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कोरोना लॉकडाउन के बीच 'ईद' मुबारक, मुस्लिम समुदाय ने घर से ही मांगी खैरियत की दुआ - eid celebrations in uttarakhand

रविवार को ईद का चांद दिखने के बाद आज देशभर में ईद मनाई गई. भले ही इस बार कोरोना और लॉकडाउन का असर ईद पर पड़ा हो मगर फिर भी इसकी रौनक में कोई कमी नजर नहीं आई. इस बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में ही उत्साह और सादगी के साथ ईद मनाई.

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लॉकडाउन और कोरोना के बीच 'ईद' मुबारक
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Published : May 25, 2020, 3:26 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 7:30 PM IST

देहरादून: ईद-उल-फितर, मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. एक महीने के रमजान पूरा होने के बाद ईद मनाई जाती है. जिसे ‘मीठी ईद’ कहते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार ईद की रौनक फीकी ही नजर आयी. ईद के मौके पर पहली बार ऐसा हुआ कि लोगों ने घरों में रहकर ही ईद की नमाज अता की. इस बार लॉकडाउन और कोरोना से लड़ते हुए मुस्लिम समुदाय ने घरों से ही सबकी खैरियत की दुआ मांगी.

रविवार को ईद का चांद दिखने के बाद आज देशभर में ईद मनाई गई. भले ही इस बार कोरोना और लॉकडाउन का असर ईद पर पड़ा हो मगर फिर भी इसकी रौनक में कोई कमी नजर नहीं आई. इस बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में ही उत्साह और सादगी के साथ ईद मनाई.

लॉकडाउन और कोरोना के बीच 'ईद' मुबारक

पढ़ें- थराली में कोरोना का एक और केस मिला, राज्य में आंकड़ा पहुंचा 330

ईद के पाक मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने जावेद नाम के युवक के घर पहुंचकर उनके साथ इस त्योहार के बारे में जाना. कैसे ये ईद मनाई जाती है, इसे लेकर क्या तैयारियां की जाती हैं और ऐसी क्या चीजें होती हैं जिन्हें ईद पर विशेष तौर से ध्यान में रखा जाता है, ये सब जानने के लिए हमने जावेद के परिवार से बात की. जावेद के फैमिली मेंबर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया उनके परिवार ने सुबह से ही ईद की तैयारियां शुरू कर थीं. ईद साल भर में एक बार आता है इसलिए इसमें कोई कमी नहीं की जाती है. उन्होंने बताया 30 दिन रोजा रखने के बाद जब रोजा मुकम्मल हो जाता है तो उसकी सफलता की खुशी में ईद मनायी जाता है.

पढ़ें- पूरे देश में आज मनाई जा रही ईद, पीएम मोदी ने दी बधाई

जावेद के अब्बू ने बताया कि ईद का त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला वसल्लम के उसूलों पर आधारित है. अल्लाह ताला ने उन्हें तीस रोजे रखने का फरमान जारी किया है. जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग अमल में लाते हैं. तीस दिन रोजा रखने और चांद देखने के बाद रोजा मुकम्मल होता है.जिसकी खुशी में ईद मनायी जाती है.

पढ़ें- रियलिटी चेक: छूट के बाद 'घूमे' पहिए, कितने सावधान, कितने सतर्क 'पब्लिक ट्रांसपोर्टर'

कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच पूरे देश में आज धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया गया. दुनियाभर में ऐसा पहली बार हुआ जब मुस्लिम भाई अपने सबसे बड़े पर्व ईद-उल-फितर की नमाज मस्जिद या ईदगाह पर नहीं, बल्कि घर में ही अदा कर रहे हैं.

पवित्र रमजान माह के बाद रविवार को चांद नजर आते ही एक-दूसरे को मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हो गया था. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दी.

देहरादून: ईद-उल-फितर, मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. एक महीने के रमजान पूरा होने के बाद ईद मनाई जाती है. जिसे ‘मीठी ईद’ कहते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार ईद की रौनक फीकी ही नजर आयी. ईद के मौके पर पहली बार ऐसा हुआ कि लोगों ने घरों में रहकर ही ईद की नमाज अता की. इस बार लॉकडाउन और कोरोना से लड़ते हुए मुस्लिम समुदाय ने घरों से ही सबकी खैरियत की दुआ मांगी.

रविवार को ईद का चांद दिखने के बाद आज देशभर में ईद मनाई गई. भले ही इस बार कोरोना और लॉकडाउन का असर ईद पर पड़ा हो मगर फिर भी इसकी रौनक में कोई कमी नजर नहीं आई. इस बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में ही उत्साह और सादगी के साथ ईद मनाई.

लॉकडाउन और कोरोना के बीच 'ईद' मुबारक

पढ़ें- थराली में कोरोना का एक और केस मिला, राज्य में आंकड़ा पहुंचा 330

ईद के पाक मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने जावेद नाम के युवक के घर पहुंचकर उनके साथ इस त्योहार के बारे में जाना. कैसे ये ईद मनाई जाती है, इसे लेकर क्या तैयारियां की जाती हैं और ऐसी क्या चीजें होती हैं जिन्हें ईद पर विशेष तौर से ध्यान में रखा जाता है, ये सब जानने के लिए हमने जावेद के परिवार से बात की. जावेद के फैमिली मेंबर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया उनके परिवार ने सुबह से ही ईद की तैयारियां शुरू कर थीं. ईद साल भर में एक बार आता है इसलिए इसमें कोई कमी नहीं की जाती है. उन्होंने बताया 30 दिन रोजा रखने के बाद जब रोजा मुकम्मल हो जाता है तो उसकी सफलता की खुशी में ईद मनायी जाता है.

पढ़ें- पूरे देश में आज मनाई जा रही ईद, पीएम मोदी ने दी बधाई

जावेद के अब्बू ने बताया कि ईद का त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला वसल्लम के उसूलों पर आधारित है. अल्लाह ताला ने उन्हें तीस रोजे रखने का फरमान जारी किया है. जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग अमल में लाते हैं. तीस दिन रोजा रखने और चांद देखने के बाद रोजा मुकम्मल होता है.जिसकी खुशी में ईद मनायी जाती है.

पढ़ें- रियलिटी चेक: छूट के बाद 'घूमे' पहिए, कितने सावधान, कितने सतर्क 'पब्लिक ट्रांसपोर्टर'

कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच पूरे देश में आज धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया गया. दुनियाभर में ऐसा पहली बार हुआ जब मुस्लिम भाई अपने सबसे बड़े पर्व ईद-उल-फितर की नमाज मस्जिद या ईदगाह पर नहीं, बल्कि घर में ही अदा कर रहे हैं.

पवित्र रमजान माह के बाद रविवार को चांद नजर आते ही एक-दूसरे को मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हो गया था. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दी.

Last Updated : Jun 2, 2020, 7:30 PM IST
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