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देहरादून के 42 बच्चे अगले साल नहीं मना पाएंगे अपना जन्मदिन, जानिए इसके पीछे की वजह

देहरादून में 29 फरवरी यानी लीप डे के दिन 42 बच्चों ने जन्म लिया. ये बच्चे चार साल बाद अपना जन्मदिन मना पाएंगे.

Leap Day in hospitals of dehradun
दून में जन्मे 42 बच्चे
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Published : Mar 1, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 4:33 PM IST

देहरादून: जिस साल में फरवरी के महीने में 29 दिन होते है, वो लीप ईयर कहलाता है. लेकिन इस लीप डे में जन्म लेने वाले को अपने जन्मदिन को मनाने के लिए चार साल का लंबा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे ही राजधानी दून में 29 फरवरी को पैदा हुए 42 बच्चे एक साल पूरा होने के बाद भी अपना जन्मदिन नहीं मना पाएंगे, क्योकि 29 फरवरी का दिन हर चार साल में एक बार आता है.

42 बच्चे अगले साल नहीं मना पाएंगे अपना जन्मदिन

देहरादून शहर के सरकारी अस्पतालों में शनिवार को 42 बच्चों ने जन्म लिया. यूं तो इन अस्पतालों में हर रोज बड़ी संख्या में बच्चे जन्म लेते हैं. लेकिन इसके बावजूद शनिवार को जन्म लेने वाले ये 42 बच्चे बाकी बच्चों से कुछ अलग हैं. दरअसल, ये 42 बच्चे अगले साल अपना जन्मदिन नहीं मना पाएंगे. जी हां, ये कोई मजाक नहीं हकीकत है. दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि ये 42 बच्चे जिस दिन पैदा हुए हैं, ये साल लीप ईयर है और 29 फरवरी लीप डे होता है. अब आप समझ गए होंगे कि क्यों ये बच्चे अगले तीन सालों तक अपना जन्मदिन नहीं मना पाएंगे?

सबसे बड़े दून महिला अस्पताल में 29 फरवरी को 25 बच्चों ने जन्म लिया. दून शहर के ही गांधी शताब्दी अस्पताल में 11 बच्चे पैदा हुए, जबकि प्रेम नगर स्थित सरकारी अस्पताल में छह बच्चों ने जन्म लिया. यदि निजी अस्पताल की बात करें तो शहर के बड़े अस्पताल महंत इंद्रेश में कुल नौ बच्चों ने जन्म लिया है.

अब जानिए लीप ईयर क्या होता है

लीप ईयर यानि वो साल जिसमें 366 दिन होते हैं और एक दिन 29 फरवरी के रूप में इस साल ज्यादा होता है. हर चार साल बाद लीप ईयर आता है. मौजूदा वर्ष यानी 2020 लीप ईयर है और इसके बाद 2024 लीप ईयर होगा. इस लिहाज से 29 फरवरी को जन्म लेने वाले बच्चों के लिए 29 तारीख के रूप में देखा जाए तो चार साल बाद ही उन्हें अपना जन्मदिन मनाने का मौका मिल पाएगा.

ये भी पढ़ें: लॉटरी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो शातिर गिरफ्तार

ईटीवी भारत ने लीप ईयर पर जन्म लेने वाले बच्चों के परिजनों से बात की और इस दिन पैदा हुए बच्चों को लेकर उनके परिजन क्या सोचते हैं इस पर उनकी राय जानी. 29 तारीख को रात 12:45 बजे जन्म लेने वाले बच्चे के पिता साजिद बताते हैं कि वे बेहद उत्सुक है कि उनका बच्चा 29 फरवरी को पैदा हुआ है. साथ ही थोड़ा असमंजस भी रहा कि अब किस दिन वो अपने बच्चे का जन्मदिन मनाएंगे. हालांकि काफी विचार करने के बाद उन्होंने यह तय किया है कि वो 28 फरवरी को ही अपने बच्चे का अगले साल जन्मदिन मनाएंगे और क्योंकि 28 के बाद एक मार्च यानी अगला महीना लग जाएगा तो ऐसे में उन्होंने अब 28 फरवरी को ही जन्मदिन मनाने का फैसला लिया है.

