ऋषिकेशः एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत द्वारा संस्थान की ओर से रक्तदान व नेत्रदान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. इसी अभियान के तहत मधुमेह पर संस्थान में सार्वजनिक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मधुमेह जैसी घातक बीमारियों के कारण एवं निवारण को लेकर जागरुक किया जा सके.
मेडिसिन विभाग की डिवीजन ऑफ डायबिटीज एंड मेटाबोलिज्म प्रमुख डॉ. रविकांत ने बताया कि विश्व मधुमेह दिवस का आज की जीवनशैली में अधिक महत्व है. उन्होंने बताया कि भारत में वर्तमान में लगभग 7 करोड़ 40 लाख लोग मधुमेह से पीड़ित हैं. उनके अनुसार आधुनिक जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या व खानपान के कारण मधुमेह रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. जो कि चिंता का विषय है. यही कारण है कि मधुमेह से बचने के लिए एम्स द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
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डॉ. रविकांत ने मेटाबोलिक सिंड्रोम को मधुमेह का मुख्य घटक बताया और कहा कि यह सिंड्रोम भारत वर्ष में 20 से 25 प्रतिशत लोगों में व्याप्त है. लिहाजा, संस्थान द्वारा इस घातक बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष सार्वजनिक व्याख्यान का आयोजन किया गया है. विश्व मधुमेह दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है.