ETV Bharat / state

पांचवीं उत्तराखंड विधानसभा में नहीं होंगे एंग्लो इंडियन सदस्य - उत्तराखंड न्यूज

उत्तराखंड सहित देश के 13 राज्यों की विधानसभा में अब एंग्लो इंडियन समुदाय का कोई नामित सदस्य नहीं होगा. लोकसभा में भी इस समुदाय के दो नामित सदस्यों को जगह नहीं मिलेगी. ऐसा 126वीं संविधान संशोधन विधेयक के 12 दिसंबर को राज्यसभा में पास हो जाने से हुआ है.

uttarakhand
उत्तराखंड विधानसभा
author img

By

Published : Jan 6, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Jan 6, 2020, 9:05 PM IST

देहरादून: 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य की जगह नहीं रहेगी. इसको लेकर सरकार मंगलवार को आहुत होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में संविधान के अनुच्छेद 334 के तहत 126 में संशोधन विधेयक को पटल पर रखे जाने की तैयारी कर रही है.

केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को अगले 10 सालों तक बढ़ाए जाने वाले संशोधित विधेयक में एंग्लो इंडियन सदस्यता को आगे नहीं बढ़ाया गया था. लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए इस विधेयक को कल (सात जनवरी) को उत्तराखंड विधानसभा से भी पास किया जाएगा. जिसके बाद उत्तराखंड विधानसभा में भी एंग्लो इंडियन समुदाय के एक प्रतिनिधि को नामित करने की परंपरा खत्म हो जाएगी.

विधानसभा में नहीं होगा एंग्लो इंडियन सदस्य

पढ़ें- रोजगार को लेकर फिर आए निराशाजनक आंकड़े, 5 साल में सिर्फ 3000 भर्तियां कर पाया चयन आयोग

बता दें कि उत्तराखंड में एंग्लो इंडियन समुदाय की संख्या ठीक-ठाक है. यही वजह है कि पहली विधानसभा के गठन से लेकर अब तक इस समुदाय के एक व्यक्ति को 70 चुने गए विधायकों के साथ एक नामित विधायक के रूप में जगह दी गई है. लेकिन कल पास होने वाले विधेयक के बाद यह परंपरा खत्म हो जाएगी और इसका असर आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद देखने को मिलेगा.

देहरादून: 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य की जगह नहीं रहेगी. इसको लेकर सरकार मंगलवार को आहुत होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में संविधान के अनुच्छेद 334 के तहत 126 में संशोधन विधेयक को पटल पर रखे जाने की तैयारी कर रही है.

केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को अगले 10 सालों तक बढ़ाए जाने वाले संशोधित विधेयक में एंग्लो इंडियन सदस्यता को आगे नहीं बढ़ाया गया था. लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए इस विधेयक को कल (सात जनवरी) को उत्तराखंड विधानसभा से भी पास किया जाएगा. जिसके बाद उत्तराखंड विधानसभा में भी एंग्लो इंडियन समुदाय के एक प्रतिनिधि को नामित करने की परंपरा खत्म हो जाएगी.

विधानसभा में नहीं होगा एंग्लो इंडियन सदस्य

पढ़ें- रोजगार को लेकर फिर आए निराशाजनक आंकड़े, 5 साल में सिर्फ 3000 भर्तियां कर पाया चयन आयोग

बता दें कि उत्तराखंड में एंग्लो इंडियन समुदाय की संख्या ठीक-ठाक है. यही वजह है कि पहली विधानसभा के गठन से लेकर अब तक इस समुदाय के एक व्यक्ति को 70 चुने गए विधायकों के साथ एक नामित विधायक के रूप में जगह दी गई है. लेकिन कल पास होने वाले विधेयक के बाद यह परंपरा खत्म हो जाएगी और इसका असर आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद देखने को मिलेगा.

Intro:
एंकर- 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य की जगह अब नहीं रहेगी जिसको लेकर मंगलवार को होने वाले विशेष सत्र में सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 334 के तहत 126 में संशोधन विधेयक को पटल पर रखे जाने की तैयारी है।


Body:वीओ- केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण को अगले 10 सालों तक बढ़ाए जाने को लेकर आने वाले लाए गए विधेयक में संशोधित विधेयक में एंग्लो इंडियन सदस्यता को आगे नहीं बढ़ाया गया है। तो वहीं केंद्र से में लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए इस विधेयक को कल उत्तराखंड की विधानसभा से भी पास किया जाएगा जिसके बाद विधान सभा मे एंग्लो इंडियन समुदाय के एक प्रतिनिधि को नामित करने की परंपरा खत्म हो जाएगी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में एंग्लो इंडियन समुदाय की संख्या ठीक-ठाक है और यही वजह है कि पहली विधानसभा के गठन से लेकर अब तक इस समुदाय के एक व्यक्ति को 70 चुने गए विधायकों के साथ एक नामित विधायक के रूप में जगह दी गई है। लेकिन कल पास होने वाले विधायक के बाद यह परंपरा खत्म हो जाएगी और इसका असर आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद देखने को मिलेगा।




Conclusion:
Last Updated : Jan 6, 2020, 9:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.