देहरादून: बीते कई दिनों से परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर प्रदेश भर की आंगनबाड़ी वर्कर्स अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बाल विकास विभाग द्वारा नोटिस भी जारी किया गया था, बावजूद इसके वो काम पर नहीं लौटीं. ऐसे में अब विभाग ने करीब 245 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी है.
बता दें कि आंगनबाड़ी मिनी सेविका कर्मचारी संगठन के बैनर तले सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही हैं. ऐसे में विभाग के तीन बार नोटिस जारी करने के बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने काम पर नहीं लौटीं. ऐसे में विभाग ने लगभग 245 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सेवाएं समाप्त कर दी है. विभाग का कहना है कि कार्यकत्रियों की हड़ताल से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और राष्ट्रीय पोषण मिशन पर क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा था. साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए पोषाहार जैसी जरूरी योजनाएं भी प्रभावित हो रही थी.
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बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां 18 हजार रुपए मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर बीते कई दिनों से आंदोलनरत हैं. इससे पहले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की हड़ताल की वजह से पल्स पोलियो अभियान को भी तगड़ा झटका लगा और स्वास्थ्य विभाग को अन्य संस्थाओं का सहारा लेना पड़ा था. वहीं, आंगनबाड़ी मिनी सेविका कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष आशा नेगी का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक वो अपना आंदोलन अनवरत जारी रखेंगी.