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केदारनाथ यात्रा: अबतक 24 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत, डॉक्टरों ने दी ये हिदायत - 37 तीर्थयात्रियों की चारधाम में मौत

केदारनाथ धाम में अब तक सर्वाधिक 12 यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जबकि 2 की ग्लेशियर टूटने की वजह और 8 की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है.

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Published : Jun 7, 2019, 8:04 AM IST

Updated : Jun 7, 2019, 8:12 AM IST

देहरादून: प्रदेश में इन दिनों चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. एक महीने के अंदर 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा संख्या केदारनाथ जाने वालों की है. वहीं मौसम और स्वास्थ्य से संबंधी जुड़ी समस्याओं के कारण केदारनाथ में अभीतक 24 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. चारों धाम की बात करें तो 37 यात्रियों की अब तक हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है.

केदारनाथ यात्रा में इन बातों के रखे ध्यान.

पढ़ें- केदारनाथ में मित्र पुलिस ने की महिलाओं और बच्चियों के साथ हाथापाई, देखिए मित्र पुलिस की काली करतूत

केदारनाथ धाम में अब तक सर्वाधिक 12 यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जबकि 2 की ग्लेशियर टूटने की वजह और 8 की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है. मृतकों में से अधिकतर की उम्र 60 वर्ष से अधिक है.

मौसम बना मुसीबत
केदारनाथ में रुक-रुक बारिश हो रही है. जिससे तापमान में काफी गिरवाट आई है. रात में तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है और ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ बुर्जुग तीर्थयात्रियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

पढ़ें- यादों के पल: घर वालों को बता दो कि तुम प्रकाश पंत के साथ हो, वरना तुम्हारी शामत आ जाएगी...

जानकारी के लिए बता दें कि केदारनाथ धाम 3553 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. ऐसे में यदि आप केदारनाथ जाने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखे. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र सिंह बताते हैं कि जब कभी भी कोई केदारनाथ धाम या फिर किसी भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने का मन बना रहा तो उसे कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की काफी कमी होती है. ऐसे में यदि कोई ह्रदय रोगी है या फिर उच्च रक्त चाप का मरीज है तो ऐसे लोगों को अपना मेडिकल चेकअप करा कर ही यात्रा के लिए प्रस्थान करना चाहिए.

वहीं माउंटेनियरिंग एंड ट्रैकिंग एसोसिएशन के सचिव मंजुल रावत बताते हैं कि केदारघाटी जैसे किसी भी उच्च हिमालई क्षेत्रों का रुख करने से पहले लोगों को शारीरिक तौर पर खुद को तैयार कर लेना चाहिए. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ऊंच हिमालयी क्षेत्रों में परिस्थितियां बिल्कुल अलग होती हैं. एक तरफ यहां ऑक्सीजन की कमी लोगों को परेशान कर सकती है. वही दूसरी तरफ यहां मौसम समय-समय पर बदलना भी आपकी तबियत बिगाड़ सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप ऊंच हिमालयी क्षेत्रों का रुख करने से पहले अपना फिटनेस चेकअप जरूर कर लें.
इन बातों का रखें धयान

  • यात्रा शुरू करने से पहले अपना मेडिकल चेकअप जरुर कराएं.
  • यदि आप ह्रदय रोगी हैं तो बिना मेडिकल चेकअप के बिल्कुल भी यात्रा पर निकले. यदि किसी भी प्रकार की हृदय संबंधी दिक्कत सामने आती है तो यात्रा पर न जाएं.
  • उच्च हिमालयी क्षेत्रों पर जाने से कुछ दिन पहले व्यायाम और टहलना शुरू कर दें. जिससे की आपको पैदल चलने में यात्रा के दौरान कोई दिक्कत न हो.
  • यात्रा मार्ग पर पैदल चलना शुरू करने से पहले कुछ घंटे एक स्थान पर रुख कर अपने शरीर को वहां के तापमान के हिसाब से संतुलित होने दें, हो सके तो 1 दिन पूर्व वहां मौजूद किसी होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे और अगले दिन अपनी पैदल यात्रा शुरू करें.
  • यात्रा के दौरान यदि कभी भी बारिश होती है तो रेनकोट की जगह छाते का इस्तेमाल करें, क्योंकि रेनकोट प्लास्टिक का बना होता है. ऐसे में यह कुछ देर के लिए तो आपके शरीर को गर्म कर देता है, लेकिन जैसे ही आप इसे खोलते हैं इलाकें की सर्द हवाए आपको हानि पहुंचा सकती हैं.

