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स्मार्ट पुलिसिंग को लेकर अपर मुख्य सचिव के साथ बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

पुलिस मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पुलिस अधिकारियों के साथ स्मार्ट पुलिसिंग समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान श्रीनगर और अल्मोड़ा में साइबर थाना खोलने, जवानों का ग्रेड पे 4600 करने, गैरसैंण में IRB की तीसरी बटालियन स्थापित करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, पुरस्कार राशि को बढ़ाए जाने पर स्वीकृति दी गई.

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उत्तराखंड पुलिस
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Published : Sep 2, 2021, 7:56 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में बेहतर पुलिसिंग की दिशा में किए गए तमाम प्रयासों को लेकर पुलिस मुख्यालय में चर्चा की गई. इस दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के समक्ष स्मार्ट पुलिसिंग के लिए उठाए गए कदम को लेकर जरूरी जानकारियां दी गईं. वहीं, डीआईजी अशोक कुमार ने बताया कि अपराध एवं कानून व्यवस्था में देशभर में सबसे बेहतर कार्य कर रहे हैं.

उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने पुलिस को बेहतर तकनीक के साथ मजबूत करने को लिए गए फैसलों और सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने इसकी जानकारी एक प्रस्तुतीकरण के जरिए अधिकारियों को गई. जिसमें विजन SMART (S-Sensitive & Strict, M-Modern with Mobility, A-Alert & Accountable, R- Reliable & Responsive, T-Trained & Techno-Savvy) पुलिसिंग को भी बताया गया. जिस पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने उत्तराखंड पुलिस के कार्यों की सराहना भी की. साथ ही बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया.

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इन बिंदुओं पर हुई चर्चाः कार्मिक, प्रोविजनिंग, आधुनिकीकरण, पुलिस कल्याण, कानून व्यवस्था, फायर, संचार, ड्रग्स, साइबर क्राइम आदि मुद्दों पर गहराई से मंथन और चर्चा किया गया. एंटी ड्रग्स, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की पॉलिसी पर चर्चा हुई. साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन जनपदों- ऊधम सिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार में ट्रैफिक थाने खोले जाने पर भी चर्चा की गई.

श्रीनगर और अल्मोड़ा में खुलेंगे साइबर थानेः अति महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल केदारकांठा, चोपता आदि में थाने/चौकियां खोले जाने पर भी चर्चा की गई. श्रीनगर और अल्मोड़ा में साइबर थाने की शाखा खोले जाने पर भी बात की गई. उपनिरीक्षक एवं मुख्य आरक्षी नियमावली में संशोधन जल्द से जल्द पारित करने का अनुरोध भी किया गया.

जवानों का 4600 ग्रेड पेः बैठक में जवानों के 4600 ग्रेड पे को जल्द कराए जाने पर चर्चा कर उसे लागू करने का अनुरोध किया गया. उपनिरीक्षक एवं मुख्य आरक्षी नियमावली में संशोधन जल्द से जल्द पारित करने हेतु अनुरोध किया. सिटी और हाइवे पर पेट्रोलिंग के लिए आधुनिक वाहनों की स्वीकृति देने की बात भी गई.

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गैरसैंण में IRB की तीसरी बटालियनः गैरसैंण में आईआरबी की तीसरी बटालियन की स्थापना पर चर्चा की गई. जवानों को वर्दी के स्थान पर वर्दी भत्ता दिए जाने पर अपर मुख्य सचिव ने सहमति दी. पुलिस कर्मियों के लिए पुरस्कार राशि को बढ़ाए जाने पर चर्चा करते हुए सैद्धांतिक सहमति दी गई. वहीं, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए बजट बढ़ाए जाने पर बात की गई.

नई फायर यूनिट खोले जाने और प्रशिक्षण भत्ते प्रदान करने का अनुरोध किया गया. इसके अलावा प्रदेश में पुलिस भवनों, थाना/चौकियों के भवनों के लिए बजट रिलीज करने और बढ़ाने को कहा गया. निष्क्रिय वाहनों के स्थान पर नए वाहनों स्वीकृत करने पर भी चर्चा की गई. पीएसी जवानों को मूवमेंट के लिए ट्रकों के स्थान पर बसों से मूवमेंट कराने पर भी बात की गई.

