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एम्स ऋषिकेश में आभा QR कोड बेस्ड OPD पंजीकरण सुविधा शुरू, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन - एम्स ऋषिकेश में क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन काउंटर

एम्स ऋषिकेश में आभा क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण सुविधा शुरू की गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा का विधिवत लोकार्पण किया. एम्स प्रशासन ने आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन का डेमो भी दिया.

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Published : Nov 27, 2022, 12:04 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (Ayushman Bharat Health Account) के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा का विधिवत लोकार्पण किया. इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का आभा क्यूआर कोड आधारित पहला अस्पताल (Abha QR code based first hospital) बन गया है. जहां अस्पताल में आने वाले ऐसे मरीजों को क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण सुविधा का लाभ मिल सकेगा, जिनके मोबाइल पर आभा ऐप उपलब्ध हो.

एम्स के ओपीडी पंजीकरण परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह ने संस्थान में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन काउंटर का विधिवत शुभारंभ (Launch of QR code base registration counter) किया. इस अवसर पर उन्होंने एम्स संस्थान की इस पहल की सराहना की और इसे मरीजों के लिए बेहद लाभकारी बताया. मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि इससे उत्तराखंड में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को और अधिक बल मिलेगा. इसके तहत मरीजों की आभा आईडी भी बनाई जाएगी. लिहाजा इससे उन्हें अस्पताल में पंजीकरण कराने के लिए लंबी लाईनों से निजात मिलेगी.

ऐसे करें पंजीकरणः एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था के तहत संस्थान में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को एम्स के प्रवेश द्वारा गेट नंबर- 3 पर ही क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाइल से आभा ऐप डाउनलोड कर एम्स हॉस्पिटल का क्यूआर कोड स्कैन करना होगा. ऐप डाउनलोड करने के बाद उसे मोबाइल कैमरे द्वारा अस्पताल की दीवार पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उनके मोबाइल ऐप पर ओपीडी का पंजीकरण नंबर आएगा.
ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग डीएम ने किया निर्माणाधीन रेल परियोजना का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा-निर्देश

कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि यह पंजीकरण टोकन नंबर ओपीडी एरिया के संबंधित काउंटर पर मौजूद डिस्पले बोर्ड पर भी प्रदर्शित होगा. मरीज द्वारा इस टोकन नंबर को ओपीडी काउंटर पर मौजूद कर्मचारी को दिखाने पर मरीज अपना ओपीडी परामर्श के लिए पर्चा तत्काल प्राप्त कर सकता है. इस दौरान आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के समन्वयक कमल जुयाल ने मंत्री धन सिंह को आभा के क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण के विषय में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही इस दौरान उन्होंने आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन का डेमो भी दिया गया.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (Ayushman Bharat Health Account) के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा का विधिवत लोकार्पण किया. इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का आभा क्यूआर कोड आधारित पहला अस्पताल (Abha QR code based first hospital) बन गया है. जहां अस्पताल में आने वाले ऐसे मरीजों को क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण सुविधा का लाभ मिल सकेगा, जिनके मोबाइल पर आभा ऐप उपलब्ध हो.

एम्स के ओपीडी पंजीकरण परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह ने संस्थान में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन काउंटर का विधिवत शुभारंभ (Launch of QR code base registration counter) किया. इस अवसर पर उन्होंने एम्स संस्थान की इस पहल की सराहना की और इसे मरीजों के लिए बेहद लाभकारी बताया. मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि इससे उत्तराखंड में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को और अधिक बल मिलेगा. इसके तहत मरीजों की आभा आईडी भी बनाई जाएगी. लिहाजा इससे उन्हें अस्पताल में पंजीकरण कराने के लिए लंबी लाईनों से निजात मिलेगी.

ऐसे करें पंजीकरणः एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था के तहत संस्थान में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को एम्स के प्रवेश द्वारा गेट नंबर- 3 पर ही क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाइल से आभा ऐप डाउनलोड कर एम्स हॉस्पिटल का क्यूआर कोड स्कैन करना होगा. ऐप डाउनलोड करने के बाद उसे मोबाइल कैमरे द्वारा अस्पताल की दीवार पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उनके मोबाइल ऐप पर ओपीडी का पंजीकरण नंबर आएगा.
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कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि यह पंजीकरण टोकन नंबर ओपीडी एरिया के संबंधित काउंटर पर मौजूद डिस्पले बोर्ड पर भी प्रदर्शित होगा. मरीज द्वारा इस टोकन नंबर को ओपीडी काउंटर पर मौजूद कर्मचारी को दिखाने पर मरीज अपना ओपीडी परामर्श के लिए पर्चा तत्काल प्राप्त कर सकता है. इस दौरान आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के समन्वयक कमल जुयाल ने मंत्री धन सिंह को आभा के क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण के विषय में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही इस दौरान उन्होंने आभा के क्यूआर कोड बेस रजिस्ट्रेशन का डेमो भी दिया गया.

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