देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग (Uttarakhand forest fire) प्रदेश में एक बड़ी समस्या बनी हुई है. राज्य में 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन (Fire season from February 15 to June 15) माना जाता है, लेकिन अप्रैल से जंगलों में आग लगने की घटनाएं (forest fire incidents) तेज हो जाती हैं. उत्तराखंड में तो अप्रैल के आखिरी 5 दिन जंगल की आग के लिए भारी रहे.
आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में अब तक 1,844 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें कुल करीब 3,000 हेक्टेयर तक जंगल प्रभावित हो चुके हैं. जिससे करीब 77 लाख 5079 रुपए का अबतक नुकसान वन विभाग को हो चुका है. राज्य में फायर सीजन के दौरान सबसे ज्यादा आग की घटनाएं 27 अप्रैल को हुई है. इस दिन कुल 227 आग लगने की घटना हुई.
जिसमें 561 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए और 11 लाख 30 हजार का नुकसान हुआ. महीने के आखिरी 5 दिनों में भी आग लगने की घटनाएं काफी ज्यादा रही. इसमें 26 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल तक आग की 100 से ज्यादा घटनाएं हुई और हर दिन करीब 150 हेक्टेयर से ज्यादा जंगलों में आग फैली.
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जंगलों में लग रही आग को लेकर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने कहा फिलहाल प्रदेश में बारिश की उम्मीद जताई जा रही है. राज्य में कई जगह पर बड़ी आग की घटनाएं भी हुई है. जिसको लेकर वन विभाग अपने स्तर पर कम से कम समय में आग बुझाने का प्रयास करता रहा है.