देहरादूनः कैथोलिक आश्रम में बीते 2009 में स्वामी और शिष्या के हत्या मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एडीजी प्रथम की कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ हत्या और लूटपाट की घटना को अंजाम देने के मामले में सजा सुनाते हुए पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी तय किया है. कोर्ट ने जुर्माना राशि न देने पर दोषियों को दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है. वहीं, मामले में चौथा आरोपी मुकेश कुमार अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.
बता दें कि बीते 20 अगस्त 2009 की रात को सहसपुर क्षेत्र के छोटा रामपुर स्थित कैथोलिक आश्रम में स्वामी और शिष्या की पहले निर्मम हत्या की गई थी. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार चल रहे थे. पुलिस के मुताबिक आश्रम स्वामी अरतेय उर्फ अस्ते फादर सेम वेल और उनकी विदेशी महिला शिष्या मर्सी की हत्या कर सोने के जेवरात समेत कीमती सामान की लूटपाट की गई थी. घटना के दो दिन बाद तक स्वामी और शिष्या के आश्रम में ना दिखने पर स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर आश्रम से दोनों का शव बरामद किया था.
आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद मर्सी का मोबाइल फोन भी साथ ले गए थे. जिसके आधार पर पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस की मदद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. जबकि एक आरोपी मुकेश कुमार अभी भी फरार चल रहा है.
वहीं, मामले पर अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने जानकारी देते बताया कि पुलिस ने मामले में 20 अक्टूबर 2009 में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. बीते 10 सालों में कानूनी प्रक्रिया के दौरान 12 गवाह कोर्ट में पेश किये गये. सोमवार को एडीजी प्रथम न्यायाधीश राजीव कुमार खुल्बे ने अभियुक्त फ्रांसिस उर्फ जुगल किशोर, अरुण बाल्मीकि और विपिन पंवार के खिलाफ धारा 302, 201, 394 और 411 आईपीसी के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.