ETV Bharat / state

दून में भारी बारिश के बीच पढ़ी गई बकरीद की नमाज, इंसानियत के लिए मांगी दुआएं - City Qazi Mohammad Ahmed Kasami

उत्तराखंड में हर्षोल्लास के साथ बकरीद का त्योहार मनाया गया. इस दौरान राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए.

"ईद उल अजहा" की नमाज आदा करते मुस्लिम समाज के लोग.
author img

By

Published : Aug 12, 2019, 2:35 PM IST

देहरादून: देशभर में आज बकरीद का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. वहीं नगर में भारी बारिश के बावजूद कैंट क्षेत्र में स्थित ईदगाह में बकरीद की नमाज पढ़ी गई. इस दौरान नमाजियों ने देश में अमन-शांति, भाईचारे और इंसानियत को लेकर दुआएं मांगी. नमाज पूरी होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को उत्साह से गले लगाकर ईद की मुबारक दी. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे.

शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने इस मौके पर संदेश देते हुए कहा कि हर धर्म समुदाय का इंसान एक ही मां बाप की औलाद है. ऐसे में सभी मजहबों के साथ भाई-चारा, अमन-शांति और इंसानियत बरकरार रखकर हमें सौहार्द पूर्ण माहौल में जिंदगी गुजर-बसर करनी चाहिए. शहर काजी ने कहा कि हमने दुआ की है कि हिंदुस्तान में अमन-शांति बनी रहे और देश की तरक्की के लिए सभी समुदाय के लोग आपसी प्रेम मोहब्बत का पैगाम देते हुए देश की उन्नति में अपना हाथ बढ़ाएं.

मुस्लिम समाज ने हर्षो-उल्लास के साथ अदा की "ईद उल अजहा" की नमाज.

ये भी पढ़े: त्योहारों को देखते हुए पुलिस अलर्ट, लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील

वहीं शहर काजी ने इस मौके पर बताया कि हजरत मोहम्मद साहब ने कुर्बानी के लिए अपने पुत्र को बलिदान करने की ठानी थी, लेकिन ऊपर वाले की नियामत से ऐसा नहीं हो सका. जिसके बाद दुम्मा बकरीद को कुर्बानी के नाम से हम हजारों वर्षों से मनाते आए हैं. यह कुर्बानी जिंदगी में हर बुरे कर्म से तौबा करने की कुर्बानी है. साथ ही कहा कि हिंदुस्तान में अमन शांति और इंसानियत बनी रहे इन्हीं दुआओं के साथ हर बुराई की कुर्बानी देना जरूरी है.

देहरादून: देशभर में आज बकरीद का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. वहीं नगर में भारी बारिश के बावजूद कैंट क्षेत्र में स्थित ईदगाह में बकरीद की नमाज पढ़ी गई. इस दौरान नमाजियों ने देश में अमन-शांति, भाईचारे और इंसानियत को लेकर दुआएं मांगी. नमाज पूरी होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को उत्साह से गले लगाकर ईद की मुबारक दी. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे.

शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने इस मौके पर संदेश देते हुए कहा कि हर धर्म समुदाय का इंसान एक ही मां बाप की औलाद है. ऐसे में सभी मजहबों के साथ भाई-चारा, अमन-शांति और इंसानियत बरकरार रखकर हमें सौहार्द पूर्ण माहौल में जिंदगी गुजर-बसर करनी चाहिए. शहर काजी ने कहा कि हमने दुआ की है कि हिंदुस्तान में अमन-शांति बनी रहे और देश की तरक्की के लिए सभी समुदाय के लोग आपसी प्रेम मोहब्बत का पैगाम देते हुए देश की उन्नति में अपना हाथ बढ़ाएं.

मुस्लिम समाज ने हर्षो-उल्लास के साथ अदा की "ईद उल अजहा" की नमाज.

ये भी पढ़े: त्योहारों को देखते हुए पुलिस अलर्ट, लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील

वहीं शहर काजी ने इस मौके पर बताया कि हजरत मोहम्मद साहब ने कुर्बानी के लिए अपने पुत्र को बलिदान करने की ठानी थी, लेकिन ऊपर वाले की नियामत से ऐसा नहीं हो सका. जिसके बाद दुम्मा बकरीद को कुर्बानी के नाम से हम हजारों वर्षों से मनाते आए हैं. यह कुर्बानी जिंदगी में हर बुरे कर्म से तौबा करने की कुर्बानी है. साथ ही कहा कि हिंदुस्तान में अमन शांति और इंसानियत बनी रहे इन्हीं दुआओं के साथ हर बुराई की कुर्बानी देना जरूरी है.

