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सस्ते गल्ले की दुकानें हुईं डिजिटलाइज, अब बायोमेट्रिक प्रणाली से मिलेगा राशन

सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर अब बायोमेट्रिक प्रणाली से राशन मिलेगा. ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि उत्तराखंड की सभी 9,225 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का डिजिटाइजेशन हो चुका है.

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राशन की दुकान समाचार
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Published : May 12, 2021, 11:39 AM IST

देहरादून: प्रदेश की सभी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में अब बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत ही सस्ता राशन मिल सकेगा. दरअसल लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रदेश की सभी 9,225 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का डिजिटाइजेशन हो चुका है. इसकी पुष्टि खाद्य विभाग के अपर सचिव प्रताप शाह की ओर से की गई है.
बता दें कि प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते राशन की दुकानों का डिजिटलाइजेशन का कार्य किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था. सरकार की ओर से पहले जिस कंपनी के साथ सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के डिजिटलाइजेशन को लेकर अनुबंध किया गया था, उस कंपनी ने दूरदराज के इलाकों की 1,809 दुकानों को डिजिटलाइज करने के बाद हाथ खड़े कर दिए.

इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रम बॉयकॉस्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड कंपनी (बेसिल) के साथ नए सिरे से अनुबंध कर शेष बची दुकानों के डिजिटलाइजेशन का कार्य आगे बढ़ाया. इनकी ओर से अब शेष बची सभी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों को डिजिटलाइज किया जा चुका है.

ये भी पढ़िए: ऑक्सीजन एक्सप्रेस देहरादून पहुंचने पर CM ने PM और रेल मंत्री का जताया आभार


हालांकि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश के कुछ राशन विक्रेता बायोमेट्रिक व्यवस्था को फिलहाल स्थगित करने की मांग कर रहे थे. लेकिन खाद्य मंत्री बंशीधर भगत की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि अब प्रदेश के सभी जनपदों में मौजूद सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत ही राशन वितरण किया जाएगा. इससे राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा, साथ ही प्रत्येक उपभोक्ता को समय पर राशन भी उपलब्ध हो सकेगा.

देहरादून: प्रदेश की सभी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में अब बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत ही सस्ता राशन मिल सकेगा. दरअसल लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रदेश की सभी 9,225 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का डिजिटाइजेशन हो चुका है. इसकी पुष्टि खाद्य विभाग के अपर सचिव प्रताप शाह की ओर से की गई है.
बता दें कि प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते राशन की दुकानों का डिजिटलाइजेशन का कार्य किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था. सरकार की ओर से पहले जिस कंपनी के साथ सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के डिजिटलाइजेशन को लेकर अनुबंध किया गया था, उस कंपनी ने दूरदराज के इलाकों की 1,809 दुकानों को डिजिटलाइज करने के बाद हाथ खड़े कर दिए.

इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रम बॉयकॉस्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड कंपनी (बेसिल) के साथ नए सिरे से अनुबंध कर शेष बची दुकानों के डिजिटलाइजेशन का कार्य आगे बढ़ाया. इनकी ओर से अब शेष बची सभी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों को डिजिटलाइज किया जा चुका है.

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हालांकि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश के कुछ राशन विक्रेता बायोमेट्रिक व्यवस्था को फिलहाल स्थगित करने की मांग कर रहे थे. लेकिन खाद्य मंत्री बंशीधर भगत की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि अब प्रदेश के सभी जनपदों में मौजूद सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत ही राशन वितरण किया जाएगा. इससे राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा, साथ ही प्रत्येक उपभोक्ता को समय पर राशन भी उपलब्ध हो सकेगा.

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