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धामी को CM बनाकर सीनियर नेताओं पर लगाई 'लगाम', हाईकमान ने एक तीर से किए दो शिकार - Uttarakhand BJP Politics News

उत्तराखंड में पुष्कर धामी के सीएम बनते पार्टी में कई सीनियर नेताओ का दबदबा खत्म हो जाएगा. जिसके कारण इन नेताओं के माथे पर बल पड़ने लगे हैं.

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धामी के सीएम बनने से नाराज हुए सीनियर नेता
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Published : Jul 4, 2021, 3:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज है. बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री नाराज चल रहे हैं. नाराजगी इसलिए है, क्योंकि आलाकमान ने दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना कर सभी को चौंका दिया है. अचानक से पुष्कर सिंह धामी का नाम आने के बाद ना केवल उत्तराखंड के राजनीति के जानकार भी हैरान हैं. बल्कि पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं के माथे पर भी बल आ गया है.

रमेश पोखरियाल 'निशंक', अनिल बलूनी, मदन कौशिक, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल यह सब ऐसे नाम हैं, जो उत्तराखंड की राजनीति में सालों से अपनी अलग पहचान रखते हैं. कई नेता इसी दिन का इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें राज्य में उनके मन मुताबिक पद मिलेगा, मगर पुष्कर सिंह धामी के आ जाने के बाद से यह सभी नेता इसलिए भी हैरान और परेशान हैं, क्योंकि पुष्कर सिंह धामी सभी नेताओं में सबसे युवा हैं.

पढ़ें-'क्यों बार-बार बदल जाती है सीएम की कुर्सी', सिर्फ एक ने पूरे किए कार्यकाल

अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2022 के बाद दोबारा बहुमत में आती है तो इतना तय है कि मुख्यमंत्री धामी ही बनेंगे. जिसके बाद इन तमाम हैवीवेट नेताओं की राजनीति पर लंबे समय के लिए विराम लग जाएगा.

पढ़ें- पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर बीजेपी ने साधा कुमाऊं-गढ़वाल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण

बीजेपी के ये सभी नेता उम्रदराज है, अनुभवी हैं. मगर हाईकमान ने इन सभी को दरकिनार कर युवा चेहरे पर दांव खेला है. जिससे शीर्ष नेतृतव ने इशारों ही इशारों में संकेत दिया है कि पार्टी के लिए सीनियर नेता जरूरी है, मगर अब तरजीह युवा चेहरों को दी जाएगी. जिससे की पार्टी के नये मुकाम पर ले जाया जा सकते.

पढ़ें- Uttarakhand Politics: दिग्गजों ने जताई नाराजगी, धामी के नाम पर नहीं इनकी हामी

पार्टी के इस संदेश से कहीं न कही ये हैवीवेट नेता भी वाकिफ हैं. जिसके कारण अब उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं. यही कारण है कि ये सभी नेता अब प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा लेकर अपनी भविष्य की राजनीति को सुरक्षित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज है. बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री नाराज चल रहे हैं. नाराजगी इसलिए है, क्योंकि आलाकमान ने दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना कर सभी को चौंका दिया है. अचानक से पुष्कर सिंह धामी का नाम आने के बाद ना केवल उत्तराखंड के राजनीति के जानकार भी हैरान हैं. बल्कि पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं के माथे पर भी बल आ गया है.

रमेश पोखरियाल 'निशंक', अनिल बलूनी, मदन कौशिक, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल यह सब ऐसे नाम हैं, जो उत्तराखंड की राजनीति में सालों से अपनी अलग पहचान रखते हैं. कई नेता इसी दिन का इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें राज्य में उनके मन मुताबिक पद मिलेगा, मगर पुष्कर सिंह धामी के आ जाने के बाद से यह सभी नेता इसलिए भी हैरान और परेशान हैं, क्योंकि पुष्कर सिंह धामी सभी नेताओं में सबसे युवा हैं.

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अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2022 के बाद दोबारा बहुमत में आती है तो इतना तय है कि मुख्यमंत्री धामी ही बनेंगे. जिसके बाद इन तमाम हैवीवेट नेताओं की राजनीति पर लंबे समय के लिए विराम लग जाएगा.

पढ़ें- पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर बीजेपी ने साधा कुमाऊं-गढ़वाल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण

बीजेपी के ये सभी नेता उम्रदराज है, अनुभवी हैं. मगर हाईकमान ने इन सभी को दरकिनार कर युवा चेहरे पर दांव खेला है. जिससे शीर्ष नेतृतव ने इशारों ही इशारों में संकेत दिया है कि पार्टी के लिए सीनियर नेता जरूरी है, मगर अब तरजीह युवा चेहरों को दी जाएगी. जिससे की पार्टी के नये मुकाम पर ले जाया जा सकते.

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पार्टी के इस संदेश से कहीं न कही ये हैवीवेट नेता भी वाकिफ हैं. जिसके कारण अब उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं. यही कारण है कि ये सभी नेता अब प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा लेकर अपनी भविष्य की राजनीति को सुरक्षित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं.

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