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महज शारीरिक व्यायाम बनकर रह गया योग: महंत नरेंद्र गिरी - President of Akhil Bhartiya Akhara Parishad

महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने यह बात मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में कही.

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी.
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Published : Mar 2, 2021, 10:00 AM IST

Updated : Mar 2, 2021, 2:14 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने योग पर एक चौंकाने वाली टिप्पणी की है. उनका मानना है कि आज के वक्त में जो दिखाया और सिखाया जा रहा है वह योग नहीं है. सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने इसे योग मानने से भी साफ इंकार कर दिया है.

महज शारीरिक व्यायाम बनकर रह गया योग.
महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने यह बात मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में कही. उन्होंने कहा कि योग का सीधा साधा मतलब आत्मा के परमात्मा से मिलन से है. कहा कि लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी दिनचर्या का जरा भी ख्याल नहीं रख रहे हैं. अगर वह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और सूर्योदय से पहले स्नान करें. समय पर भोजन कर लें, तो उन्हें कभी भी योग की जरूरत नहीं पड़ेगी.

पढ़ें-उड़ान योजना के लिए केंद्र पहुंची सरकार, मांगी सिंगल इंजन हेलीकाप्टर से संचालन की अनुमति
महंत नरेंद्र गिरी ने वर्तमान में सिखाए जाने वाले योग पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने इसे योग मानने से भी भरे मंच पर से साफ इनकार कर दिया. कहा कि मौजूदा समय में यह सिर्फ एक शारीरिक व्यायाम बनकर रह गया है, इससे आगे कुछ भी नहीं है. अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर नरेंद्र गिरी की इस टिप्पणी से आयोजन में मौजूद माननीय से लेकर तमाम जिज्ञासु स्तब्ध नजर आए, सिर्फ इतना ही नहीं उनके बयान से आयोजनकर्ता भी असहज दिखे.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने योग पर एक चौंकाने वाली टिप्पणी की है. उनका मानना है कि आज के वक्त में जो दिखाया और सिखाया जा रहा है वह योग नहीं है. सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने इसे योग मानने से भी साफ इंकार कर दिया है.

महज शारीरिक व्यायाम बनकर रह गया योग.
महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने यह बात मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में कही. उन्होंने कहा कि योग का सीधा साधा मतलब आत्मा के परमात्मा से मिलन से है. कहा कि लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी दिनचर्या का जरा भी ख्याल नहीं रख रहे हैं. अगर वह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और सूर्योदय से पहले स्नान करें. समय पर भोजन कर लें, तो उन्हें कभी भी योग की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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महंत नरेंद्र गिरी ने वर्तमान में सिखाए जाने वाले योग पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने इसे योग मानने से भी भरे मंच पर से साफ इनकार कर दिया. कहा कि मौजूदा समय में यह सिर्फ एक शारीरिक व्यायाम बनकर रह गया है, इससे आगे कुछ भी नहीं है. अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर नरेंद्र गिरी की इस टिप्पणी से आयोजन में मौजूद माननीय से लेकर तमाम जिज्ञासु स्तब्ध नजर आए, सिर्फ इतना ही नहीं उनके बयान से आयोजनकर्ता भी असहज दिखे.

Last Updated : Mar 2, 2021, 2:14 PM IST
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