देहरादून: 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य की जगह नहीं रहेगी. इसको लेकर सरकार मंगलवार को आहुत होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में संविधान के अनुच्छेद 334 के तहत 126 में संशोधन विधेयक को पटल पर रखे जाने की तैयारी कर रही है.
केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को अगले 10 सालों तक बढ़ाए जाने वाले संशोधित विधेयक में एंग्लो इंडियन सदस्यता को आगे नहीं बढ़ाया गया था. लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए इस विधेयक को कल (सात जनवरी) को उत्तराखंड विधानसभा से भी पास किया जाएगा. जिसके बाद उत्तराखंड विधानसभा में भी एंग्लो इंडियन समुदाय के एक प्रतिनिधि को नामित करने की परंपरा खत्म हो जाएगी.
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बता दें कि उत्तराखंड में एंग्लो इंडियन समुदाय की संख्या ठीक-ठाक है. यही वजह है कि पहली विधानसभा के गठन से लेकर अब तक इस समुदाय के एक व्यक्ति को 70 चुने गए विधायकों के साथ एक नामित विधायक के रूप में जगह दी गई है. लेकिन कल पास होने वाले विधेयक के बाद यह परंपरा खत्म हो जाएगी और इसका असर आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद देखने को मिलेगा.