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पैसे न लौटाने पर लोगों ने जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी का किया घेराव - जनशक्ति मल्टी स्टेट पर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी

जनशक्ति मल्टी स्टेट पर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी के ग्राहकों ने अपने पैसे की वापसी को लेकर ऋषिकेश स्थित सोसाइटी के कार्यालय में डायरेक्टर का घेराव कर अपना विरोध प्रकट किया.

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Published : Oct 27, 2021, 8:23 AM IST

ऋषिकेश: कम समय में अधिक ब्याज देने और लोन देने के नाम पर खुली जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी (Janshakti Multi State Multi Purpose Co-Operative Society Ltd) विवादों में घिर गई है. आरोप है कि ग्राहकों की जमा किए गए करोड़ों रुपये की रकम सोसाइटी अब वापस नहीं लौटा रही है. कई महीने से ग्राहक ऋषिकेश में देहरादून रोड स्थित सोसाइटी के कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं. रकम वापस नहीं मिलने पर अब ग्राहकों ने एजेंटों के साथ मिलकर कंपनी का घेराव किया और जल्द अपनी रकम वापस देने की मांग की है.

बता दें कि, मंगलवार को ऋषिकेश, डोईवाला, रायवाला और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों लोग एकत्रित होकर देहरादून रोड स्थित जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए. इस दौरान कार्यालय में उपस्थित कंपनी के डायरेक्टर से लोगों की जमकर तीखी नोकझोंक हुई. विवाद बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाया गया. रायवाला से पंहुचे प्रदीप भंडारी ने बताया कि वह कंपनी में बतौर एजेंट के रूप में काम करते हैं. उन्होंने लाखों रुपये ग्राहकों के कंपनी में इन्वेस्ट कराए हैं. समय अवधि पूरी होने के बाद अब ग्राहकों की पेमेंट कंपनी नहीं लौटा रही है.

जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी का किया घेराव.

डोईवाला से पहुंची छात्रा गुरजीत कौर ने बताया कि वह स्टूडेंट है. माता-पिता ने उनके भविष्य को लेकर तीन लाख की एफडी सोसाइटी में कराई. जिसकी मैच्योरिटी का समय पूरे हुए भी 6 महीने हो गए हैं. उनकी रकम वापस नहीं मिल रही है. मंजू सेमवाल ने बताया कि वह भी बतौर एजेंट कंपनी में काम करती हैं. लाखों रुपये ग्राहकों के कंपनी में इन्वेस्ट हैं. मैच्योरिटी के समय अब पेमेंट वापस नहीं मिल रही है. ग्राहक उनके घर आकर उन्हें परेशान कर रहे हैं. जिसकी वजह से वे मानसिक डिप्रेशन में है. उन्होंने कहा कि सरकार से लाइसेंस लेकर पहले कंपनियां मार्केट में आती हैं. फिर लोगों की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपये अपने पास एकत्रित करती हैं और फिर धीरे-धीरे ब्रांच बंद कर चंपत हो जाती हैं. फिलहाल डोईवाला और छिद्दरवाला की ब्रांच कंपनी बंद कर चुकी है.

पढ़ें: धर्मावाला चौकी प्रभारी और कॉन्स्टेबल निलंबित, फर्जी मुकदमा दर्ज कर रिश्वत मांगने का आरोप

सोसाइटी के डायरेक्टर नवीन देशवाल का कहना है कि बाजार में लोन देने का काम भी कंपनी करती है. कोरोना लॉकडाउन के बाद से लोन के रूप में दी गई रकम वापस नहीं आई है. जिसकी वजह से ग्राहकों की रकम वापस लौटानी मुश्किल हो गई है, जब लोन वापस आएगा तो ही पैसा लौटाना संभव होगा. उन्होंने कहा कि यहीं के लोगों ने पैसा जमा किया और लोन भी यहीं के लोगों ने लिया है.

ऋषिकेश: कम समय में अधिक ब्याज देने और लोन देने के नाम पर खुली जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी (Janshakti Multi State Multi Purpose Co-Operative Society Ltd) विवादों में घिर गई है. आरोप है कि ग्राहकों की जमा किए गए करोड़ों रुपये की रकम सोसाइटी अब वापस नहीं लौटा रही है. कई महीने से ग्राहक ऋषिकेश में देहरादून रोड स्थित सोसाइटी के कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं. रकम वापस नहीं मिलने पर अब ग्राहकों ने एजेंटों के साथ मिलकर कंपनी का घेराव किया और जल्द अपनी रकम वापस देने की मांग की है.

बता दें कि, मंगलवार को ऋषिकेश, डोईवाला, रायवाला और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों लोग एकत्रित होकर देहरादून रोड स्थित जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए. इस दौरान कार्यालय में उपस्थित कंपनी के डायरेक्टर से लोगों की जमकर तीखी नोकझोंक हुई. विवाद बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाया गया. रायवाला से पंहुचे प्रदीप भंडारी ने बताया कि वह कंपनी में बतौर एजेंट के रूप में काम करते हैं. उन्होंने लाखों रुपये ग्राहकों के कंपनी में इन्वेस्ट कराए हैं. समय अवधि पूरी होने के बाद अब ग्राहकों की पेमेंट कंपनी नहीं लौटा रही है.

जनशक्ति मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी का किया घेराव.

डोईवाला से पहुंची छात्रा गुरजीत कौर ने बताया कि वह स्टूडेंट है. माता-पिता ने उनके भविष्य को लेकर तीन लाख की एफडी सोसाइटी में कराई. जिसकी मैच्योरिटी का समय पूरे हुए भी 6 महीने हो गए हैं. उनकी रकम वापस नहीं मिल रही है. मंजू सेमवाल ने बताया कि वह भी बतौर एजेंट कंपनी में काम करती हैं. लाखों रुपये ग्राहकों के कंपनी में इन्वेस्ट हैं. मैच्योरिटी के समय अब पेमेंट वापस नहीं मिल रही है. ग्राहक उनके घर आकर उन्हें परेशान कर रहे हैं. जिसकी वजह से वे मानसिक डिप्रेशन में है. उन्होंने कहा कि सरकार से लाइसेंस लेकर पहले कंपनियां मार्केट में आती हैं. फिर लोगों की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपये अपने पास एकत्रित करती हैं और फिर धीरे-धीरे ब्रांच बंद कर चंपत हो जाती हैं. फिलहाल डोईवाला और छिद्दरवाला की ब्रांच कंपनी बंद कर चुकी है.

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सोसाइटी के डायरेक्टर नवीन देशवाल का कहना है कि बाजार में लोन देने का काम भी कंपनी करती है. कोरोना लॉकडाउन के बाद से लोन के रूप में दी गई रकम वापस नहीं आई है. जिसकी वजह से ग्राहकों की रकम वापस लौटानी मुश्किल हो गई है, जब लोन वापस आएगा तो ही पैसा लौटाना संभव होगा. उन्होंने कहा कि यहीं के लोगों ने पैसा जमा किया और लोन भी यहीं के लोगों ने लिया है.

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