देहरादून: प्रदेश में इन दिनों चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. एक महीने के अंदर 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा संख्या केदारनाथ जाने वालों की है. वहीं मौसम और स्वास्थ्य से संबंधी जुड़ी समस्याओं के कारण केदारनाथ में अभीतक 24 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. चारों धाम की बात करें तो 37 यात्रियों की अब तक हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है.

केदारनाथ यात्रा में इन बातों के रखे ध्यान.

पढ़ें- केदारनाथ में मित्र पुलिस ने की महिलाओं और बच्चियों के साथ हाथापाई, देखिए मित्र पुलिस की काली करतूत

केदारनाथ धाम में अब तक सर्वाधिक 12 यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जबकि 2 की ग्लेशियर टूटने की वजह और 8 की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है. मृतकों में से अधिकतर की उम्र 60 वर्ष से अधिक है.

मौसम बना मुसीबत
केदारनाथ में रुक-रुक बारिश हो रही है. जिससे तापमान में काफी गिरवाट आई है. रात में तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है और ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ बुर्जुग तीर्थयात्रियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

पढ़ें- यादों के पल: घर वालों को बता दो कि तुम प्रकाश पंत के साथ हो, वरना तुम्हारी शामत आ जाएगी...

जानकारी के लिए बता दें कि केदारनाथ धाम 3553 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. ऐसे में यदि आप केदारनाथ जाने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखे. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र सिंह बताते हैं कि जब कभी भी कोई केदारनाथ धाम या फिर किसी भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने का मन बना रहा तो उसे कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की काफी कमी होती है. ऐसे में यदि कोई ह्रदय रोगी है या फिर उच्च रक्त चाप का मरीज है तो ऐसे लोगों को अपना मेडिकल चेकअप करा कर ही यात्रा के लिए प्रस्थान करना चाहिए.

वहीं माउंटेनियरिंग एंड ट्रैकिंग एसोसिएशन के सचिव मंजुल रावत बताते हैं कि केदारघाटी जैसे किसी भी उच्च हिमालई क्षेत्रों का रुख करने से पहले लोगों को शारीरिक तौर पर खुद को तैयार कर लेना चाहिए. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ऊंच हिमालयी क्षेत्रों में परिस्थितियां बिल्कुल अलग होती हैं. एक तरफ यहां ऑक्सीजन की कमी लोगों को परेशान कर सकती है. वही दूसरी तरफ यहां मौसम समय-समय पर बदलना भी आपकी तबियत बिगाड़ सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप ऊंच हिमालयी क्षेत्रों का रुख करने से पहले अपना फिटनेस चेकअप जरूर कर लें.
इन बातों का रखें धयान

  • यात्रा शुरू करने से पहले अपना मेडिकल चेकअप जरुर कराएं.
  • यदि आप ह्रदय रोगी हैं तो बिना मेडिकल चेकअप के बिल्कुल भी यात्रा पर निकले. यदि किसी भी प्रकार की हृदय संबंधी दिक्कत सामने आती है तो यात्रा पर न जाएं.
  • उच्च हिमालयी क्षेत्रों पर जाने से कुछ दिन पहले व्यायाम और टहलना शुरू कर दें. जिससे की आपको पैदल चलने में यात्रा के दौरान कोई दिक्कत न हो.
  • यात्रा मार्ग पर पैदल चलना शुरू करने से पहले कुछ घंटे एक स्थान पर रुख कर अपने शरीर को वहां के तापमान के हिसाब से संतुलित होने दें, हो सके तो 1 दिन पूर्व वहां मौजूद किसी होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे और अगले दिन अपनी पैदल यात्रा शुरू करें.
  • यात्रा के दौरान यदि कभी भी बारिश होती है तो रेनकोट की जगह छाते का इस्तेमाल करें, क्योंकि रेनकोट प्लास्टिक का बना होता है. ऐसे में यह कुछ देर के लिए तो आपके शरीर को गर्म कर देता है, लेकिन जैसे ही आप इसे खोलते हैं इलाकें की सर्द हवाए आपको हानि पहुंचा सकती हैं.
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File Name- kedarnath

