ETV Bharat / state

आमरण अनशन पर डटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

बीते 36 दिनों से मानदेय वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हालत खराब हो गई. इसके चलते पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारी को दून अस्पताल में भर्ती करवाया.

anganwadi worker
आंगनबाड़ी कार्यकत्री को पुलिस ने उठाया
author img

By

Published : Jan 13, 2020, 11:14 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 11:36 PM IST

देहरादून: मानदेय वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीते 36 दिनों से धरने पर डटी हैं. आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ गई. इस कारण पुलिस ने महिला को जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया. वहीं, कार्यकर्ताओं ने बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

दरअसल, परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशि थापा को पुलिस ने धरना स्थल से जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करवा दिया. इसके बाद शशि थापा की जगह अब मनोरमा नौटियाल आमरण अनशन पर बैठ गई हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पुलिस ने उठाया
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पुलिस ने उठाया

आंगनबाड़ी सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि धरना स्थल में आमरण अनशन पर बैठी दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने भले ही जबरन उठा दिया है. लेकिन, सरकार ये न सोचे कि दो कार्यकर्ताओं को आमरण अनशन से उठाने पर उनका आंदोलन समाप्त हो जाएगा. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वो अपनी मांगों को लेकर डटी रहेंगी.

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से राज्यमंत्री रेखा आर्य गलत बयानबाजी कर रही है. उनके अनुसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2018 में बढ़ाया जा चुका है. जबकि सत्यता ये है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया था. लेकिन, राज्य सरकार से अपने मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं. जबकि राज्य सरकार धन का रोना रो रही है. आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीएम त्रिवेंद्र रावत से मांग की कि मार्च में आंगनबाड़ियों के मानदेय से जुड़ा खर्च भी बजट में जोड़ा जाए.

ये भी पढ़ें: पौड़ीः नदी में गिरी महिला, तीन दिन बाद शव बरामद

बता दें कि पिछले दिनों आमरण अनशन पर बैठी प्रदर्शनकारी सविता शर्मा को भी तबीयत बिगड़ने पर दून अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जिसकी जगह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम पालीवाल आमरण अनशन पर बैठ गई थी. आज शाम पुलिस ने शुरुआत से आमरण अनशन पर बैठी शशि थापा को स्वास्थ्य कारणों के चलते दून अस्पताल में भर्ती किया.

गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर से 18 हजार रुपये मानदेय की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंदोलनरत हैं. बीते शुक्रवार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

देहरादून: मानदेय वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीते 36 दिनों से धरने पर डटी हैं. आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ गई. इस कारण पुलिस ने महिला को जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया. वहीं, कार्यकर्ताओं ने बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

दरअसल, परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशि थापा को पुलिस ने धरना स्थल से जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करवा दिया. इसके बाद शशि थापा की जगह अब मनोरमा नौटियाल आमरण अनशन पर बैठ गई हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पुलिस ने उठाया
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पुलिस ने उठाया

आंगनबाड़ी सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि धरना स्थल में आमरण अनशन पर बैठी दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने भले ही जबरन उठा दिया है. लेकिन, सरकार ये न सोचे कि दो कार्यकर्ताओं को आमरण अनशन से उठाने पर उनका आंदोलन समाप्त हो जाएगा. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वो अपनी मांगों को लेकर डटी रहेंगी.

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से राज्यमंत्री रेखा आर्य गलत बयानबाजी कर रही है. उनके अनुसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2018 में बढ़ाया जा चुका है. जबकि सत्यता ये है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया था. लेकिन, राज्य सरकार से अपने मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं. जबकि राज्य सरकार धन का रोना रो रही है. आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीएम त्रिवेंद्र रावत से मांग की कि मार्च में आंगनबाड़ियों के मानदेय से जुड़ा खर्च भी बजट में जोड़ा जाए.

ये भी पढ़ें: पौड़ीः नदी में गिरी महिला, तीन दिन बाद शव बरामद

बता दें कि पिछले दिनों आमरण अनशन पर बैठी प्रदर्शनकारी सविता शर्मा को भी तबीयत बिगड़ने पर दून अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जिसकी जगह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम पालीवाल आमरण अनशन पर बैठ गई थी. आज शाम पुलिस ने शुरुआत से आमरण अनशन पर बैठी शशि थापा को स्वास्थ्य कारणों के चलते दून अस्पताल में भर्ती किया.

गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर से 18 हजार रुपये मानदेय की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंदोलनरत हैं. बीते शुक्रवार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

Intro:मानदेय वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बीते 36 दिनों से धरना स्थल पर बैठी हुई है। आज आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकत्री के स्वास्थ्य को देखते हुए पुलिस ने जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया, इस दौरान कार्यकत्रियों ने बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जताया।
summary- बीते 36 दिनों से मानदेय वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकत्री को पुलिस ने उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करवा दिया है।


Body: दरअसल परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंगनबाडी सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की ओर से दिये जा रहे धरने में आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकत्री शशि थापा को पुलिस ने धरना स्थल से जबरन उठाकर दून अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए भर्ती करवा दिया है। जिसकी जगह अब मनोरमा नौटियाल आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। वहीं आंगनबाड़ी सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि धरना स्थल में आमरण अनशन पर बैठी दो आंगनवाडी कार्यकत्रियों को पुलिस ने भले ही जबरन उठा दिया है, मगर सरकार ये ना सोचे कि दो कार्यकत्रियों को आमरण अनशन से उठाने पर उनका आंदोलन समाप्त हो जाएगा। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां मांगे पूरी होने तक आंदोलन मे डटी रहेंगी, उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राज्यमंत्री रेखा आर्य गलत बयान बाजी कर रही है और कह रही है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय 2018 में बढ़ाया जा चुका है जबकि सत्यता यह है कि केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया लेवल पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाया गया था। मगर हम राज्य सरकार से अपने मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जबकि राज्य सरकार धन का रोना रो रही है, आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सीएम त्रिवेंद्र रावत से यह कहना चाहती हैं कि मार्च फाइनल में जो बजट सत्र आता है उसमें आंगनबाड़ी का बजट भी रखा जाए ताकि मुख्यमंत्री अपनी बहनों का मानदेय बढ़ा सकें।

बाईट-रेखा नेगी,अध्यक्ष, आंगनबाड़ी मिनी सेविका कर्मचारी संगठन


Conclusion:बीते रोज आमरण अनशन पर बैठी सविता शर्मा की हालत को देखते हुए उसे दून अस्पताल में भर्ती करवा दिया था, जिसकी जगह आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीलम पालीवाल आमरण अनशन पर बैठ गई थी। आज शाम पुलिस ने शुरुआत से आमरण अनशन पर बैठी शशि थापा के स्वास्थ्य को ध्यान मे देखते हुए धरना स्थल से उठा दिया, और 108 के माध्यम से दून अस्पताल भर्ती करवा दिया, जिसकी जगह मनोरमा नौटियाल धरने पर बैठ गई हैं। गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर से मानदेय 18 हजार रुपए किए जाने की मांग को लेकर आंगनवाडी कार्यकत्रियां परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, बीते शुक्रवार से आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। वही आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारी आमरण अनशन के लिए मजबूर हुए हैं, धीरे धीरे सभी कर्मचारी आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे।
Last Updated : Jan 13, 2020, 11:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.