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रिटायर्ड शिक्षा कर्मियों के लिए अपना ही विभाग बना बेगाना, शिक्षा महानिदेशक ने दिया अल्टीमेटम

उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) में सेवानिवृत्त शिक्षकों (Education Department Retired Teacher) और कार्मिकों के लंबित देयकों को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है. जबकि पूर्व में अपने साथ काम कर चुके विभाग के ही रिटायर्ड कर्मचारियों को हीलाहवाली से परेशान होना पड़ रहा है.

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Published : Sep 30, 2022, 11:40 AM IST

Updated : Oct 1, 2022, 11:09 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा महकमे की सुस्त चाल विभाग पर तो भारी पड़ती ही है, इससे कर्मचारी भी अछूते नहीं हैं. जिस कारण कर्मचारियों को फजीहत से दो-चार होना पड़ता है. उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) में सेवानिवृत्त शिक्षकों (Education Department Retired Teacher) और कार्मिकों के लंबित देयकों को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है. स्थिति यह है कि शिक्षा महानिदेशक के कई बार इस संदर्भ में निर्देश देने के बावजूद जिले स्तर से कार्रवाई नहीं हो पा रही है. लिहाजा अब शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी (Director General of Education Banshidhar Tiwari) ने ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए 1 माह का वक्त देते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए चेतावनी भी दी है.

सरकारी सिस्टम में आम लोगों की समस्याओं को लेकर तो विभागों में हीलाहवाली देखने को मिलती ही है, जबकि पूर्व में अपने साथ काम कर चुके विभाग के ही रिटायर्ड कर्मचारियों पर भी महकमे के अधिकारी और कर्मचारी उदासीन बने रहते हैं. शिक्षा विभाग (Education Department) में ऐसा ही मामला आया है जिसमें शिक्षा महानिदेशक की तरफ से मुख्य शिक्षा अधिकारियों को सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के देयों के लंबित होने पर नाराजगी जाहिर की है.
पढ़ें-बंक मारने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है गाज, गढ़वाल सांसद ने दी हिदायत

बड़ी बात यह है कि शिक्षा महानिदेशक (Director General of Education) बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों को 1 महीने का वक्त देकर निस्तारण की तारीख तय कर दी है. इस समय सीमा में निस्तारण नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दे डाली है. महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ किया है कि 31 अक्टूबर 2022 तक सभी लंबित मामलों से जुड़े प्रमाण पत्र उन तक भेजना सुनिश्चित किया जाए, ऐसा नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

अध्यापक पात्रता परीक्षा: उत्तराखंड में अध्यापक पात्रता परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई है. यूटीईटी प्रथम में 84.96 व द्वितीय में 85.50 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. प्रदेश के 29 शहरों में परीक्षा का आयोजन किया गया था. शुक्रवार को शिक्षा बोर्ड की सचिव डॉ. नीता तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को यूटीईटी प्रथम पाली व द्वितीय पाली की परीक्षा 29 शहरों में बनाए गए 139 परीक्षा केंद्रों में कराई गई.

प्रथम पाली में 29545 पंजीकृत थे, परीक्षा में 25103 अभ्यर्थी बैठे. द्वितीय पाली में 30755 पंजीकृत किए गए थे. 26295 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. उन्होंने बताया कि परीक्षा बेहतर ढंग से संपन्न कराई गई है. यूटीईटी प्रथम की परीक्षा सुबह 10 बजे से 12:30 बजे तक आयोजित की गई. दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम साढ़े चार बजे तक हुई. बताया कि जल्द ही परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां की जाएंगी.

देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा महकमे की सुस्त चाल विभाग पर तो भारी पड़ती ही है, इससे कर्मचारी भी अछूते नहीं हैं. जिस कारण कर्मचारियों को फजीहत से दो-चार होना पड़ता है. उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) में सेवानिवृत्त शिक्षकों (Education Department Retired Teacher) और कार्मिकों के लंबित देयकों को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है. स्थिति यह है कि शिक्षा महानिदेशक के कई बार इस संदर्भ में निर्देश देने के बावजूद जिले स्तर से कार्रवाई नहीं हो पा रही है. लिहाजा अब शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी (Director General of Education Banshidhar Tiwari) ने ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए 1 माह का वक्त देते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए चेतावनी भी दी है.

सरकारी सिस्टम में आम लोगों की समस्याओं को लेकर तो विभागों में हीलाहवाली देखने को मिलती ही है, जबकि पूर्व में अपने साथ काम कर चुके विभाग के ही रिटायर्ड कर्मचारियों पर भी महकमे के अधिकारी और कर्मचारी उदासीन बने रहते हैं. शिक्षा विभाग (Education Department) में ऐसा ही मामला आया है जिसमें शिक्षा महानिदेशक की तरफ से मुख्य शिक्षा अधिकारियों को सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के देयों के लंबित होने पर नाराजगी जाहिर की है.
पढ़ें-बंक मारने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है गाज, गढ़वाल सांसद ने दी हिदायत

बड़ी बात यह है कि शिक्षा महानिदेशक (Director General of Education) बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों को 1 महीने का वक्त देकर निस्तारण की तारीख तय कर दी है. इस समय सीमा में निस्तारण नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दे डाली है. महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ किया है कि 31 अक्टूबर 2022 तक सभी लंबित मामलों से जुड़े प्रमाण पत्र उन तक भेजना सुनिश्चित किया जाए, ऐसा नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

अध्यापक पात्रता परीक्षा: उत्तराखंड में अध्यापक पात्रता परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई है. यूटीईटी प्रथम में 84.96 व द्वितीय में 85.50 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. प्रदेश के 29 शहरों में परीक्षा का आयोजन किया गया था. शुक्रवार को शिक्षा बोर्ड की सचिव डॉ. नीता तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को यूटीईटी प्रथम पाली व द्वितीय पाली की परीक्षा 29 शहरों में बनाए गए 139 परीक्षा केंद्रों में कराई गई.

प्रथम पाली में 29545 पंजीकृत थे, परीक्षा में 25103 अभ्यर्थी बैठे. द्वितीय पाली में 30755 पंजीकृत किए गए थे. 26295 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. उन्होंने बताया कि परीक्षा बेहतर ढंग से संपन्न कराई गई है. यूटीईटी प्रथम की परीक्षा सुबह 10 बजे से 12:30 बजे तक आयोजित की गई. दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम साढ़े चार बजे तक हुई. बताया कि जल्द ही परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां की जाएंगी.

Last Updated : Oct 1, 2022, 11:09 AM IST
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