देहरादून: लंबे समय से घाटे में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को बड़ा झटका लग सकता है. उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस 4 श्रेणी की बसों को एक नवंबर से दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा. उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 400 बसें रोजाना दिल्ली आना-जाना करती हैं. यदि ये बसें बंद हुईं तो उत्तराखंड परिवहन निगम को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
हालांकि इस समस्या को सुलझाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारी लगातार दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बात कर रहे हैं. उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार दिल्ली सरकार के अधिकारियों से उनकी बात हुई है, जिसमें उन्होंने थोड़ी राहत देने की बात कही है. दिल्ली सरकार के अधिकारियों की तरफ से साफ किया गया है कि 8 साल से अधिक पुरानी कोई भी बस दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं करेगी.
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उत्तराखंड के लिए राहत की बात ये है कि परिवहन निगम की जितनी भी बसें दिल्ली जाती हैं वो सभी 8 साल से कम पुरानी हैं. हालांकि अभी तक इस मामले में दिल्ली सरकार तरफ से उत्तराखंड परिवहन निगम को कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है, जिसकी वजह से असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
यदि उत्तराखंड परिवहन निगम को दिल्ली सरकार की तरफ से कोई लिखित आश्वानस नहीं मिलता है तो निगम के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी. क्योंकि उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में 150 ही नई सीएनजी बसें हैं, जिन्हें दिल्ली रूट पर भेजा जाएगा, जो 400 बसों की कमी पूरी नहीं कर सकती हैं. उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए दिल्ली सबसे कमाई वाला रूट है.
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बता दें कि दिल्ली सरकार ने सभी राज्यों को पत्र भेज कर इस बाबत कहा था कि दिल्ली में केवल बीएस-6 श्रेणी डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों को ही आने की अनुमति दी जाएगी. हालांकि इस पत्र के बाद तमाम राज्यों ने बीएस-6 बसें खरीद भी ली हैं. लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम अभी भी बसों को खरीदने के मूड में नजर नहीं आ रहा है. लिहाजा एक नवंबर से दिल्ली में बीएस-4 की बसों को अनुमति नहीं मिलती है तो फिर उत्तराखंड परिवहन निगम को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
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दिल्ली सरकार की ओर से यह प्रतिबंध पहली बार नहीं लगाया गया है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने एक अक्टूबर 2022 से ही बीएस -4 बसों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. राज्यों की ओर से निवेदन किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने इस समय सीमा को बढ़ाकर एक अप्रैल 2023 कर दिया था, ताकि सभी राज्य नियमों के अनुरूप बसों की व्यवस्था कर लें.
इसी क्रम में दिल्ली सरकार ने 6 महीने और समय सीमा को बढ़ाकर एक नवंबर 2023 कर दिया. ताकि राज्यों को व्यवस्था करने में दिक्कत ना हो. हालांकि यह तिथि लगभग फाइनल मानी जा रही है कि अब इस समय को और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.