मसूरी: आम आदमी पार्टी के नेता रवींद्र जुगरान ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी कोच वसीम जाफर पर मजहबी आरोप लगा रहे हैं. वहीं, वसीम जाफर क्रिकेट एसोसिएशन पर भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियिमितता एवं टीम के चयन में भेदभाव के आरोप लगा रहे हैं. जिससे दाल में काला नहीं बल्कि दाल ही काली नजर आ रही है.
जुगरान ने इस मामले में जनहित को देखते हुए बीसीसीआई द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि यह भी सामने आना चाहिए कि उत्तराखंड की टीम से खेल कौन रहा है, जिनका टीम में चयन किया जा रहा है. वह उत्तराखंड के स्थाई निवासी हैं कि नहीं है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन के पास करोड़ों रुपए आ रहे हैं. उसका खर्च क्रिकेट के विकास, ढांचा गत विकास में होना चाहिए, जिलों की टीमों को आगे बढाने के लिए होना चाहिए और प्रतिभाओं को उभारने में किया जाना चाहिए. लेकिन यह पैसा कहां खर्च हो रहा है, किसी को पता नहीं.
रवींद्र जुगरान ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन में आ रही धनराशि के खर्च का श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस पर उत्तराखंड ने सरकार ने जांच बिठाई है. लेकिन उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन में घपले की जांच डेढ़ दशक से चल रही है, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस भ्रष्टाचार का खुलासा करेंगी.
यह आरोप बेबुनियाद- सीएयू अध्यक्ष
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला ने कहा कि यह सब बेबुनियाद आरोप हैं, कहीं कोई घोटाला नहीं हुआ है. यह राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में बीसीसीआई जांच कर सकती है. आईपीएल में एक भी उत्तराखंड के खिलाड़ी का चयन न होने पर कहा कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन अभी बच्चा है. यहां के खिलाडियों में उत्साह तो है पर उन्हें कई तकनीकियों को सीखने की जरूरत है, जिसके लिए हम उन्हें तराश कर तैयार कर रहे हैं. उसके बाद जरूर यहां के खिलाड़ी आईपीएम में मुकाम बनाएंगे. उन्होंने खिलाड़ियों के चयन में भाई भतीजावाद की बात को सिरे से नकारा और कहा कि ऐसा कुछ नहीं है.