देहरादून: भारतीय वन्यजीव संस्थान से एक के बाद एक दो बार कीमती रिसर्च डाटा पेपर सहित कंप्यूटर हार्ड डिस्क, ग्राफिक कार्ड एवं रैम जैसे लाखों के इलेक्ट्रॉनिक सामान चोरी (theft in wild life institute) करने वाला और कोई नहीं बल्कि संस्थान का ही संविदा कर्मचारी निकला. इस मामले में पुलिस ने चोरी का खुलासा (Wild Life Institute theft exposed) करते हुए 10 लाख से अधिक कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ G-NomS रिसर्च डाटा स्टडी को भी रिकवर कर वारदात को अंजाम देने वाले प्रिंस सैनी को गिरफ्तार किया है.
आरोपी के कब्जे से वाइल्ड लाइफ से चोरी किए गए तमाम कंप्यूटर सामग्री सहित संस्थान का वह संवेदनशील रिसर्च डाटा भी बरामद किया है. जिसकी कीमत लाखों में बताई जा रही है. पुलिस खुलासे के अनुसार वाइल्ड लाइफ में चोरी करने वाला संविदा कर्मी प्रिंस सैनी संस्थान के सभी कीमती आइटम को देहरादून से बाहर जाकर बेचने की फिराक में था, तभी 125 सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
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वर्ल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट में एक के बाद एक दो चोरियों से मचा हड़कंप: पुलिस के मुताबिक बीते नवंबर 2022 में पहली बार वाइल्ड लाइफ में कंप्यूटर से संबंधित लाखों का कीमती सामान चोरी किया गया. इस मामले में वाइल्ड लाइफ के वरिष्ठ तकनीक अधिकारी महेश त्यागी द्वारा पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया. घटना के बाद अभी पुलिस पहले चोरी का ही खुलासा नहीं कर पाई थी की इसी बीच बीते 5 जनवरी 2023 को एक बार फिर वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट से वैज्ञानिकों द्वारा वर्षों के अनुसंधान का कीमती G-NomS रिसर्च डाटा स्टडी का सामान भी चोरी (Theft twice in World Life Institute) हो गया.
रिसर्च डाटा की कीमत लगभग 25 लाख से अधिक आंकी गई. ऐसे में एक के बाद एक तो घटनाएं होने से वाइल्ड लाइफ में हड़कंप मच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की तीन टीमें गठित वर्क आउट के लिए जुटी रही. घटना के स्थान से लेकर बाहर तक लगभग 125 सीसीटीवी कैमरा को खंगाला गया. जिसके बाद इस पूरी वारदात को अंजाम देने वाले वाइल्डलाइफ के पूर्व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रिंस सैनी की पहचान कर उसे 100 फीसदी माल सहित गिरफ्तार किया गया.
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सामान को बाहर बेचने की फिराक में था आरोपी: पुलिस के मुताबिक भारतीय वन्य जीव संस्थान वाइल्ड लाइफ के वर्षों के अनुसंधान रिसर्च डाटा और लगभग 10 लाख से अधिक कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक सामान को देहरादून से बाहर जाकर बेचने की फिराक में प्रिंस सैनी लगातार प्रयासरत था. मुखबिर और इलेक्ट्रॉनिक सर्विसलांस के चलते वह अपने योजना में सफल नहीं हो सका. पुलिस खुलासे के मुताबिक अपने पिता की मौत के बाद आश्रित कोटे पर वाइल्ड लाइफ में वह संविदा पर नौकरी लगा. ऐसे में आरोपी प्रिंस सैनी कंप्यूटर से संबंधित संस्थान की जानकारी रखता था. इसी कारण उसने 21 लाख से अधिक कीमती रिसर्च डेटा के अलावा 10 के कंप्यूटर सामान को दो बार चोरी करने के चलते बेचने की योजना बनाई.
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15 लाख के कर के चलते चोरी की घटना को अंजाम: पुलिस के मुताबिक वाइल्ड लाइफ जैसे संवेदनशील संस्थान में चोरी की घटना को अंजाम देने वाल अभियुक्त प्रिंस सैनी पर 15 लाख रुपए का बैंक कर्ज था. इसी के चलते अभियुक्त ने अपने लोन कर्ज को चुकाने के मकसद से इस पूरी वारदात को अंजाम दिया. प्रिंस सैनी मूल रूप से देहरादून के थाना पटेल नगर क्षेत्र के चंद्रमणि द्वारिकापुरी का रहने वाला है.