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GOOD NEWS: शादी में फिजूलखर्ची न कर इस परिवार ने बुलाए 'Special Guests'

जबलपुर के आसवानी परिवार ने अपने बेटे की शादी में एक अनूठी पहल की. इस परिवार ने फिजूलखर्ची न करके दिव्यांग बच्चों और वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को बुलाया और खूब खातिरदारी की.

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अनोखी शादी
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Published : Nov 29, 2019, 8:39 AM IST

Updated : Nov 29, 2019, 8:47 AM IST

देहरादून: अपनी शादी को हर कोई खास बनाना चाहता है, ताकि ये पल जिंदगी भर के लिए यादगार बन जाए. हालांकि, इन शादियों में काफी फिजूलखर्ची भी की जाती है लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई आसवानी परिवार की शादी ने एक मिसाल पेश करते हुए समाज के लिए संदेश दिया. ये शादी बाकी शादियों से अलग थी, क्योंकि इसके मेहमान दिव्यांग छात्र और वृद्ध आश्रम में रहने वाले बुजुर्ग थे, जिन्हें बुलाकर पहले तो अच्छे से खाना खिलाया गया फिर अलग अदांज में मेहमाननवाजी की गई.

जबलपुर के आसवानी परिवार की अनूठी पहल

खातिरदारी की हर तरफ चर्चा
आमतौर पर बड़े घरों की शादियों में आधुनिक जमाने के तमाम इंतजाम होते हैं, वैवाहिक आयोजनों की भव्यता को चार चांद लगाने के लिए कैटरिंग से लेकर मेहमान और बारातियों का खास स्वागत किया जाता है. आसवानी परिवार की शादी इतनी खास थी कि जबलपुर में हर कोई इस खास शादी की चर्चा और तारीफ कर रहा है. अपने बेटे की शादी में माता की चौकी कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों और वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को न सिर्फ घर बुलाया बल्कि बैठाकर अपने हाथों से खाना भी खिलाया.

पढ़ें- नैनीताल: इंडियन एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर के घर में लगी भीषण आग, बमुश्किल पाया काबू

दिव्यांग बच्चों ने जमकर किया डांस
कायम रहेगी अनूठी पहल आसवानी परिवार की इस शादी को जिसने देखा वो बस देखता ही रह गया. वहीं अन्य लोगों ने भी इस अनूठी प्रथा को कायम करने की बात कही.

देहरादून: अपनी शादी को हर कोई खास बनाना चाहता है, ताकि ये पल जिंदगी भर के लिए यादगार बन जाए. हालांकि, इन शादियों में काफी फिजूलखर्ची भी की जाती है लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई आसवानी परिवार की शादी ने एक मिसाल पेश करते हुए समाज के लिए संदेश दिया. ये शादी बाकी शादियों से अलग थी, क्योंकि इसके मेहमान दिव्यांग छात्र और वृद्ध आश्रम में रहने वाले बुजुर्ग थे, जिन्हें बुलाकर पहले तो अच्छे से खाना खिलाया गया फिर अलग अदांज में मेहमाननवाजी की गई.

जबलपुर के आसवानी परिवार की अनूठी पहल

खातिरदारी की हर तरफ चर्चा
आमतौर पर बड़े घरों की शादियों में आधुनिक जमाने के तमाम इंतजाम होते हैं, वैवाहिक आयोजनों की भव्यता को चार चांद लगाने के लिए कैटरिंग से लेकर मेहमान और बारातियों का खास स्वागत किया जाता है. आसवानी परिवार की शादी इतनी खास थी कि जबलपुर में हर कोई इस खास शादी की चर्चा और तारीफ कर रहा है. अपने बेटे की शादी में माता की चौकी कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों और वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को न सिर्फ घर बुलाया बल्कि बैठाकर अपने हाथों से खाना भी खिलाया.

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दिव्यांग बच्चों ने जमकर किया डांस
कायम रहेगी अनूठी पहल आसवानी परिवार की इस शादी को जिसने देखा वो बस देखता ही रह गया. वहीं अन्य लोगों ने भी इस अनूठी प्रथा को कायम करने की बात कही.

Intro:जबलपुर
शादियों में होने वाले अनाप-शनाप खर्च-शानो शौकत को दिखाने, शादी में कुछ अलग कर दिखाने की तस्वीरों को तो आपने बहुत देखा होगा पर जबलपुर में हो रहा एक विवाह समाज के लिए संदेश दे रहा है।विवाह समारोह की जितनी तारीफ की जाए वह कम है क्योकि इस शादी में मेहमान के तौर पर बड़े अमीर लोग नहीं बल्कि दिव्यांग छात्र और वृद्ध आश्रम में रहने वाले बुजुर्ग थे।जिन्हें बुलाकर आसवानी परिवार ने बकायदा मेहमानों की तरह बैठाकर पहले तो खाना खिलाया और उनकी मेहमान नवाजी भी कुछ हटकर की।


Body:आमतौर पर बड़े घरों की शादियों में आधुनिक जमाने के तमाम इंतजामात होते हैं। वैवाहिक आयोजनों की भव्यता को चार चांद लगाने हेतु केटरिंग से लेकर मेहमानों और बरातियों का खास तरह से स्वागत होता है। शादी समारोह में लोग डांस भी करते हैं।लेकिन आज जबलपुर में हो रही आसवानी परिवार की शादी इतनी खास थी कि जो इस शादी को लेकर सुनता वह तारीफ किए बिना नहीं रुकता ।आसवानी परिवार ने अपनी बेटे के विवाह में आज माता की चौकी का कार्यक्रम रखा। कहा जाता है कि आज का कार्यक्रम भगवान को समर्पित रहता है।आसवानी आसमानी ने भी दिव्यांग और वृद्ध आश्रम में रह रहे वृद्धों को भगवान के रूप में अपने घर बुलाया।सुरेश आसवानी और उनके परिवार वालों ने दिव्यांग बच्चों को बकायदा अपने हाथों से खाना भी खिलाया।इतना ही नहीं मेजबान परिवार नेइन बच्चों के साथ जमकर डांस भी किया।


Conclusion:आसवानी परिवार के विवाह समारोह को आज जो देखता बस देखते ही रह जाता।मेहमान भी आसवानी परिवार की इस पहल को अनूठी बता रहे हैं।विवाह समारोह में शामिल होने आए बहुत से लोग अब इसी तरह की प्रथा को कायम करने की भी बात कर रहे हैं।बहरहाल सुरेश आसवानी ने जिस तरह से आज अपने बेटे का विवाह समारोह किया वह निश्चित रूप से आने वाले समय में एक मिसाल और प्रथा कायम करेगी।आसवानी परिवार के विवाह समारोह में शामिल होने आए दिव्यांग छात्र भी आज इस खुशी के मौके पर फूले नहीं समा रहे हैं।
बाईट.1-मोना दास...... दिव्यांग
बाईट.2-सुरेश आडवाणी.....मेजबान
Last Updated : Nov 29, 2019, 8:47 AM IST
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