देहरादून- इन दिनों प्रदेश में चार धाम यात्रा अपने चरम पर है । लेकिन बात प्रदेश मे मौजूद चारो धामो में से एक केदारनाथ धाम की करें तो केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से लेकर अब तक 15 से भी ज्यादा श्रद्धालुओं की जहां विभिन्न स्वास्थ संबंधी कारणों के चलते मौत हो चुकी है ।

बता दें कि बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंचे जिन श्रद्धालुओं की अब तक मौत हो चुकी हैं उसमें 8 से भी ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुए हैं । वहीं 2 श्रद्धालुओं की मौत ग्लेशियर टूटने की वजह से हुई है, और 5 श्रद्धालुओं की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो चुकी है।

जानकारी के लिए बता दें कि केदारनाथ धाम 3553 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । यदि आप भी केदारनाथ धाम के दर्शन का मन बना रहे हैं तो केदारनाथ धाम का रुख करने से पहले आपको कुछ खास बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए।

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र सिंह बताते हैं कि जब कभी भी कोई केदारनाथ धाम या फिर किसी भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों का रुख करने का मन बनाए तो उन्हें इस बात का ख्याल जरूर रखना चाहिए कि ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की काफी कमी होती है। ऐसे में यदि कोई ह्रदय रोगी है या फिर उच्च रक्त चाप का मरीज है तो ऐसे लोगो को अपना मेडिकल चेकअप करा कर ही यात्रा के लिए प्रस्थान करना चाहिए।








Body:वहीं माउंटेनियरिंग एंड ट्रैकिंग एसोसिएशन के सचिव मंजुल रावत बताते हैं कि केदारघाटी जैसे किसी भी उच्च हिमालई क्षेत्रों का रुख करने से पहले लोगों को शारीरिक तौर पर खुद को तैयार कर लेना चाहिए । इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ऊंच हिमालयी क्षेत्रों में परिस्थितियां बिल्कुल अलग होती हैं। एक तरफ यहां ऑक्सीजन की कमी लोगों को परेशान कर सकती है। वही दूसरी तरफ यहां मौसम का वक्त-वक्त पर बदलना भी आपकी तबियत बिगाड़ सकता है । ऐसे में यह जरूरी है कि आप ऊंच हिमालयी क्षेत्रों का रुख करने से पहले अपना फिटनेस चेकअप जरूर कर लें ।








Conclusion:केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले इन बातों का रखे धयान-

- यात्रा शुरू करने से पहले जरूर कराएं अपना मेडिकल चेकअप

- यदि आप ह्रदय रोगी हैं तो बिना मेडिकल चेकअप के बिल्कुल भी यात्रा पर निकले यदि किसी भी प्रकार की हृदय संबंधी दिक्कत सामने आती है तो यात्रा पर न जाएं।

- उच्च हिमालई क्षेत्रों पर जाने से कुछ दिन पहले व्यायाम और टहलना शुरू कर दें । जिससे कि आपको पैदल चलने में यात्रा के दौरान कोई दिक्कत न हो।

- यात्रा मार्ग पर पैदल चलना शुरू करने से पहले कुछ घंटे एक स्थान पर रुख कर अपने शरीर को वहां के तापमान के हिसाब से संतुलित होने दें । हो सके तो 1 दिन पूर्व वहां मौजूद किसी होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे और अगले दिन अपनी पैदल यात्रा शुरू करें।

- यात्रा के दौरान यदि कभी भी बारिश होती है तो रेनकोट की जगह छाते का इस्तेमाल करें क्।योंकि रेनकोट प्लास्टिक का बना होता है ऐसे में यह कुछ देर के लिए तो आपके शरीर को गर्म कर देता है। लेकिन जैसे ही आप इसे खोलते हैं इलाकें की सर्द हवाए आपको हानि पहुचा सकती हैं।
Last Updated : Jun 7, 2019, 8:12 AM IST
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