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देहरादून: फर्जी फूड लाइसेंस बनाने वाला शातिर गिरफ्तार, 10 कारोबारियों को लगा चुका है चूना - शिमला बाईपास रोड

देहरादून में फर्जी लाइसेंस बनाने का मामला सामने आया है. क्लेमेंटाउन थाना पुलिस ने फर्जी फूड लाइसेंस बनाने वाले शातिर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

dehradun crime news
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Published : Jan 14, 2021, 9:23 PM IST

देहरादून: थाना क्लेमेन्टाउन पुलिस ने फर्जी फूड लाइसेंस बनाने वाले शातिर आरोपी को शिमला बाईपास रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जाएगा. आरोपी पर देहरादून शहर में करीब 10 कारोबारियों को मिठाई, रेस्टोरेंट और मीट के कारोबार के लिए फर्जी लाइसेंस देने का आरोप है.

मिली जानकारी के अनुसार, 12 जनवरी को टर्नर रोड निवासी वीरेंद्र सिंह निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अमन कुमार ने उनसे 1500 रुपए फूड लाइसेंस बनवाने के लिए लिए थे और एक फूड लाइसेंस लाकर वीरेंद्र सिंह को दिया. लेकिन जब वीरेन्द्र सिंह ने फूड लाइसेंस के बारे में जानकारी की, तो पता चला कि वह फर्जी है. वहीं वीरेंद्र सिंह की तहरीर के आधार पर आरोपी अमन कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओंं में मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस द्वारा जांच करने पर पता चला कि आरोपी अमन कुमार द्वारा जिस रजिस्ट्रेशन नंबर पर वीरेंद्र कुमार को फूड लाइसेंस दिया गया. उस रजिस्ट्रेशन नंबर की जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी की गई तो साफ हो गया कि अमन कुमार द्वारा फर्जी फूड लाइसेंस बनाकर वीरेंद्र कुमार को दिया गया था.

फर्जी फ़ूड लाइसेंस बनाने का कैसे आया प्लान

आरोपी अमन ने पूछताछ में बताया कि वह पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां काम करता था. जहां पर लोगों के फूड लाइसेंस बनाने का काम भी कभी-कभी आता था. इसके बाद लॉकडाउन लग गया और जिस चार्टर्ड अकाउंटेंट से सैलरी न मिलने पर उसने नौकरी छोड़ दी. लेकिन इस दौरान उसने कुछ लोगों से फूड लाइसेंस बनाने के लिए पेमेंट पकड़ ली. लोगों के बढ़ते दबाव के कारण उसने फर्जी लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया. वहीं धीरे-धीरे जब उसको इसमें मुनाफा होने लगा तो फिर वह खुद ही और क्लाइंट ढूंढने लगा. अमन ने डीएवी इंटर कॉलेज से 12वीं पास की है.

ये भी पढ़ेंः त्रिवेंद्र सरकार की विफलताओं को जनता तक पहुंचाएगी कांग्रेस, चार्टशीट बनाने के लिए कमेटी का गठन

थाना कलेमनटाउन प्रभारी नरोत्तम सिंह बिष्ट ने बताया कि आरोपी अमन कुमार ने एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर पर दीपक थापा को मीट और मछली बेचने के लिए फूड लाइसेंस दिया. साथ ही आरोपी द्वारा देहरादून शहर में करीब 10 कारोबारियों के मिठाई, रेस्टोरेंटट और मीट के कारोबार के लिए इसी तरह के फर्जी लाइसेंस दिए गए.

देहरादून: थाना क्लेमेन्टाउन पुलिस ने फर्जी फूड लाइसेंस बनाने वाले शातिर आरोपी को शिमला बाईपास रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जाएगा. आरोपी पर देहरादून शहर में करीब 10 कारोबारियों को मिठाई, रेस्टोरेंट और मीट के कारोबार के लिए फर्जी लाइसेंस देने का आरोप है.

मिली जानकारी के अनुसार, 12 जनवरी को टर्नर रोड निवासी वीरेंद्र सिंह निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अमन कुमार ने उनसे 1500 रुपए फूड लाइसेंस बनवाने के लिए लिए थे और एक फूड लाइसेंस लाकर वीरेंद्र सिंह को दिया. लेकिन जब वीरेन्द्र सिंह ने फूड लाइसेंस के बारे में जानकारी की, तो पता चला कि वह फर्जी है. वहीं वीरेंद्र सिंह की तहरीर के आधार पर आरोपी अमन कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओंं में मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस द्वारा जांच करने पर पता चला कि आरोपी अमन कुमार द्वारा जिस रजिस्ट्रेशन नंबर पर वीरेंद्र कुमार को फूड लाइसेंस दिया गया. उस रजिस्ट्रेशन नंबर की जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी की गई तो साफ हो गया कि अमन कुमार द्वारा फर्जी फूड लाइसेंस बनाकर वीरेंद्र कुमार को दिया गया था.

फर्जी फ़ूड लाइसेंस बनाने का कैसे आया प्लान

आरोपी अमन ने पूछताछ में बताया कि वह पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां काम करता था. जहां पर लोगों के फूड लाइसेंस बनाने का काम भी कभी-कभी आता था. इसके बाद लॉकडाउन लग गया और जिस चार्टर्ड अकाउंटेंट से सैलरी न मिलने पर उसने नौकरी छोड़ दी. लेकिन इस दौरान उसने कुछ लोगों से फूड लाइसेंस बनाने के लिए पेमेंट पकड़ ली. लोगों के बढ़ते दबाव के कारण उसने फर्जी लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया. वहीं धीरे-धीरे जब उसको इसमें मुनाफा होने लगा तो फिर वह खुद ही और क्लाइंट ढूंढने लगा. अमन ने डीएवी इंटर कॉलेज से 12वीं पास की है.

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थाना कलेमनटाउन प्रभारी नरोत्तम सिंह बिष्ट ने बताया कि आरोपी अमन कुमार ने एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर पर दीपक थापा को मीट और मछली बेचने के लिए फूड लाइसेंस दिया. साथ ही आरोपी द्वारा देहरादून शहर में करीब 10 कारोबारियों के मिठाई, रेस्टोरेंटट और मीट के कारोबार के लिए इसी तरह के फर्जी लाइसेंस दिए गए.

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