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कोरोना से लड़ने को 'रोबोट' तैयार, मरीजों तक पहुंचाएगा दवा - टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर

ग्राफिक एरा विवि के पूर्व छात्रों ने डॉक्टरों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए एक रोबोट बनाया है.

robots to fight the corona virus
कोरोना से लड़ने को 'रोबोट' तैयार
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Published : Apr 18, 2020, 11:30 PM IST

देहरादून: कोरोना वायरस से हो रही जंग में हर कोई अपनी भूमिका अदा कर रहा है. देहरादून के कुछ युवाओं ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया गया है, जो कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करेगा. ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के स्टार्टअप सेंटर में पूर्व छात्रों ने कोरोना से लड़ने को रोबोट तैयार किया है. इस रोबोट का एम्स दिल्ली में सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया गया.

ग्राफिक एरा के टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए डॉक्टरों और पुलिस की जरूरतों के मुताबिक नया रोबोट और ड्रोन तैयार किया है. ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के डीटाउन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मानस उपाध्याय और अविनाश चंद्र पाल ने कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने और डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए एक खास रोबोट तैयार किया है. यह रोबोट मरीजों तक दवाई पहुंचाने के साथ ही उनकी डॉक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी कराएगा.

robots to fight the corona virus.
ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बनाया ड्रोन

ये भी पढ़ें: उत्तराखंडः 26 दिन से गुफा में छिपे थे पांच विदेशी, पुलिस ने किया क्वारंटाइन

ऐसे करेगा मदद

मानस उपाध्याय बताते हैं कि यह रोबोट डॉक्टरों को कोरोना के मरीजों के सीधे संपर्क में आने से बचाएगा. इसके जरिए मरीज को दवा देने से लेकर उसकी डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तक की जा सकती है. साथ ही यह रोबोट आइसोलेशन में रखे मरीज के कमरे से कचरा हटाने का काम भी कर सकता है. इसके साथ ही पूर्व छात्रों की डीटाउन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किसी क्षेत्र की सर्विलांस करने, लोगों की आवाजाही की स्थिति जानने, आवश्यक चीजों की डिलीवरी और भीड़ में गए बगैर लाइव या रिकॉर्डेड घोषणाएं करने के लिए ड्रोन भी तैयार किया है.

ग्राफिक एरा के इसी टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर में खोली गई एक अन्य कंपनी एवीके एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने कोरोना से जंग में शामिल डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के लिए फेस शील्ड तैयार की है. टी.बी.आई. के सीईओ डॉ. विशाल जेसी इन फेस शील्ड का प्रदर्शन जिला प्रशासन की टीम के सामने किया. साथ ही 40 फेस शील्ड प्रशासन को सौंपा.

ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि शिक्षा को नई तकनीकों से जोड़ने, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में प्रेक्टिकल और विशेषज्ञों की सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने का परिणाम है कि आज छात्र और पूर्व छात्र देश-समाज की जरूरतों से जुड़ी खोज कर रहे हैं.

देहरादून: कोरोना वायरस से हो रही जंग में हर कोई अपनी भूमिका अदा कर रहा है. देहरादून के कुछ युवाओं ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया गया है, जो कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करेगा. ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के स्टार्टअप सेंटर में पूर्व छात्रों ने कोरोना से लड़ने को रोबोट तैयार किया है. इस रोबोट का एम्स दिल्ली में सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया गया.

ग्राफिक एरा के टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए डॉक्टरों और पुलिस की जरूरतों के मुताबिक नया रोबोट और ड्रोन तैयार किया है. ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के डीटाउन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मानस उपाध्याय और अविनाश चंद्र पाल ने कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने और डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए एक खास रोबोट तैयार किया है. यह रोबोट मरीजों तक दवाई पहुंचाने के साथ ही उनकी डॉक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी कराएगा.

robots to fight the corona virus.
ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बनाया ड्रोन

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ऐसे करेगा मदद

मानस उपाध्याय बताते हैं कि यह रोबोट डॉक्टरों को कोरोना के मरीजों के सीधे संपर्क में आने से बचाएगा. इसके जरिए मरीज को दवा देने से लेकर उसकी डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तक की जा सकती है. साथ ही यह रोबोट आइसोलेशन में रखे मरीज के कमरे से कचरा हटाने का काम भी कर सकता है. इसके साथ ही पूर्व छात्रों की डीटाउन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किसी क्षेत्र की सर्विलांस करने, लोगों की आवाजाही की स्थिति जानने, आवश्यक चीजों की डिलीवरी और भीड़ में गए बगैर लाइव या रिकॉर्डेड घोषणाएं करने के लिए ड्रोन भी तैयार किया है.

ग्राफिक एरा के इसी टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर में खोली गई एक अन्य कंपनी एवीके एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने कोरोना से जंग में शामिल डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के लिए फेस शील्ड तैयार की है. टी.बी.आई. के सीईओ डॉ. विशाल जेसी इन फेस शील्ड का प्रदर्शन जिला प्रशासन की टीम के सामने किया. साथ ही 40 फेस शील्ड प्रशासन को सौंपा.

ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि शिक्षा को नई तकनीकों से जोड़ने, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में प्रेक्टिकल और विशेषज्ञों की सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने का परिणाम है कि आज छात्र और पूर्व छात्र देश-समाज की जरूरतों से जुड़ी खोज कर रहे हैं.

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