विकासनगरः भले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऑनलाइन डीबीटी माध्यम से प्रदेश की 33,297 आंगनबाड़ी वर्करों के खातों में प्रोत्साहन राशि भेज चुके हों, लेकिन आंगनबाड़ी वर्कर इससे संतुष्ट नहीं हैं. आंगनबाड़ी वर्कर मानदेय बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं. विकासनगर में भी बीते 18 दिनों से एक सूत्रीय मांग को लेकर आंगनबाड़ी वर्करों का धरना प्रदर्शन जारी है. उनका कहना है कि सरकार उन्हें कोरे आश्वासन दे रही है.
गौर हो कि बीते 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑनलाइन डीबीटी माध्यम से प्रदेश की 33,297 आंगनबाड़ी वर्करों के खातों में प्रोत्साहन राशि भेजी. ऐसे में प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 10-10 हजार रुपए की धनराशि दी गई.
जिसमें प्रत्येक आंगनबाड़ी वर्कर के खाते में कोरोना काल में सेवा के लिए ₹1000 की प्रोत्साहन राशि, रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत ₹1000 और अन्य घोषणा के तहत 5 माह तक प्रत्येक आंगनबाड़ी वर्कर को दी जाने वाली ₹2000 (कुल 10,000) रुपए की धनराशि शामिल है.
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वहीं, 12 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी वर्करों को मानदेय बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जिसे लेकर आंगनबाड़ी वर्करों में नाराजगी है. विकासनगर ब्लॉक परिसर में भी आंगनबाड़ी वर्कर बीती 28 सितंबर से कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठी हैं.
एक सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी वर्करों का कहना है कि उनसे सबसे ज्यादा काम लिया जाता है, उस हिसाब से उनका मानदेय कम है. जिसे बढ़ाकर ₹600 प्रति दिन के हिसाब से ₹18000 महीना किया जाना चाहिए. ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ सके.
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आंगनबाड़ी वर्कर पिंकी कुमारी का कहना है कि सरकार को उनकी मांगों को लेकर सजग नहीं है. उनका मानदेय 18000 रुपए प्रति महीने होना चाहिए. जिससे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का परिवार ठीक से चल सके. साथ ही कहा कि सरकार की ओर से सिर्फ उन्हें आश्वासन ही मिल रहा है. अगर जल्द ही उनकी मांग पूरी नहीं की जाती तो आंगनबाड़ी वर्कर प्रदेशभर में आंदोलन करेगी.