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पर्यावरणीय अध्ययन तय करेगा ऑल वेदर रोड का भविष्य, दून में होगी कमेटी की पहली बैठक

उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर्यावरणीय आपत्तियों के बाद ठंडे बस्ते में है. इसी कड़ी में चार धाम को जोड़ने वाले ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने वाली कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है. आगामी 30 सितंबर को होने वाली इस बैठक में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन को लेकर चिंतन किया जाएगा.

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Published : Sep 27, 2019, 11:16 PM IST

देहरादूनः मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑल वेदर रोड का भविष्य अब पर्यावरणीय अध्ययन की रिपोर्ट पर टिक गया है. अध्ययन के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है. जिसके बाद जांच तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

पर्यावरणीय अध्ययन तय करेगा ऑल वेदर रोड का भविष्य.

गौर हो कि, ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़क निर्माण के दौरान पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी बातों का ध्यान नहीं रखने की शिकायतें एनजीटी से की गई थी. जिसके बाद एनजीटी ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. हालांकि, एनजीटी इस पूरे प्रोजेक्ट पर ही पहले रोक लगा चुका है. लेकिन, मामला कोर्ट में जाने के बाद पहले से चल रहे कामों को जारी रखने की इजाजत दी गई है.

ये भी पढ़ेंः नवरात्रि से पहले नए रूप में दिखेगा बदरीनाथ धाम, लगाई जा रही विशेष टाइल्स

राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर्यावरणीय आपत्तियों के बाद ठंडे बस्ते में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरणीय अध्ययन के लिए एक कमेटी का विस्तार किया गया था. कोर्ट के आदेश पर ही पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा को इसका अध्यक्ष भी बनाया गया है. इसी कड़ी में चार धाम को जोड़ने वाले ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने वाली इस कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है.

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पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा.

ये भी पढ़ेंः उच्च हिमालयी क्षेत्रों से प्रवास के लिए निचले इलाके में आने लगे लोग, कर सकेंगे मतदान

आगामी 30 सितंबर को होने वाली इस बैठक में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन को लेकर चिंतन किया जाएगा. बता दें कि, प्रोजेक्ट के अध्ययन को लेकर इस कमेटी को 4 महीने का समय दिया गया है. इस दौरान 11 सदस्यीय कमेटी प्रोजेक्ट निर्माण से पर्यावरण पर पड़ रहे असर और निर्माण के दौरान निकल रहे मलबे के डिस्पोज का अध्ययन करेगी. साथ ही प्रोजेक्ट निर्माण पर अपने उपाय भी रिपोर्ट में शामिल करेगी. ऐसे में ऑल वेदर रोड का भविष्य इसी कमेटी की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा.

देहरादूनः मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑल वेदर रोड का भविष्य अब पर्यावरणीय अध्ययन की रिपोर्ट पर टिक गया है. अध्ययन के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है. जिसके बाद जांच तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

पर्यावरणीय अध्ययन तय करेगा ऑल वेदर रोड का भविष्य.

गौर हो कि, ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़क निर्माण के दौरान पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी बातों का ध्यान नहीं रखने की शिकायतें एनजीटी से की गई थी. जिसके बाद एनजीटी ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. हालांकि, एनजीटी इस पूरे प्रोजेक्ट पर ही पहले रोक लगा चुका है. लेकिन, मामला कोर्ट में जाने के बाद पहले से चल रहे कामों को जारी रखने की इजाजत दी गई है.

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राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर्यावरणीय आपत्तियों के बाद ठंडे बस्ते में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरणीय अध्ययन के लिए एक कमेटी का विस्तार किया गया था. कोर्ट के आदेश पर ही पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा को इसका अध्यक्ष भी बनाया गया है. इसी कड़ी में चार धाम को जोड़ने वाले ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने वाली इस कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है.

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पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा.

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आगामी 30 सितंबर को होने वाली इस बैठक में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन को लेकर चिंतन किया जाएगा. बता दें कि, प्रोजेक्ट के अध्ययन को लेकर इस कमेटी को 4 महीने का समय दिया गया है. इस दौरान 11 सदस्यीय कमेटी प्रोजेक्ट निर्माण से पर्यावरण पर पड़ रहे असर और निर्माण के दौरान निकल रहे मलबे के डिस्पोज का अध्ययन करेगी. साथ ही प्रोजेक्ट निर्माण पर अपने उपाय भी रिपोर्ट में शामिल करेगी. ऐसे में ऑल वेदर रोड का भविष्य इसी कमेटी की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा.

Intro:विजुअल एफटीपी से भेजे गए हैं

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summary- मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑल वेदर रोड का भविष्य अब पर्यावरणीय अध्ययन की रिपोर्ट पर टिक गया है... अध्ययन के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक दून में होने जा रही है... जिसके बाद जांच के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है....


Body:राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर्यावरणीय आपत्तियों के बाद ठंडे बस्ते में है... हालांकि एनजीटी इस पूरे प्रोजेक्ट पर ही पहले रोक लगा चुका है... लेकिन मामला कोर्ट में जाने के बाद पहले से चल रहे कामों को जारी रखने की इजाजत दी गई है... खास बात यह है कि एनजीटी द्वारा ऑल वेदर रोड बनाए जाने से पर्यावरणीय असर को भांपने के लिए बनाई गई कमेटी ने काम तेज कर दिया है... हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस कमेटी का विस्तार किया गया था, और कोर्ट के आदेश पर ही पर्यावरणविद रवि चोपड़ा को इसका अध्यक्ष भी बनाया गया है... चार धाम को जोड़ने वाले ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने वाली इस कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है... दून में 30 सितंबर को होने वाली इस बैठक में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन को लेकर चिंतन किया जाएगा... आपको बता दें की प्रोजेक्ट के अध्ययन को लेकर इस कमेटी को 4 महीने का वक्त दिया गया है... इस दौरान 11 सदस्यीय कमेटी प्रोजेक्ट निर्माण से पर्यावरण पर पड़ रहे असर और निर्माण के दौरान निकल रहे मलबे का डिस्पोज का अध्ययन करेगी... साथ ही प्रोजेक्ट निर्माण पर अपने उपाय भी रिपोर्ट में शामिल करेगी...

चार धाम के लिए बेहद खास मानी जाने वाली ऑल वेदर रोड का भविष्य इसी कमेटी की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा.... गौरतलब है कि चार धाम प्रोजेक्ट में सड़क निर्माण के दौरान पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी बातों का ध्यान नहीं रखने की शिकायतें एनजीटी को की गई थी... जिसके बाद एनजीटी ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के आदेश दिए थे.... हालांकि अब प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरण से जुड़े मसलों का अध्ययन करने से जुड़ा पूरा दारोमदार फिलहाल इसी कमेटी पर है....


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