वहीं, 29 तारीख को पैदा हुए दूसरे बच्चे की बुआ संगीता ने बताया कि बच्चे के जन्म लेने के साथ ही परिवार इसी बात को लेकर चर्चा कर रहा था कि अब बच्चे का जन्मदिन किस दिन मनाया जाए? इस खास तारीख को लेकर पूरा परिवार काफी ज्यादा उत्साहित दिखाई दे रहा है.

देहरादून: जिस साल में फरवरी के महीने में 29 दिन होते है, वो लीप ईयर कहलाता है. लेकिन इस लीप डे में जन्म लेने वाले को अपने जन्मदिन को मनाने के लिए चार साल का लंबा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे ही राजधानी दून में 29 फरवरी को पैदा हुए 42 बच्चे एक साल पूरा होने के बाद भी अपना जन्मदिन नहीं मना पाएंगे, क्योकि 29 फरवरी का दिन हर चार साल में एक बार आता है.

42 बच्चे अगले साल नहीं मना पाएंगे अपना जन्मदिन

देहरादून शहर के सरकारी अस्पतालों में शनिवार को 42 बच्चों ने जन्म लिया. यूं तो इन अस्पतालों में हर रोज बड़ी संख्या में बच्चे जन्म लेते हैं. लेकिन इसके बावजूद शनिवार को जन्म लेने वाले ये 42 बच्चे बाकी बच्चों से कुछ अलग हैं. दरअसल, ये 42 बच्चे अगले साल अपना जन्मदिन नहीं मना पाएंगे. जी हां, ये कोई मजाक नहीं हकीकत है. दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि ये 42 बच्चे जिस दिन पैदा हुए हैं, ये साल लीप ईयर है और 29 फरवरी लीप डे होता है. अब आप समझ गए होंगे कि क्यों ये बच्चे अगले तीन सालों तक अपना जन्मदिन नहीं मना पाएंगे?

सबसे बड़े दून महिला अस्पताल में 29 फरवरी को 25 बच्चों ने जन्म लिया. दून शहर के ही गांधी शताब्दी अस्पताल में 11 बच्चे पैदा हुए, जबकि प्रेम नगर स्थित सरकारी अस्पताल में छह बच्चों ने जन्म लिया. यदि निजी अस्पताल की बात करें तो शहर के बड़े अस्पताल महंत इंद्रेश में कुल नौ बच्चों ने जन्म लिया है.

अब जानिए लीप ईयर क्या होता है

लीप ईयर यानि वो साल जिसमें 366 दिन होते हैं और एक दिन 29 फरवरी के रूप में इस साल ज्यादा होता है. हर चार साल बाद लीप ईयर आता है. मौजूदा वर्ष यानी 2020 लीप ईयर है और इसके बाद 2024 लीप ईयर होगा. इस लिहाज से 29 फरवरी को जन्म लेने वाले बच्चों के लिए 29 तारीख के रूप में देखा जाए तो चार साल बाद ही उन्हें अपना जन्मदिन मनाने का मौका मिल पाएगा.

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ईटीवी भारत ने लीप ईयर पर जन्म लेने वाले बच्चों के परिजनों से बात की और इस दिन पैदा हुए बच्चों को लेकर उनके परिजन क्या सोचते हैं इस पर उनकी राय जानी. 29 तारीख को रात 12:45 बजे जन्म लेने वाले बच्चे के पिता साजिद बताते हैं कि वे बेहद उत्सुक है कि उनका बच्चा 29 फरवरी को पैदा हुआ है. साथ ही थोड़ा असमंजस भी रहा कि अब किस दिन वो अपने बच्चे का जन्मदिन मनाएंगे. हालांकि काफी विचार करने के बाद उन्होंने यह तय किया है कि वो 28 फरवरी को ही अपने बच्चे का अगले साल जन्मदिन मनाएंगे और क्योंकि 28 के बाद एक मार्च यानी अगला महीना लग जाएगा तो ऐसे में उन्होंने अब 28 फरवरी को ही जन्मदिन मनाने का फैसला लिया है.

वहीं, 29 तारीख को पैदा हुए दूसरे बच्चे की बुआ संगीता ने बताया कि बच्चे के जन्म लेने के साथ ही परिवार इसी बात को लेकर चर्चा कर रहा था कि अब बच्चे का जन्मदिन किस दिन मनाया जाए? इस खास तारीख को लेकर पूरा परिवार काफी ज्यादा उत्साहित दिखाई दे रहा है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 4:33 PM IST
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