देहरादून: कचहरी स्थित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक स्थल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक वरिष्ठ आंदोलनकारी ने अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. हालांकि गनीमत रही कि मौके पर मौजूद महिला एलआईयू कर्मी ने तत्काल ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया. पुलिस टीम की मुस्तैदी के चलते समय रहते आंदोलनकारी की जान बचाई जा सकी.
दिया जलाने गए और आत्मदाह का किया प्रयास
घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी एलआईयू कर्मी के मुताबिक शहीद स्मारक के अंदर रोजाना की तरह दिया जलाने वरिष्ठ आंदोलनकारी भरोसी लाल सकलानी अंदर गए. उसके बाद उन्होंने अंदर से अचानक कुंडी लगाते हुए अजीब-ओ-गरीब हरकत करनी शुरू कर दीं.
महिला LIU कर्मी को हुआ अनहोनी का अहसास
ऐसे में अनहोनी का अहसास होते ही महिला एलआईयू कर्मी ने तत्काल पुलिस को सूचना दी. तत्काल दरवाजा काटने के लिए वेल्डिंग वाले को बुलाया गया. जैसे ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची उसी दौरान आंदोलनकारी सकलानी ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने का प्रयास किया. हालांकि तब तक दरवाजा खोल लिया गया और उनके हाथ से माचिस छीन कर उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया.
स्थाई संग्रहालय और इतिहास को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भरोसी लाल सकलानी ने बताया कि वह वर्ष 2004 से सरकार से लगातार राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति सुरक्षित कर स्थाई रूप से राजपुर रोड में संग्रहालय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनकी दूसरी मांग सरकार से यह है कि राज्य आंदोलनकारियों के मुख्य इतिहास को उत्तराखंड स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी राज्य आंदोलन की कुर्बानी को याद कर उन्हें सम्मान दे सके. भरोसी लाल सकलानी ने कहा कि 2 सूत्रीय मांग को लेकर वह वर्षों से सभी पार्टी की सरकारों से हर तरह की फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन आज तक राज्य आंदोलनकारियों से जुड़ी इस मांग को लेकर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में आज मजबूरन उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा.