देहरादून: मानदेय वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीते 36 दिनों से धरने पर डटी हैं. आमरण अनशन पर बैठी एक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ गई. इस कारण पुलिस ने महिला को जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया. वहीं, कार्यकर्ताओं ने बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया.
दरअसल, परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशि थापा को पुलिस ने धरना स्थल से जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करवा दिया. इसके बाद शशि थापा की जगह अब मनोरमा नौटियाल आमरण अनशन पर बैठ गई हैं.
आंगनबाड़ी सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि धरना स्थल में आमरण अनशन पर बैठी दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने भले ही जबरन उठा दिया है. लेकिन, सरकार ये न सोचे कि दो कार्यकर्ताओं को आमरण अनशन से उठाने पर उनका आंदोलन समाप्त हो जाएगा. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वो अपनी मांगों को लेकर डटी रहेंगी.
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से राज्यमंत्री रेखा आर्य गलत बयानबाजी कर रही है. उनके अनुसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2018 में बढ़ाया जा चुका है. जबकि सत्यता ये है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया था. लेकिन, राज्य सरकार से अपने मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं. जबकि राज्य सरकार धन का रोना रो रही है. आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीएम त्रिवेंद्र रावत से मांग की कि मार्च में आंगनबाड़ियों के मानदेय से जुड़ा खर्च भी बजट में जोड़ा जाए.
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बता दें कि पिछले दिनों आमरण अनशन पर बैठी प्रदर्शनकारी सविता शर्मा को भी तबीयत बिगड़ने पर दून अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जिसकी जगह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम पालीवाल आमरण अनशन पर बैठ गई थी. आज शाम पुलिस ने शुरुआत से आमरण अनशन पर बैठी शशि थापा को स्वास्थ्य कारणों के चलते दून अस्पताल में भर्ती किया.
गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर से 18 हजार रुपये मानदेय की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर आंदोलनरत हैं. बीते शुक्रवार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.