Intro:summary-भारी बारिश के दौरान बक़रीद की नमाज़ हर्सोल्लास के साथ अदा की गई,देश में अमन शांति भाईचारे की दुआएं मांगी गई। "ईद उल अज़हा" त्यौहार को लेकर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मुस्लिम समुदाय में भारी उत्साह का माहौल. ख़ुदा हर बुराई के लिए कुर्बानी मांगता हैं: काजी, प्रतिबंधित जानवरों कुर्बानी से बचना होगा:शहर काजी


देशभर में जहां "ईद उल अज़हा" बक़रीद का त्यौहार जहां धूमधाम से मनाया जा रहा है वहीं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी भारी बारिश के दौरान ईदगाह में शहर की सबसे बड़ी नमाज को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मुस्लिम समुदाय द्वारा अदा किया गया। मौसम की बेरुखी के बावजूद नमाज अदा करने में छोटे से लेकर बुजुर्गों तक में खासा उत्साह देखा गया. केंट क्षेत्र में स्थित ईदगाह में ठीक 9:05 में पड़ी गई "ईद उल अज़हा" की नमाज में देश में अमन शांति भाईचारा और इंसानियत को लेकर दुआएं मांगी गई। बकरीद की नमाज पूरी होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को उत्साह से गले लगाकर ईद की मुबारक देते हुए एक दूसरे का मुंह मीठा करते हुए बकरीद बधाई दी। नमाज शुरू होने से लेकर अंत तक बारिश का मौसम बना रहा लेकिन ईद की ख़ुशी में मौसम किसी तरह से इस व्यवधान ना बन सका.. नमाज़ के दौरान एतिहातन कानून व्यवस्था को चौबंद करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल ईदगाह के आसपास तैनात की गई ।


Body:हिंदुस्तान में अमन शांति और इंसानियत बनी रहे इन्हीं दुआओं के साथ हर बुराई की कुर्बानी देना जरूरी है:शहर काजी

वही बकरीद की नमाज अदा होने के बाद एक दूसरे को ईद की मुबारक देते हुए शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने इस मौके पर संदेश देते हुए कहा कि हर धर्म समुदाय का इंसान एक ही मां बाप की औलाद है ऐसे में सभी मज़हब के साथ भाईचारा अमन शांति और इंसानियत बरकरार रखकर हमें सौहार्द पूर्ण माहौल में जिंदगी गुजर बसर करनी चाहिए। किसी भी मुल्क मैं समाज और देश की तरक्की तभी हो सकती है जब सभी धर्म एक जुट होकर भाईचारे और इंसानियत की भावना से मिलजुल कर रहे शहर काजी ने कहा कि हमने दुआ की है कि हिंदुस्तान में अमरों शांति बनी रहे और देश तरक्की के लिए सभी समुदाय के लोग आपसी प्रेम मोहब्बत का पैगाम देते हुए देश की उन्नति में अपना हाथ बढ़ाएं।

देहरादून शहर काजी ने बकरीद नमाज में हर मुस्लिम समुदाय को मुबारकबाद देते हुए कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने कुर्बानी के लिए अपने पुत्र को बलिदान करने की ठानी लेकिन ऊपर वाले की नियामत से ऐसा नहीं हो सका जिसके बाद दुम्मा बकरीद को कुर्बानी के नाम से हम हजारों वर्षों से मनाते आए हैं यह कुर्बानी जिंदगी में हर बुरे कर्म से तौबा करने की कुर्बानी है।

बाईट- मोहम्मद अहमद कासमी,शहर काजी


Conclusion:कुर्बानी का मतलब हर बुराई से तौबा.. इंसानियत बरकरार रहे-नईम अहमद

वही बकरीद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के युवाओं ने देश में प्रेम और मोहब्बत का पैगाम देते हुए कहा कि देश तभी तरक्की कर सकता है जब हम अल्लाह के बताए हुए नेकी और इंसानियत के रास्ते पर खुद को चलाना सीखे.. हजरत मोहम्मद साहब ने कुर्बानी का मतलब हमें हर बुराई अहंकार द्वेष की भावना को छोड़...अमन चैन बनाकर भाईचारे के साथ जिंदगी जीने का सिला दिया हैं। नमाजी नईम अहमद ने देश दुनिया के मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की कि वह इस मुबारक दिन में किसी भी तरह के प्रतिबंध जानवरों की कुर्बानी से बचे। सच्ची कुर्बानी तभी मानी जाएगी जब हम हर बुराई और नफ़रत की दीवार को तोड़कर हर मज़हब का सम्मान कर इंसानियत को जिंदा रख सके।

बाइट- नईम अहमद
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.