिए.
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बता दें कि वर्तमान समय में अन्य जिलों के मुकाबले नैनीताल जिले में लंपी वायरस के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. ऐसे में निर्णय लिया गया है कि उधम सिंह नगर जिले की टीम के कुछ सदस्यों को नैनीताल भेजा जाएगा. ताकि, लंपी वायरस पर लगाम लगाई जा सके.
क्या होता है लंपी वायरस? लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है. हालांकि, यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशुओं में तेजी से फैलती है. संक्रमित पशुओं को तेज बुखार, वजन में कमी, आंखों से पानी, लार बहना के साथ ही शरीर पर दाने निकलता है.
इसके अलावा दूध कम देना, भूख न लगाना समेत अन्य लक्षण हैं. डॉक्टरों के अनुसार पशु के इस बीमारी से संक्रमित होने पर संक्रमित पशु को अलग रखना चाहिए. इसके साथ ही वेटनरी डॉक्टर से इलाज कराने के साथ ही टीकाकरण कराना चाहिए.