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लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए राह नहीं आसान! बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों की समीक्षा करने में जुटी पार्टी

Bageshwar by election में जीत के बाद भले ही बीजेपी गदगद नजर आ रही हो, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उसकी चिंता बढ़ गई. बागेश्वर उपचुनाव के नतीते जिस तरह के आए हैं, उससे बीजेपी थोड़ा बेचैन जरूर नजर आ रही है. वहीं इस हार के बाद भी बागेश्वर उपचुनाव के नतीजे से कांग्रेस काफी संतुष्ट है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2023, 4:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी ने भले ही बागेश्वर उपचुनाव में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा हो, लेकिन जीत के बाद भी बागेश्वर उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए चिंता पैदा करने वाले हैं. बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों को देखकर कहा जा सकता है कि यहां आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की राह मुश्किल और कांग्रेस की आसानी हो सकती है. क्योंकि बागेश्वर उपचुनाव के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा.

दरअसल, बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस हार से भी कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है. क्योंकि बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर हुई है. माना जा रहा है कि बीजेपी को इस चुनाव में सिंपैथी वोट ज्यादा मिले हैं, जो बीजेपी की जीत कारण बने हैं. यही कारण है कि कांग्रेस इस सीट पर 2405 वोट से हारी.
पढ़ें- Bageshwar by election: बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी की पार्वती दास की जीत, कांग्रेस प्रत्याशी को 2405 वोटों से दी मात

उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस जी जान से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं. दोनों ही पार्टियों उत्तराखंड की पांचों सीट जीतने का दावा कर रही हैं. हाल में बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों को भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़ कर देखा जा रहा है. बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों से दोनों ही पार्टियां जनता के मूड को भांप रही हैं और लोकसभा चुनाव के लिए अभी से गणित निकाला जा रहा है.

दोनों ही पार्टियां वोटों के समीकरण से ये आभास करने में जुटी हुई हैं कि अभी भी मोदी लहर चल रही है या नहीं. वैसे बागेश्वर उपचुनाव के समीकरण पर गौर करें तो ये कहा जा सकता है कि यदि बीजेपी को सिंपैथी वोट नहीं मिलता तो नतीजे थोड़ा उलट भी हो सकते थे. क्योंकि दोनों यहां बीजेपी की जीत का अंतर बहुत कम रहा है. यही वजह है कि बीजेपी इस उपचुनाव के परिणाम की समीक्षा करने की बात कह रही है ताकि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कमियों को दुरुस्त किया जा सके.

वहीं कांग्रेस हार के बाद भी संतुष्ट नजर आ रही है. क्योंकि बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया है. बागेश्वर उपचुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां कुल 65,876 वोट पड़े थे. इनमें सबसे अधिक बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास को 33,247 और कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को 30,842 वोट मिले.

इस तरह देखा जाए तो बीजेपी को इस चुनाव में 50.46 फीसदी और कांग्रेस को 46.81 प्रतिशत वोट मिले हैं. बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने 2405 वोटों से चुनाव जीता. वोट प्रतिशत के हिसाब से इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है.
पढ़ें- BJP victory in Bageshwar: महेंद्र भट्ट ने विकास के लिए मतदान को बताया जीत का कारण, 11 सितंबर से पार्टी के व्यस्त कार्यक्रम

बागेश्वर उपचुनाव में जीत का अंतर इतना कम क्यों रहा, इस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब सभी विरोधी दल एक होकर चुनाव लड़ेंगे तो इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होंगी, फिर भी पार्टी अपने स्तर पर समीक्षा कर रही है. साथ ही बीजेपी का फोकस है कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में 50 से ज्यादा सीटें जीते. हालांकि वे ये भी मान रहे हैं कि बीजेपी अच्छे मार्जिन से जीत सकती है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव में धन बल का प्रयोग करके प्रत्याशी को आयातित करने का काम किया है, जिसके चलते ही कांग्रेस को मात मिली है.

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उपचुनाव में भाजपा की नैतिक हार हुई है. मंडलसेरा बूथ जो कि कांग्रेस का बूथ है, वहां पर बीजेपी हारी है. साथ ही कहा कि भाजपा पूरी ताकत लगाने के बावजूद अपना वोट बैंक नहीं बढ़ा पाई है, जबकि कांग्रेस का 20 फीसदी वोट बढ़ा है.

कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव के दौरान धांधली भी हुई है और बीजेपी ने प्रशासन का इस्तेमाल चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया. लिहाजा ये चुनाव लोकसभा के लिए सुख संदेश है और बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी ने भले ही बागेश्वर उपचुनाव में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा हो, लेकिन जीत के बाद भी बागेश्वर उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए चिंता पैदा करने वाले हैं. बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों को देखकर कहा जा सकता है कि यहां आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की राह मुश्किल और कांग्रेस की आसानी हो सकती है. क्योंकि बागेश्वर उपचुनाव के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा.

दरअसल, बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस हार से भी कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है. क्योंकि बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर हुई है. माना जा रहा है कि बीजेपी को इस चुनाव में सिंपैथी वोट ज्यादा मिले हैं, जो बीजेपी की जीत कारण बने हैं. यही कारण है कि कांग्रेस इस सीट पर 2405 वोट से हारी.
पढ़ें- Bageshwar by election: बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी की पार्वती दास की जीत, कांग्रेस प्रत्याशी को 2405 वोटों से दी मात

उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस जी जान से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं. दोनों ही पार्टियों उत्तराखंड की पांचों सीट जीतने का दावा कर रही हैं. हाल में बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों को भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़ कर देखा जा रहा है. बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों से दोनों ही पार्टियां जनता के मूड को भांप रही हैं और लोकसभा चुनाव के लिए अभी से गणित निकाला जा रहा है.

दोनों ही पार्टियां वोटों के समीकरण से ये आभास करने में जुटी हुई हैं कि अभी भी मोदी लहर चल रही है या नहीं. वैसे बागेश्वर उपचुनाव के समीकरण पर गौर करें तो ये कहा जा सकता है कि यदि बीजेपी को सिंपैथी वोट नहीं मिलता तो नतीजे थोड़ा उलट भी हो सकते थे. क्योंकि दोनों यहां बीजेपी की जीत का अंतर बहुत कम रहा है. यही वजह है कि बीजेपी इस उपचुनाव के परिणाम की समीक्षा करने की बात कह रही है ताकि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कमियों को दुरुस्त किया जा सके.

वहीं कांग्रेस हार के बाद भी संतुष्ट नजर आ रही है. क्योंकि बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया है. बागेश्वर उपचुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां कुल 65,876 वोट पड़े थे. इनमें सबसे अधिक बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास को 33,247 और कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को 30,842 वोट मिले.

इस तरह देखा जाए तो बीजेपी को इस चुनाव में 50.46 फीसदी और कांग्रेस को 46.81 प्रतिशत वोट मिले हैं. बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने 2405 वोटों से चुनाव जीता. वोट प्रतिशत के हिसाब से इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है.
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बागेश्वर उपचुनाव में जीत का अंतर इतना कम क्यों रहा, इस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब सभी विरोधी दल एक होकर चुनाव लड़ेंगे तो इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होंगी, फिर भी पार्टी अपने स्तर पर समीक्षा कर रही है. साथ ही बीजेपी का फोकस है कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में 50 से ज्यादा सीटें जीते. हालांकि वे ये भी मान रहे हैं कि बीजेपी अच्छे मार्जिन से जीत सकती है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव में धन बल का प्रयोग करके प्रत्याशी को आयातित करने का काम किया है, जिसके चलते ही कांग्रेस को मात मिली है.

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उपचुनाव में भाजपा की नैतिक हार हुई है. मंडलसेरा बूथ जो कि कांग्रेस का बूथ है, वहां पर बीजेपी हारी है. साथ ही कहा कि भाजपा पूरी ताकत लगाने के बावजूद अपना वोट बैंक नहीं बढ़ा पाई है, जबकि कांग्रेस का 20 फीसदी वोट बढ़ा है.

कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव के दौरान धांधली भी हुई है और बीजेपी ने प्रशासन का इस्तेमाल चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया. लिहाजा ये चुनाव लोकसभा के लिए सुख संदेश है और बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

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