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गंगा किनारे बने होटलों पर एनजीटी की नजर, नदी में सीवर और कचरा डाला तो खैर नहीं, चेकिंग अभियान शुरू

Garbage And Sewage in Rishikesh जीवनदायिनी गंगा नदी लगातार मैली होती जा रही है. इसकी कई वजह हैं, जिनमें होटलों से निकलने वाला सीवर और कचरा भी शामिल है. इसी को देखते हुए एनजीटी ने गंगा किनारे संचालित होटलों की चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत चेकिंग अभियान शुरू हो गया है.

Administration Team Checking of Hotels
गंगा किनारे बने होटलों पर एनजीटी की नजर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 17, 2023, 1:29 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में गंगा किनारे संचालित होने वाले होटलों की प्रशासन ने एनजीटी के निर्देश पर चेकिंग शुरू कर दी है. चेकिंग के दौरान प्रशासन की टीम देख रही है कि होटल संचालकों ने अपने यहां सीवर और कचरा निस्तारण की क्या व्यवस्थाएं की है? जिन होटलों में यह दोनों व्यवस्थाएं नहीं मिलेगी, उनके खिलाफ प्रशासन की टीम नियमानुसार कार्रवाई करेगी.

दरअसल, कई जगहों पर सीवर और कचरा सीधे गंगा नदी में डाला जा रहा है. जिससे गंगा नदी मैली हो रही है. लिहाजा, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत जल संस्थान, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व विभाग, नगर निगम की संयुक्त टीमों ने एसडीम के साथ मिलकर शहर के चार होटल में चेकिंग की. सभी होटलों में सीवर और कचरा निस्तारण की व्यवस्थाओं को जांचा गया.

इस दौरान संचालकों से इस संबंध में पूछताछ भी की गई. फिलहाल, सभी होटलों में दोनों व्यवस्थाएं प्रशासन की टीम को दुरुस्त मिली है, लेकिन होटल के रजिस्ट्रेशन दो होटल में नहीं मिले हैं. जिन पर कार्रवाई करने की बात प्रशासन की टीम ने कही है.
ये भी पढ़ेंः डंपिंग जोन बनी उत्तराखंड की नदियां, आचमन लायक भी नहीं रहा पानी, अंधाधुंध विकास से खतरे में अस्तित्व!

एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि एमसी मेहता बनाम भारत संघ का जो आदेश आया है, उसके तहत एनजीटी की ओर से जिला गंगा प्रोटेक्शन कमेटी को गंगा की निर्मलता बनाए रखने के लिए निर्देश मिले हैं. जिसके तहत गंगा किनारे बने सभी होटल को चेक करने के लिए कहा गया है.

इसी कड़ी में प्रशासन की टीम ने होटल की चेकिंग करनी शुरू की है. चार होटल की जांच में हल्के स्तर की कमी मिली है. जिसमें मुख्य रूप से रजिस्ट्रेशन का नहीं होना पाया गया है. जिनके खिलाफ प्रशासन की टीम ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. सभी होटलों की चेकिंग के बाद रिपोर्ट बनाकर एनजीटी को भेजी जाएगी.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में गंगा किनारे संचालित होने वाले होटलों की प्रशासन ने एनजीटी के निर्देश पर चेकिंग शुरू कर दी है. चेकिंग के दौरान प्रशासन की टीम देख रही है कि होटल संचालकों ने अपने यहां सीवर और कचरा निस्तारण की क्या व्यवस्थाएं की है? जिन होटलों में यह दोनों व्यवस्थाएं नहीं मिलेगी, उनके खिलाफ प्रशासन की टीम नियमानुसार कार्रवाई करेगी.

दरअसल, कई जगहों पर सीवर और कचरा सीधे गंगा नदी में डाला जा रहा है. जिससे गंगा नदी मैली हो रही है. लिहाजा, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत जल संस्थान, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व विभाग, नगर निगम की संयुक्त टीमों ने एसडीम के साथ मिलकर शहर के चार होटल में चेकिंग की. सभी होटलों में सीवर और कचरा निस्तारण की व्यवस्थाओं को जांचा गया.

इस दौरान संचालकों से इस संबंध में पूछताछ भी की गई. फिलहाल, सभी होटलों में दोनों व्यवस्थाएं प्रशासन की टीम को दुरुस्त मिली है, लेकिन होटल के रजिस्ट्रेशन दो होटल में नहीं मिले हैं. जिन पर कार्रवाई करने की बात प्रशासन की टीम ने कही है.
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एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि एमसी मेहता बनाम भारत संघ का जो आदेश आया है, उसके तहत एनजीटी की ओर से जिला गंगा प्रोटेक्शन कमेटी को गंगा की निर्मलता बनाए रखने के लिए निर्देश मिले हैं. जिसके तहत गंगा किनारे बने सभी होटल को चेक करने के लिए कहा गया है.

इसी कड़ी में प्रशासन की टीम ने होटल की चेकिंग करनी शुरू की है. चार होटल की जांच में हल्के स्तर की कमी मिली है. जिसमें मुख्य रूप से रजिस्ट्रेशन का नहीं होना पाया गया है. जिनके खिलाफ प्रशासन की टीम ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. सभी होटलों की चेकिंग के बाद रिपोर्ट बनाकर एनजीटी को भेजी जाएगी.

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