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चारधाम यात्रा मार्ग पर 24 लैंडस्लाइड जोन, जानिए किस धाम की राह में कितनी बाधाएं

कोरोना महामारी के बाद पहली बार चारधाम यात्रा भव्यता के साथ शुरू होने जा रहा है. यात्रा सीजन के पीछे-पीछे मॉनसून सीजन भी आने वाला है. जिसको लेकर शासन प्रशासन तैयारियों में जुटा है. मॉनसून सीजन में यात्रा के दौरान सबसे बड़ी चुनौती लैंडस्लाइड को लेकर मार्ग बाधित होने का रहता है. जिसकी वजह से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Chardham Yatra route
चारधाम यात्रा मार्ग पर 24 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित
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Published : Apr 28, 2022, 7:01 PM IST

Updated : Apr 28, 2022, 7:21 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. वहीं, चारधाम यात्रा सीजन के पीछे-पीछे बिन बुलाए मेहमान जैसा मॉनसून सीजन भी सर पर है. ऐसे में एक तरफ जहां सरकार की जिम्मेदारी यात्रा को व्यवस्थित करने की होगी. वहीं कोरोना काल के बाद यात्रा मार्ग खुला रखना भी शासन प्रशासन की बड़ी चुनौती होगी. ऐसे में जानते हैं कि प्रदेश में कितने ऐसे डेंजर प्वॉइंट है, जहां सड़क बंद रहने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. लोक निर्माण विभाग की इसको लेकर क्या कुछ तैयारियां हैं.

चारधाम यात्रा का इंतजार इसलिए भी है, क्योंकि कोरोना महामारी के बाद पहली बार यात्रा का आगाज फुल फ्लेज में हो रहा है. ऐसे में सरकार, शासन-प्रशासन और व्यवसाय से जुड़े लोग इस बार यात्रा को लेकर टकटकी लगाए बैठे हैं, लेकिन यात्रा सीजन के साथ साथ मानसून सीजन भी आने वाला है. जो शासन-प्रशासन के सिर का दर्द बन जाता है.

चारधाम यात्रा मार्ग पर 24 लैंडस्लाइड जोन.

मानसून सीजन की वजह से यात्रा में जो सबसे ज्यादा दिक्कत सड़कें बाधित होने से होती है. हालांकि, राज्य सरकार प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों को लेकर लगातार व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करती रहती है. यही नहीं, आपदा विभाग और लोक निर्माण विभाग प्रदेश के उन मार्गों को हमेशा चिन्हित करता रहा है, जिन मार्ग पर भूस्खलन होना या अधिक संख्या में दुर्घटनाएं होती हैं. चारधाम यात्रा रूट पर 24 चिन्हित लैंडस्लाइड जोन हैं. जिसके लिए लोक निर्माण विभाग, इन सभी चिन्हित लैंडस्लाइड जोन पर सड़कों को खोलने के लिए तमाम व्यवस्थाएं करता हैं.

चारधाम रूट पर लैंडस्लाइड जोन

  • राष्ट्रीय राजमार्ग 134 पर 4 लैंडस्लाइड जोन हैं. जिसमें बोसान, डैम टाप, सुमन क्यारी और किसना गांव शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर 4 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमें धरासू, छटांगा, पालीगाड़ और सिराई बैंड शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर 5 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमें नीर गड्डू, साकनी धार, देवप्रयाग, कीर्तिनगर और सिरोबगड़ शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर 6 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमें तिलवाड़ा, विजयनगर, कुंड, नारायण कोटी, खाट और सोनप्रयाग शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 121 पर 2 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमे शंकरपुर और पैठाणी शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 87E पर 3 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमे जौरासी, आदिबद्री और गडोली शामिल हैं.

चारधाम यात्रा 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. इस सीजन चारधाम यात्रा आने वाले श्रद्धालुओं को संख्या काफी अधिक रहने वाली है. जिसको लेकर संबंधित सभी विभाग तैयारियों में जुटे हुए हैं. पीडब्लूडी विभाग ने भी चारधाम यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी लैंडस्लाइड जोन को चिन्हित कर लिया है. इन सभी रूटों पर जेसीबी तैनात करने के साथ ही वैकल्पिक मार्ग भी तय कर दिए हैं. अगर किसी रूट पर लैंडस्लाइड होता है, तो यात्री वैकल्पिक मार्ग का उपयोग कर यात्रा कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में जल्द लागू होगा सख्त भू कानून, हिमाचल ही होगा रोल मॉडल !

