देहरादून: श्रीनगर के सुमाड़ी में एनआईटी (National Institutes of Technology) के स्थाई कैंपस की आधारशिला रखी जा चुकी है. अच्छी खबर यह है कि मानव संसाधन मंत्री ने एनआईटी सुमाड़ी में 50 प्रतिशत सीटें उत्तराखंड के छात्रों के लिए आरक्षित करने पर भी हामी भरी है. यही नहीं श्रीनगर में एनआईटी स्टाफ के लिए केंद्रीय विद्यालय को ले जाने की भी घोषणा की गई है.
एनआईटी सुमाड़ी में स्थाई कैंपस का शिलान्यास होने के बाद उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है, जिसमें एनआईटी के उत्तराखंड से शिफ्ट होने की बात कही जा रही थी. खास बात यह है कि एनआईटी के लिए न केवल स्थाई कैंपस का रास्ता साफ हो गया है, बल्कि श्रीनगर को केंद्रीय विद्यालय दिए जाने की भी घोषणा की गई है. इसके अलावा एनआईटी सुमाड़ी में 50 प्रतिशत छात्र उत्तराखंड के एडमिशन ले सके, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है.
दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सामने अपनी इस मांग को रखा है, जिस पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने हामी भर दी है. एनआईटी को 1000 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. जिसमें राज्य सरकार द्वारा करीब 24 करोड़ रुपए पानी के लिए खर्च किए जाएंगे.
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इसके अलावा एईआईटी परिसर में बिजली और सड़क की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी. यह तय किया गया है कि 2 साल में एनआईटी का निर्माण कर दिया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को भरोसा हो कि राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है. इससे पहले श्रीनगर में स्थाई निर्माण भी होगा जिसके बाद जयपुर से बच्चों को यहां शिफ्ट किया जाएगा.
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एक तरफ एनआईटी को लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने राज्य सरकार के प्रयासों को लेकर अपनी बात रखी तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट का भी जवाब दिया. दरअसल, हरीश रावत ने ट्वीट करके अपने द्वारा 2014 में एनआईटी का शिलान्यास किए जाने की बात कहकर बीजेपी के इस शिलान्यास पर सवाल खड़े किए थे. धन सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत ने हजारों कामों के शिलान्यास किए हैं, जिस पर वो कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन बीजेपी सरकार ने अब एनआईटी के स्थाई कैंपस को लेकर पूर्णविराम लगा दिया है.