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कोरोना कर्फ्यू के कारण उत्तराखंड के इन शहरों की आबोहवा में सुधार, मॉनसून का भी रोल

उत्तराखंड के तमाम प्रमुख शहरों में कोरोना कर्फ्यू और मॉनसून के कारण वायु गुणवत्ता (air quality) में काफी सुधार देखा गया है.

air quality improve in uttarakhand
उत्तराखंड की आबोहवा में हुआ सुधार.
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Published : Jul 21, 2021, 9:47 AM IST

Updated : Jul 22, 2021, 5:20 PM IST

देहरादून: देश के विभिन्न महानगरों की तर्ज पर मौसम में बदलाव के साथ ही वायु गुणवत्ता में भी बदलाव दर्ज किया जाता है. इसी के तहत अगर बात प्रदेश के तमाम प्रमुख शहरों जैसे देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर के वायु गुणवत्ता की करें तो इन सभी शहरों के वायु गुणवत्ता (Air quality ) में बीते तीन महीनों में काफी सुधार हुआ है. इसके पीछे की एक बड़ी वजह अप्रैल माह में लगा कोविड कर्फ्यू भी बताया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ मॉनसून की दस्तक से भी वायु गुणवत्ता में अच्छा सुधार दर्ज किया जा रहा है.

गौरतलब है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (pollution control board) के एयर क्वालिटी इंडेक्स (air quality index) के अनुसार कुछ पैमाने निर्धारित किए गए हैं, जिसके आधार पर इस बात का पता लगाया जाता है कि आखिर संबंधित शहर की हवा कितनी स्वच्छ और सुरक्षित है.

बता दें कि, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (nitrogen dioxide), कार्बन मोनोऑक्साइड (carbon monoxide) और सल्फर डाइऑक्साइड (Sulphur dioxide) की मात्रा को मापता है. अगर हवा में इनकी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक पाई जाती है तो यह इस ओर इशारा करता है कि संबंधित शहर की वायु दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है.

शहरों में वायु गुणवत्ता का हाल: नीचे दिए गए आंकड़ों पर पर अगर आप गौर करेंगे तो देखेंगे कि मई और जून माह की तुलना में मार्च और अप्रैल माह में लगभग इन सभी प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ चुका था.

  • शहर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) देहरादून में मार्च महीने में 217.07, अप्रैल में 227, मई में 125 और जून में 122 था.
  • ऋषिकेश में मार्च महीने में एयर क्वालिटी इंडेक्स 176, अप्रैल में भी 176, मई में 75.90 और जून में 74.80 था.
  • हरिद्वार में मार्च महीने में AQI 123, अप्रैल में 131, मई में 89.94 और जून में 89.40 रहा.
  • हल्द्वानी में मार्च महीने में AQI 116, अप्रैल में 110.4, मई में 84.51 और जून में 98.86 था.
  • रुद्रपुर में मार्च में AQI 127.89, अप्रैल में 122.32, मई में 129 और जून में 127 रहा.
  • काशीपुर में मार्च में AQI 121.37, अप्रैल में 115, मई में 122 और जून में 123.85 था.

इस शहरों में शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने की बड़ी वजह रही कि कोरोना की पहली लहर की दस्तक के बाद आम जनमानस जीवन सामान्य पटरी पर लौट चुका था. इस दौरान सभी औद्योगिक इकाइयां सामान्य तरह से संचालित हो रही थी साथ ही वाहनों का आवागमन भी सामान्य समय की तरह जारी था. लेकिन अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह तक कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के चलते प्रदेश में कोविड कर्फ्यू लगा दिया गया. जिसकी वजह एक बार वाहनों की आवाजाही एक बार फिर बंद हो गई, जिससे वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज हुई.

पढ़ें: कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य से पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त, लोगों को हो रही किल्लत

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) क्षेणी (हवा की गुणवत्ता) 0-50 अच्छी हवा, 51-100 संतोषजनक (moderate), 101-150 थोड़ा प्रदूषित, 151-200 खराब, 201-300 बहुत खराब, 301-500 गंभीर होती है. प्रदेश के इन तमाम शहरों के वायु प्रदूषण स्तर को अगर वायु प्रदूषण सूचकांक के मापदंडों से मापें तो अभी भी प्रदेश के उन तमाम शहरों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक के स्थिति में नजर नहीं आती. इस साल जून माह तक प्रदेश के इन तमाम शहरों में वायु प्रदूषण का जो स्तर रिकॉर्ड किया गया है, उसके मुताबिक ऋषिकेश, हरिद्वार और हल्द्वानी को छोड़कर अन्य सभी शहरों की हवा जहरीली होती जा रही है. इसके तहत मुख्य रूप से रुद्रपुर, काशीपुर और देहरादून तीन वह प्रमुख शहर हैं, जहां वायु प्रदूषण के ग्राफ में इजाफा देखने को मिल रहा है.

देहरादून: देश के विभिन्न महानगरों की तर्ज पर मौसम में बदलाव के साथ ही वायु गुणवत्ता में भी बदलाव दर्ज किया जाता है. इसी के तहत अगर बात प्रदेश के तमाम प्रमुख शहरों जैसे देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर के वायु गुणवत्ता की करें तो इन सभी शहरों के वायु गुणवत्ता (Air quality ) में बीते तीन महीनों में काफी सुधार हुआ है. इसके पीछे की एक बड़ी वजह अप्रैल माह में लगा कोविड कर्फ्यू भी बताया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ मॉनसून की दस्तक से भी वायु गुणवत्ता में अच्छा सुधार दर्ज किया जा रहा है.

गौरतलब है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (pollution control board) के एयर क्वालिटी इंडेक्स (air quality index) के अनुसार कुछ पैमाने निर्धारित किए गए हैं, जिसके आधार पर इस बात का पता लगाया जाता है कि आखिर संबंधित शहर की हवा कितनी स्वच्छ और सुरक्षित है.

बता दें कि, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (nitrogen dioxide), कार्बन मोनोऑक्साइड (carbon monoxide) और सल्फर डाइऑक्साइड (Sulphur dioxide) की मात्रा को मापता है. अगर हवा में इनकी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक पाई जाती है तो यह इस ओर इशारा करता है कि संबंधित शहर की वायु दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है.

शहरों में वायु गुणवत्ता का हाल: नीचे दिए गए आंकड़ों पर पर अगर आप गौर करेंगे तो देखेंगे कि मई और जून माह की तुलना में मार्च और अप्रैल माह में लगभग इन सभी प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ चुका था.

  • शहर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) देहरादून में मार्च महीने में 217.07, अप्रैल में 227, मई में 125 और जून में 122 था.
  • ऋषिकेश में मार्च महीने में एयर क्वालिटी इंडेक्स 176, अप्रैल में भी 176, मई में 75.90 और जून में 74.80 था.
  • हरिद्वार में मार्च महीने में AQI 123, अप्रैल में 131, मई में 89.94 और जून में 89.40 रहा.
  • हल्द्वानी में मार्च महीने में AQI 116, अप्रैल में 110.4, मई में 84.51 और जून में 98.86 था.
  • रुद्रपुर में मार्च में AQI 127.89, अप्रैल में 122.32, मई में 129 और जून में 127 रहा.
  • काशीपुर में मार्च में AQI 121.37, अप्रैल में 115, मई में 122 और जून में 123.85 था.

इस शहरों में शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने की बड़ी वजह रही कि कोरोना की पहली लहर की दस्तक के बाद आम जनमानस जीवन सामान्य पटरी पर लौट चुका था. इस दौरान सभी औद्योगिक इकाइयां सामान्य तरह से संचालित हो रही थी साथ ही वाहनों का आवागमन भी सामान्य समय की तरह जारी था. लेकिन अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह तक कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के चलते प्रदेश में कोविड कर्फ्यू लगा दिया गया. जिसकी वजह एक बार वाहनों की आवाजाही एक बार फिर बंद हो गई, जिससे वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज हुई.

पढ़ें: कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य से पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त, लोगों को हो रही किल्लत

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) क्षेणी (हवा की गुणवत्ता) 0-50 अच्छी हवा, 51-100 संतोषजनक (moderate), 101-150 थोड़ा प्रदूषित, 151-200 खराब, 201-300 बहुत खराब, 301-500 गंभीर होती है. प्रदेश के इन तमाम शहरों के वायु प्रदूषण स्तर को अगर वायु प्रदूषण सूचकांक के मापदंडों से मापें तो अभी भी प्रदेश के उन तमाम शहरों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक के स्थिति में नजर नहीं आती. इस साल जून माह तक प्रदेश के इन तमाम शहरों में वायु प्रदूषण का जो स्तर रिकॉर्ड किया गया है, उसके मुताबिक ऋषिकेश, हरिद्वार और हल्द्वानी को छोड़कर अन्य सभी शहरों की हवा जहरीली होती जा रही है. इसके तहत मुख्य रूप से रुद्रपुर, काशीपुर और देहरादून तीन वह प्रमुख शहर हैं, जहां वायु प्रदूषण के ग्राफ में इजाफा देखने को मिल रहा है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 5:20 PM IST
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