ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में स्थापित बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी डिवीजन में दिमागी बीमारियों से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. ऐसे में बच्चों के नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला अस्पताल बन गया है.
एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि उत्तराखंड में विभिन्न न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से पीड़ित बच्चों की एक बड़ी संख्या है, उन्होंने बताया कि एम्स के बाल न्यूरोलॉजी चिकित्सा विभाग में बच्चों में सेरिब्रल पाल्सी, ऑटिज्म, मिर्गी, मस्तिष्क पक्षाघात, एन्सेफलाइटिस, सिरदर्द, मांसपेशियों में विकार, ऑटोइम्यून व अन्य जटिल बीमारियों की समुचित उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
बता दें कि यह डिवीजन न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से ग्रसित बच्चों को भर्ती करने और उन्हें सभी उन्नत उपचार विकल्पों के साथ चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए एक अच्छी सुविधा से सुसज्जित है, साथ ही इलेक्ट्रोएन्सेफ्लोग्राफी (ईईजी) और नसों की जांच सहित सभी विशेष प्रयोगशाला एम्स में उपलब्ध हैं.
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गौरतलब है कि उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में इस तरह के विशेष बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी से जुड़ी सुविधाएं फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में इस तरह के रोगग्रस्त बच्चों को दिल्ली अथवा चंडीगढ़ आदि महानगरों में इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है. उत्तराखंड और आसपास के राज्यों के लोगों से ऋषिकेश एम्स संस्थान में उपलब्ध इस तरह की सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की है.
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एम्स संस्थान के बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी डिवीजन के प्रमुख डॉ. इंद्र कुमार शेरावत ने बताया कि बाल न्यूरोलॉजिकल विषय में एम्स नई दिल्ली व पीजीआई, चंडीगढ़ जैसे प्रमुख मेडिकल संस्थानों में प्रशिक्षित हैं, जो कि एम्स संस्थान में लगभग एक वर्ष से संबंधित समस्याओं से ग्रसित बच्चों का उपचार व उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं.