देहरादून: लॉकडाउन के बाद बेरोजगार होकर अपने घर लौटे प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है. जिसके लिए जिला प्रशासन के पास आवेदन आने शुरू हो गए हैं. पहले चरण में इंटरव्यू लेकर आवेदन के लिए बैंकों को भेज दिए गए.
जिला प्रशासन की मानें तो स्वरोजगार योजना में अधिकतर आवेदन शेफ के लिए आ रहे हैं. क्योंकि जो युवक बाहरी राज्यों से आए हैं उनमें से अधिकतर शेफ का ही काम करते थे. कोविड-19 के प्रभाव से प्रवासियों और उत्तराखंड के लोगों को रोजगार देने के लिए सभी विभागों को योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सुविधा और कौशल के अनुसार व्यवसाय चयन करने का अवसर दिया गया है. अभी तक कुल प्रवासियों की संख्या पांच लाख है, जिसमें से 16 हजार के करीब आवेदन आए हैं. यह संख्या और भी अधिक हो सकती है.
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जिला प्रशासन की मानें तो देहरादून जनपद में सबसे अधिक आवेदन आए हैं. जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत देहरादून जिले में सबसे ज़्यादा आवेदन आए हैं. प्रथम चरण का इंटरव्यू हो चुका है, जिसके लिए करीब 50 आवेदन प्राप्त हुए थे, जो पूरे तरीके से सही थे. इनमें से 39 आवेदकों को अनुमति देकर आगे बैंक को भेजे गए और इसके अलावा कुछ लोग अनुपस्थिति रहे हैं उनके इंटरव्यू दूसरे चरण में लिए जाएंगे.
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए यह योजना बहुत अच्छी है. उन्होंने युवाओं के अपील की है कि वे इस योजना में ज्यादा से ज्यादा आवेदन करें. योजना में ज्यादातर युवक डेयरी, पोल्ट्री उधोग और शेफ के लिए आवेदन कर रहे हैं. क्योंकि बहुत से लोग राज्य से बाहर शेफ का काम कर रहे थे तो उस ट्रेड को खोलने के लिए बहुत से शेफ ने आवेदन किया है. साथ ही पहले चरण के इंटरव्यू में ज़्यादातर शेफ को ही पास किया गया है. प्रशासन की प्राथमिकता है कि स्वरोजगार के ट्रेड को बढ़ावा दिया जाए, जिससे और लोगों को भी रोजगार मिल सके.