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Dehradun Fraud: डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का फरार आरोपी रायपुर से गिरफ्तार

पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी पर डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है. आरोपी ने पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की जमीन को फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाकर 6 लोगों को बेच दिया था.

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डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का फरार आरोपी रायपुर से गिरफ्तार
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Published : Mar 18, 2023, 8:04 PM IST

देहरादून: डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले सात महीने से फरार मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है. आरोपी ने पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की जमीन को फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाकर 6 लोगों को बेच दिया था.

बता दें एसटीएफ निरीक्षक अब्दुल कलाम ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया कि पीजीएफ के कर्मचारी सिकंदर सिंह के नाम का एक फर्जी व्यक्ति भू-माफियाओं अमित चौधरी, अंकित वर्मा, विजय कुमार सिंह, राजेश अग्रवाल, नदीम से मिला हुआ है. इनके द्वारा पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की स्वामित्व की भूमि जो आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड पर स्थित है, उस ज़मीन पर कब्जा किया जा रहा है. इनके द्वारा सिकंदर नाम के व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर फर्जी और फर्जी रजिस्ट्रीयों की जा रही है. व्यक्तियों द्वारा एक सामूहिक गिरोह बनाकर पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड के स्वामित्व की भूमि को खुर्द-बुर्द की जा रही है. इस सम्बन्ध में अन्य तथ्यों की सत्यता के लिये जांच करने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया.

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पुलिस को मामले की जांच में पता चला कि पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक विशेष कमेटी गठित की गयी है. इस संबंध में निर्णय लेने के सभी अधिकार विशेष कमेटी को ही है. यह भी जानकारी मिली कि कमेटी द्वारा किसी भी सिकंदर सिंह के नाम कोई भी भूमि के संबंध में बेचने का अधिकार नहीं दिया गया है. पुलिस ने विवेचना के दौरान पाया कि पॉवर ऑफ अटॉर्नी में सिकंदर सिंह का आधार कार्ड फर्जी पाया गया. इसके द्वारा अमित, अंकित वर्मा और विजय कुमार को पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि की पॉवर ऑफ अटॉर्नी किया गया है. जिसमें विक्रांत चौरसिया और प्रकाश सिंह गवाह हैं.

पढे़ं- DGP अशोक कुमार का बदरीनाथ दौरा, तैयारियों का लिया जायजा, ITBP जवानों से की मुलाकात

इस आधार पर 23 अप्रैल 2019 पॉवर ऑफ अटॉर्नी भी सही नहीं है. पुलिस ने जांच पाया कि अमित, अंकित वर्मा और विजय कुमार के द्वारा एक फर्जी सिकंदर सिंह नाम के व्यक्ति को खडा करके फर्जी आधार कार्ड के आधार पर गलत पॉवर ऑफ अटॉर्नी किया गया है. इस पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर पीएससीएल और पीजीएफ लिमिटेड के स्वामित्व की भूमि को बेचा गया है.

पढे़ं- Kedarnath snowfall: केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी, पुनर्निर्माण कार्य हो रहे बाधित

थाना रायपुर प्रभारी कुंदन राम ने बताया की मामले में सबूतों के आधार 2 मार्च 2023 को आरोपी विक्रान्त चौरसिया को गिरफ्तार किया गया था. आज मुख्य आरोपी अमित कुमार को गिरफ्तार किया गया है.आरोपी अमित कुमार पिछले 7 महीने से लगातार फरार चल रहा था. साथ ही धोखाधड़ी के कुल डेढ़ करोड़ से अधिक रूपये हड़पने के आरोप की पुष्टि हुई है. इसके अलावा पुलिस अंकित वर्मा और विजय कुमार सिंह के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू लिया गया है.

देहरादून: डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले सात महीने से फरार मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है. आरोपी ने पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की जमीन को फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाकर 6 लोगों को बेच दिया था.

बता दें एसटीएफ निरीक्षक अब्दुल कलाम ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया कि पीजीएफ के कर्मचारी सिकंदर सिंह के नाम का एक फर्जी व्यक्ति भू-माफियाओं अमित चौधरी, अंकित वर्मा, विजय कुमार सिंह, राजेश अग्रवाल, नदीम से मिला हुआ है. इनके द्वारा पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की स्वामित्व की भूमि जो आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड पर स्थित है, उस ज़मीन पर कब्जा किया जा रहा है. इनके द्वारा सिकंदर नाम के व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर फर्जी और फर्जी रजिस्ट्रीयों की जा रही है. व्यक्तियों द्वारा एक सामूहिक गिरोह बनाकर पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड के स्वामित्व की भूमि को खुर्द-बुर्द की जा रही है. इस सम्बन्ध में अन्य तथ्यों की सत्यता के लिये जांच करने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया.

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पुलिस को मामले की जांच में पता चला कि पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक विशेष कमेटी गठित की गयी है. इस संबंध में निर्णय लेने के सभी अधिकार विशेष कमेटी को ही है. यह भी जानकारी मिली कि कमेटी द्वारा किसी भी सिकंदर सिंह के नाम कोई भी भूमि के संबंध में बेचने का अधिकार नहीं दिया गया है. पुलिस ने विवेचना के दौरान पाया कि पॉवर ऑफ अटॉर्नी में सिकंदर सिंह का आधार कार्ड फर्जी पाया गया. इसके द्वारा अमित, अंकित वर्मा और विजय कुमार को पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि की पॉवर ऑफ अटॉर्नी किया गया है. जिसमें विक्रांत चौरसिया और प्रकाश सिंह गवाह हैं.

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इस आधार पर 23 अप्रैल 2019 पॉवर ऑफ अटॉर्नी भी सही नहीं है. पुलिस ने जांच पाया कि अमित, अंकित वर्मा और विजय कुमार के द्वारा एक फर्जी सिकंदर सिंह नाम के व्यक्ति को खडा करके फर्जी आधार कार्ड के आधार पर गलत पॉवर ऑफ अटॉर्नी किया गया है. इस पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर पीएससीएल और पीजीएफ लिमिटेड के स्वामित्व की भूमि को बेचा गया है.

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