ETV Bharat / state

कोरोना रोकथाम: एक साल तक अपने वेतन का 30 फीसदी हिस्सा देंगे सभी MLA

author img

By

Published : Aug 13, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 6:52 PM IST

उत्तराखंड सरकार के नए अध्यादेश के मुताबिक, सभी विधायक अपने वेतन का एक हिस्सा कोविड 19 रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे.

uttarakhand government
उत्तराखंड सरकार

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैबिनेट ने एक खास अध्यादेश पर मंजूरी दी है. अब सभी विधायक अपने वेतन का एक हिस्सा कोविड रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पक्ष विपक्ष के सभी विधायकों ने अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में जमा करने करने के लिए कहा था. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के आदेश के बाद भी गिने-चुने विधायकों ने ही इस पर अमल किया. लिहाजा, इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था, जिस पर आज त्रिवेंद्र कैबिनेट ने विराम लगा दिया है.

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक

इस पूरे मामले पर असमंजस की स्थिति के कारण पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए. लेकिन कैबिनेट में इस मामले पर सभी विधायकों के लिए एक अध्यादेश लाए जाने का निर्णय ले लिया गया है. कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अब सभी विधायकों के वेतन और भत्तों से भी कोविड-19 रोकथाम के लिए एक निश्चित धनराशि काटी जाएगी.

पढ़ेंः बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता कोरोना पॉजिटिव, AIIMS ऋषिकेश में भर्ती

मामले में जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी विधायकों को का कंफ्यूजन खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने "उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धिया और पेंशन संशोधन) अध्यादेश, 2020" लाने का फैसला ले लिया है, जिसमें एक साल तक 30 फीसदी वेतन भत्तों से धनराशि काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराई जाएगी.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैबिनेट ने एक खास अध्यादेश पर मंजूरी दी है. अब सभी विधायक अपने वेतन का एक हिस्सा कोविड रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पक्ष विपक्ष के सभी विधायकों ने अपने वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में जमा करने करने के लिए कहा था. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के आदेश के बाद भी गिने-चुने विधायकों ने ही इस पर अमल किया. लिहाजा, इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था, जिस पर आज त्रिवेंद्र कैबिनेट ने विराम लगा दिया है.

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक

इस पूरे मामले पर असमंजस की स्थिति के कारण पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए. लेकिन कैबिनेट में इस मामले पर सभी विधायकों के लिए एक अध्यादेश लाए जाने का निर्णय ले लिया गया है. कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अब सभी विधायकों के वेतन और भत्तों से भी कोविड-19 रोकथाम के लिए एक निश्चित धनराशि काटी जाएगी.

पढ़ेंः बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता कोरोना पॉजिटिव, AIIMS ऋषिकेश में भर्ती

मामले में जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी विधायकों को का कंफ्यूजन खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने "उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धिया और पेंशन संशोधन) अध्यादेश, 2020" लाने का फैसला ले लिया है, जिसमें एक साल तक 30 फीसदी वेतन भत्तों से धनराशि काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराई जाएगी.

Last Updated : Aug 13, 2020, 6:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.