मसूरी: पर्यटकों के लिए मसूरी-किमाड़ी मोटर मार्ग जानलेवा साबित हो रहा है. जनवरी में एक कार खाई में गिरने से 5 लोग घायल हो गए थे, इसके बाद लगभग हर महीने हादसे हो रहे हैं, लेकिन इस ओर न तो सरकार ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन. हादसों के बाद अधिकारी जरूर इस मार्ग को दुरुस्त करने की बात करते हैं, लेकिन समय के साथ वो भी भूल जाते हैं.
बुधवार को हुए दर्दनाक हादसे में पांच युवकों में से दो की मौत हो गई, जबकि तीन की हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं, 5 जुलाई को मसूरी-किमाड़ी मोटर मार्ग में बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी के समधी-समधन की मौत हो गई थी. हादसे में उनकी बेटी और कार चालक गंभीर रूप से घायल हो गए थे. करीब 300 मीटर गहरी खाई में गिरने के बाद कार के परखच्चे उड़ गए थे. बेटी को एसडीआरएफ और पुलिस टीमों ने बमुश्किल कार को काटकर बाहर निकाला था.
यहां, सवाल उठता है कि आखिरकार संबंधित विभाग इस ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है, जबकि इस मार्ग को मसूरी-देहरादून का वैकल्पिक मार्ग माना जा रहा है. मार्ग के चौड़ीकरण के साथ ही सड़क किनारे क्रॉस बैरियर या पैराफिट नहीं लगाए गए हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है. लोगों का कहना है कि अनलॉक-5 के बाद मसूरी में पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही है. कई पर्यटक मसूरी-किमाड़ी मार्ग का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की हालत खराब होने के साथ कई मोड़ काफी खतरनाक हैं, जिस कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं. इसमें कई लोगों की जान जा चुकी है ऐसे में सरकार और प्रशासन को मसूरी किमाड़ी मार्ग को दुरुस्त करने के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए.