देहरादूनः उत्तराखंड में जमीन बेचने और खरीदने के नाम पर अक्सर धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित जनता दरबार में भी ज्यादातर मामले लैंड फ्रॉड यानी जमीन धोखाधड़ी के सामने आते हैं. ऐसे में लैंड फ्रॉड पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने एक वेबसाइट शुरू की है. साथ ही जिला प्रशासन ने एक एडवाइजरी भी जारी की है. जिससे आम जनता जमीन से संबंधित सभी जानकारी ले सकेगी और उसके साथ फ्रॉड नहीं होगा.
देहरादून डीएम सोनिका सिंह ने जिले में लैंड फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं. अब जमीन खरीदते समय जमीन का बारह साला (जमीन से संबंधित 12 साल का ब्यौरा) और पिछले सालों की तीन लेन देन (जो भी ज्यादा हो) की डिटेल, भूमि क्रय विक्रय करते समय भूमि बंधक है या नहीं का स्पष्ट उल्लेख अपने अभिलेखों में वर्णन किए जाएंगे.
इसके अलावा संपत्ति का ट्रांसफर करते समय बंधक संपत्ति की सर्च रिपोर्ट cersai.org.in वेबसाइट से हासिल कर अटैच करेंगे. ताकि, बंधक संपत्ति धोखे से हुए लेनदेन पर रोक लगाई जा सके. साथ ही सभी रजिस्ट्रियां बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से महानिरीक्षक निबंधन देहरादून को आधार लिंक करने के लिए भेजी जाएगी.
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जिला प्रशासन की ओर से भूमि क्रय विक्रय करने से पहले सावधानी बरतने के संदर्भ में एडवाइजरी जारी की गई है. जिले की सभी तहसीलों में खतौनियों में रेटिंग का काम शुरू किया गया. इससे कोई भी सहखातेदार अपने पार्ट से ज्यादा भूमि को खरीद और बेच नहीं सकेगा. एडीएम वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा ने बताया कि आम जनता के साथ भूमि खरीदते समय फ्रॉड न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. ताकि, भूमि खरीदते समय सावधानी बरती जाए.
जमीन खरीदते वक्त बरतें ये सावधानियांः
- खरीदी जाने वाली जमीन के खसरा नंबरों की तहसील से प्रमाणित खतौनी हासिल करें, जिसमें विक्रेता का नाम हो.
- विक्रेता की पहचान पुष्ट कर लें.
- खरीदी जाने वाली जमीन का राजस्व अभिलेखों और मौके का मिलान अवश्य कर लें.
- जिस संपत्ति को खरीदना है, उसकी दिशाओं को आस पड़ोस में अच्छी तरह पुष्टि करा लें.
- अभिलेखों में यह भी जांच लें कि विक्रेता के नाम जमीन अवशेष है या नहीं.
- बैंक और पंजीयन कार्यालय से जमीन पर कोई लोन तो नहीं है, इसकी जानकारी ले लें और लोन मुक्त होने का प्रमाण पत्र अवश्य लें.
- eregistrationukgov.in की साइट पर जाकर यह पुष्टि कर लें कि जमीन के क्रय-विक्रय पर किसी कोर्ट से कोई रोक तो नहीं है.
- जमीन खरीदने के बाद अपना नामांतरण तत्काल राजस्व अभिलेखों पर खतौनी में करा लें.
- खरीदी जाने वाली जमीन का उप निबंधक कार्यालय में पंजीयन से पहले भूमि की बाउंड्री वॉल करा लें.
- खरीदी गई जमीन पर ही कब्जा प्राप्त दिया गया है, इसकी पुष्टि तत्काल करा लें.
- खरीदी जाने वाली जमीन गोल्डन फॉरेस्ट, टी स्टेट और पर्ल ग्रुप कंपनी की न हों.