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वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस ने बीते सालों में काफी कुछ हासिल किया है. संवेदनशील पुलिसिंग की ओर भी काफी काम हुआ है. साइबर में बहुत काम हुआ है. अपराध एवं कानून व्यवस्था में उत्तराखंड पुलिस देशभर में सबसे अच्छा काम कर रही हैं. आधारभूत संरचना और आधुनिकीरण हेतु शासन की मदद की आवश्यकता भी बताई. वहीं, अपर मुख्य सचिव ने शासन की ओर से सहयोग करने की बात कही.

देहरादूनः उत्तराखंड में बेहतर पुलिसिंग की दिशा में किए गए तमाम प्रयासों को लेकर पुलिस मुख्यालय में चर्चा की गई. इस दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के समक्ष स्मार्ट पुलिसिंग के लिए उठाए गए कदम को लेकर जरूरी जानकारियां दी गईं. वहीं, डीआईजी अशोक कुमार ने बताया कि अपराध एवं कानून व्यवस्था में देशभर में सबसे बेहतर कार्य कर रहे हैं.

उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने पुलिस को बेहतर तकनीक के साथ मजबूत करने को लिए गए फैसलों और सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने इसकी जानकारी एक प्रस्तुतीकरण के जरिए अधिकारियों को गई. जिसमें विजन SMART (S-Sensitive & Strict, M-Modern with Mobility, A-Alert & Accountable, R- Reliable & Responsive, T-Trained & Techno-Savvy) पुलिसिंग को भी बताया गया. जिस पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने उत्तराखंड पुलिस के कार्यों की सराहना भी की. साथ ही बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया.

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इन बिंदुओं पर हुई चर्चाः कार्मिक, प्रोविजनिंग, आधुनिकीकरण, पुलिस कल्याण, कानून व्यवस्था, फायर, संचार, ड्रग्स, साइबर क्राइम आदि मुद्दों पर गहराई से मंथन और चर्चा किया गया. एंटी ड्रग्स, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की पॉलिसी पर चर्चा हुई. साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन जनपदों- ऊधम सिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार में ट्रैफिक थाने खोले जाने पर भी चर्चा की गई.

श्रीनगर और अल्मोड़ा में खुलेंगे साइबर थानेः अति महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल केदारकांठा, चोपता आदि में थाने/चौकियां खोले जाने पर भी चर्चा की गई. श्रीनगर और अल्मोड़ा में साइबर थाने की शाखा खोले जाने पर भी बात की गई. उपनिरीक्षक एवं मुख्य आरक्षी नियमावली में संशोधन जल्द से जल्द पारित करने का अनुरोध भी किया गया.

जवानों का 4600 ग्रेड पेः बैठक में जवानों के 4600 ग्रेड पे को जल्द कराए जाने पर चर्चा कर उसे लागू करने का अनुरोध किया गया. उपनिरीक्षक एवं मुख्य आरक्षी नियमावली में संशोधन जल्द से जल्द पारित करने हेतु अनुरोध किया. सिटी और हाइवे पर पेट्रोलिंग के लिए आधुनिक वाहनों की स्वीकृति देने की बात भी गई.

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गैरसैंण में IRB की तीसरी बटालियनः गैरसैंण में आईआरबी की तीसरी बटालियन की स्थापना पर चर्चा की गई. जवानों को वर्दी के स्थान पर वर्दी भत्ता दिए जाने पर अपर मुख्य सचिव ने सहमति दी. पुलिस कर्मियों के लिए पुरस्कार राशि को बढ़ाए जाने पर चर्चा करते हुए सैद्धांतिक सहमति दी गई. वहीं, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए बजट बढ़ाए जाने पर बात की गई.

नई फायर यूनिट खोले जाने और प्रशिक्षण भत्ते प्रदान करने का अनुरोध किया गया. इसके अलावा प्रदेश में पुलिस भवनों, थाना/चौकियों के भवनों के लिए बजट रिलीज करने और बढ़ाने को कहा गया. निष्क्रिय वाहनों के स्थान पर नए वाहनों स्वीकृत करने पर भी चर्चा की गई. पीएसी जवानों को मूवमेंट के लिए ट्रकों के स्थान पर बसों से मूवमेंट कराने पर भी बात की गई.

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वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस ने बीते सालों में काफी कुछ हासिल किया है. संवेदनशील पुलिसिंग की ओर भी काफी काम हुआ है. साइबर में बहुत काम हुआ है. अपराध एवं कानून व्यवस्था में उत्तराखंड पुलिस देशभर में सबसे अच्छा काम कर रही हैं. आधारभूत संरचना और आधुनिकीरण हेतु शासन की मदद की आवश्यकता भी बताई. वहीं, अपर मुख्य सचिव ने शासन की ओर से सहयोग करने की बात कही.

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