भूस्खलन होने पर वैकल्पिक मार्ग

  • NH 123 (हरबर्टपुर-बड़कोट) मार्ग पर चार लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए चार वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें बाडवाला जुड्डो मोटर मार्ग, देहरादून-मसूरी-यमुना पुल मोटर मार्ग, लखवाड़-लखस्यार-नैनबाग मोटरमार्ग और नौगांव-पौटी-राजगडी से राजस्तर मोटर मार्ग शामिल है.
  • NH 94 (धरासू-बड़कोट) मार्ग पर चार लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए केवल एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें नौगांव-पौटी-राजगडी मोटर मार्ग मौजूद है.
  • NH 58 (ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग) मार्ग पर 5 लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए 3 वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें ऋषिकेश-खाड़ी-गजा-देवप्रयाग मोटर मार्ग, कीर्ति नगर-चौरास-फरासू मोटर मार्ग और डूंगरी पन्थ-छाती खाल-खांकरा मोटर मार्ग मौजूद है.
  • NH 109 (रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड) मार्ग पर 6 लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए केवल 2 वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें मलेथा-घनसाली-चिरबटिया-तिलवाड़ा मोटर मार्ग और तिलवाड़ा-मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग वैकल्पिक मार्ग के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं.

श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की जरूरत: पर्यटन प्रदेश होने के चलते उत्तराखंड में हर साल करोड़ों की संख्या में सैलानी आते हैं. ऐसे में मॉनसून सीजन के दौरान कहीं भूस्खलन से सड़क बाधित होती है तो उस दौरान यात्रियों को किसी ऐसे स्थान पर रोका जाता है, जहां खाने पीने की व्यवस्था हो. इसके लिए जिला प्रशासन को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं. कहीं भूस्खलन की सूचना आती है तो आवागमन करने वाले यात्रियों को पहले ही रोक दिया जाएगा.

प्रदेश में 74 भूस्खलन जोन चिन्हित

  • उत्तरकाशी जिले में 11 लैंडस्लाइड जोन, जहां 5 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • टिहरी जिले में 10 लैंडस्लाइड जोन, जहां 10 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • चमोली जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन, जहां 6 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • रुद्रप्रयाग जिले में 12 लैंडस्लाइड जोन, जहां 4 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • पौड़ी जिले में 1 लैंडस्लाइड जोन, जहां एक भी जेसीबी मशीन तैनात नहीं है.
  • देहरादून जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित हैं, जहां 1 जेसीबी और एक डोजर मशीन तैनात की गई है.
  • पिथौरागढ़ जिले में 4 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित हैं, जहां 4 जेसीबी और 2 डोजर मशीन तैनात की गई है.
  • चंपावत जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित, जहां 6 जेसीबी मशीनें तैनात की गई है.
  • बागेश्वर जिले में 2 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं, जहां 2 जेसीबी मशीनें तैनात की गई है.
  • नैनीताल जिले में 5 लैंडस्लाइड जोन, जहां 5 जेसीबी मशीन तैनात की गई है.
  • प्रदेश के एनएच मार्ग पर 10 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं, जहां 18 जेसीबी और 4 डोजर मशीन तैनात की गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. वहीं, चारधाम यात्रा सीजन के पीछे-पीछे बिन बुलाए मेहमान जैसा मॉनसून सीजन भी सर पर है. ऐसे में एक तरफ जहां सरकार की जिम्मेदारी यात्रा को व्यवस्थित करने की होगी. वहीं कोरोना काल के बाद यात्रा मार्ग खुला रखना भी शासन प्रशासन की बड़ी चुनौती होगी. ऐसे में जानते हैं कि प्रदेश में कितने ऐसे डेंजर प्वॉइंट है, जहां सड़क बंद रहने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. लोक निर्माण विभाग की इसको लेकर क्या कुछ तैयारियां हैं.

चारधाम यात्रा का इंतजार इसलिए भी है, क्योंकि कोरोना महामारी के बाद पहली बार यात्रा का आगाज फुल फ्लेज में हो रहा है. ऐसे में सरकार, शासन-प्रशासन और व्यवसाय से जुड़े लोग इस बार यात्रा को लेकर टकटकी लगाए बैठे हैं, लेकिन यात्रा सीजन के साथ साथ मानसून सीजन भी आने वाला है. जो शासन-प्रशासन के सिर का दर्द बन जाता है.

चारधाम यात्रा मार्ग पर 24 लैंडस्लाइड जोन.

