देहरादूनः भारत में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए 1 मई से तीसरे चरण के मद्देनजर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. हालांकि, उत्तराखंड में 20 साल से अधिक उम्र के लोगों की बात करें तो, 2011 की जगणना के मुताबिक 58,16,566 जनसंख्या है. जो प्रदेश के कुल जनसंख्या का करीब 57.67 फीसदी है. जिसमे 60 साल और 60 साल से अधिक उम्र के लोग भी शामिल हैं. हालांकि अभी तक प्रदेश में 15,83,928 लोगों को वैक्सीन का सिंगल डोज और 3,64,764 लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है.
25 लाख वैक्सीन का ऑर्डर
प्रभारी स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे का कहना है कि 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन के लिए विभाग ने 25 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दे दिया है और इसकी कीमत लगभग 250 करोड़ रुपए है. 25 लाख वैक्सीन एक बारी में नहीं आएगी बल्कि अलग-अलग चरणों में यह वैक्सीन आएगी. वैक्सीन के रेट केंद्र से तय होते हैं, लिहाजा उसी के अनुसार अबतक वैक्सीन आ रही थी और आगे भी निरंतर जारी रहेगी. 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए इसको शुरू करने जा रहे हैं.
उत्तराखंड में 2011 की जनगणना के मुताबिक 45 साल से अधिक की 21,05,805 जनसंख्या है, जिसमें से 13,58,080 लोग यानी 64.49 फीसदी लोगों वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है. वहीं, 2,06,289 लोगों यानी करीब 9.79 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं. जबकि अभी भी 45 साल से अधिक उम्र वालों का वैक्सीनेशन जारी है. मंगलवार को प्रदेश में 39,180 लोगों को वैक्सीन लगी.
इन सबके अतिरिक्त प्रदेश के हेल्थ केयर वर्कर्स को भी वैक्सीन लगाई गई. जिसमें 1,11,373 हेल्थ केयर वर्कर्स को टीकाकरण की पहली डोज और 83,631 हेल्थ केयर वर्कर्स को टीकाकरण की दूसरी डोज लग चुकी है. इसके साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर में शामिल 1,14,475 लोगों को टीकाकरण की पहली डोज और 74,844 लोगों को टीकाकरण की दोनों डोज लगाई जा चुकी है. यानी, अभी तक कुल आंकड़ों पर गौर करें तो 45 साल से अधिक उम्र के लोग, हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलाकर 15,83,928 लोगों को टीकाकरण की पहली डोज एवं 3,64,764 लोगों को टीकाकरण की दोनों डोज दी जा चुकी है.
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सचिन कुर्वे को दायित्व
ऐसे में अगर अब 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो राज्य सरकार के लिए एक गंभीर समस्या पैदा हो सकती है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अभी भी 45 साल से अधिक उम्र के करीब 25 से 30 फीसदी लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. इन सब के बीच अगर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या की बात करें तो, यह आंकड़ा 58 लाख से ज्यादा पहुंच रहा है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यह होगी कि पहले वह 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण करें या फिर 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण करना शुरू कर दिया जाए.
कोविड वैक्सीन को लेकर प्रदेश में स्थिति कंट्रोल में रहे इसके लिए सरकार ने पहले ही अधिकारियों को प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति के निर्देश दे दिए हैं. सरकार ने महानिदेशक चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा को अधिकृत किया है. साथ ही सचिव उद्योग विभाग, सचिन कुर्वे को वैक्सीन उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा है.
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450 करोड़ का आएगा खर्च
बता दें कि हाल में हुई कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 से 45 साल के सभी लोगों को निशुल्क वैक्सीन लगेगी. जिसकी आबादी करीब 50 लाख है. इसमें लगभग 450 करोड़ का खर्च आएगा, जो राज्य सरकार वहन करेगी. बता दें कि 18 से 45 साल के आयुवर्ग में लगने वाले वैक्सीन में 90 प्रतिशत कोविशील्ड और 10 प्रतिशत कोवैक्सीन का टीका लगेगा.
सरकार वहन करेगी खर्च
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 50 लाख लोग हैं, इन सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के लिए एक करोड़ वैक्सीन के डोज की जरूरत होगी. ऐसे में पहले चरण के तहत 25 लाख कोविशिल्ड और 2.5 लाख कोवैक्सीन मंगाया जाएगा. इसके एडवांस भुगतान के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है. साथ ही सुबोध उनियाल ने बताया कि एक डोज कोविशिल्ड वैक्सीन की कीमत 400 रुपये और एक डोज कोवैक्सीन की कीमत 600 रुपये है. यानी वैक्सीनेशन में करीब 450 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जो राज्य सरकार वहन करेगी.