मानसून सीजन की वजह से यात्रा में जो सबसे ज्यादा दिक्कत सड़कें बाधित होने से होती है. हालांकि, राज्य सरकार प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों को लेकर लगातार व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करती रहती है. यही नहीं, आपदा विभाग और लोक निर्माण विभाग प्रदेश के उन मार्गों को हमेशा चिन्हित करता रहा है, जिन मार्ग पर भूस्खलन होना या अधिक संख्या में दुर्घटनाएं होती हैं. चारधाम यात्रा रूट पर 24 चिन्हित लैंडस्लाइड जोन हैं. जिसके लिए लोक निर्माण विभाग, इन सभी चिन्हित लैंडस्लाइड जोन पर सड़कों को खोलने के लिए तमाम व्यवस्थाएं करता हैं.

चारधाम रूट पर लैंडस्लाइड जोन

  • राष्ट्रीय राजमार्ग 134 पर 4 लैंडस्लाइड जोन हैं. जिसमें बोसान, डैम टाप, सुमन क्यारी और किसना गांव शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर 4 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमें धरासू, छटांगा, पालीगाड़ और सिराई बैंड शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर 5 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमें नीर गड्डू, साकनी धार, देवप्रयाग, कीर्तिनगर और सिरोबगड़ शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर 6 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमें तिलवाड़ा, विजयनगर, कुंड, नारायण कोटी, खाट और सोनप्रयाग शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 121 पर 2 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमे शंकरपुर और पैठाणी शामिल हैं.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 87E पर 3 लैंडस्लाइड जोन हैं, जिसमे जौरासी, आदिबद्री और गडोली शामिल हैं.

चारधाम यात्रा 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. इस सीजन चारधाम यात्रा आने वाले श्रद्धालुओं को संख्या काफी अधिक रहने वाली है. जिसको लेकर संबंधित सभी विभाग तैयारियों में जुटे हुए हैं. पीडब्लूडी विभाग ने भी चारधाम यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी लैंडस्लाइड जोन को चिन्हित कर लिया है. इन सभी रूटों पर जेसीबी तैनात करने के साथ ही वैकल्पिक मार्ग भी तय कर दिए हैं. अगर किसी रूट पर लैंडस्लाइड होता है, तो यात्री वैकल्पिक मार्ग का उपयोग कर यात्रा कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में जल्द लागू होगा सख्त भू कानून, हिमाचल ही होगा रोल मॉडल !

भूस्खलन होने पर वैकल्पिक मार्ग

  • NH 123 (हरबर्टपुर-बड़कोट) मार्ग पर चार लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए चार वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें बाडवाला जुड्डो मोटर मार्ग, देहरादून-मसूरी-यमुना पुल मोटर मार्ग, लखवाड़-लखस्यार-नैनबाग मोटरमार्ग और नौगांव-पौटी-राजगडी से राजस्तर मोटर मार्ग शामिल है.
  • NH 94 (धरासू-बड़कोट) मार्ग पर चार लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए केवल एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें नौगांव-पौटी-राजगडी मोटर मार्ग मौजूद है.
  • NH 58 (ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग) मार्ग पर 5 लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए 3 वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें ऋषिकेश-खाड़ी-गजा-देवप्रयाग मोटर मार्ग, कीर्ति नगर-चौरास-फरासू मोटर मार्ग और डूंगरी पन्थ-छाती खाल-खांकरा मोटर मार्ग मौजूद है.
  • NH 109 (रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड) मार्ग पर 6 लैंडस्लाइट प्वॉइंट के लिए केवल 2 वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है. जिसमें मलेथा-घनसाली-चिरबटिया-तिलवाड़ा मोटर मार्ग और तिलवाड़ा-मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग वैकल्पिक मार्ग के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं.

श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की जरूरत: पर्यटन प्रदेश होने के चलते उत्तराखंड में हर साल करोड़ों की संख्या में सैलानी आते हैं. ऐसे में मॉनसून सीजन के दौरान कहीं भूस्खलन से सड़क बाधित होती है तो उस दौरान यात्रियों को किसी ऐसे स्थान पर रोका जाता है, जहां खाने पीने की व्यवस्था हो. इसके लिए जिला प्रशासन को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं. कहीं भूस्खलन की सूचना आती है तो आवागमन करने वाले यात्रियों को पहले ही रोक दिया जाएगा.

प्रदेश में 74 भूस्खलन जोन चिन्हित

  • उत्तरकाशी जिले में 11 लैंडस्लाइड जोन, जहां 5 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • टिहरी जिले में 10 लैंडस्लाइड जोन, जहां 10 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • चमोली जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन, जहां 6 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • रुद्रप्रयाग जिले में 12 लैंडस्लाइड जोन, जहां 4 जेसीबी मशीन तैनात हैं.
  • पौड़ी जिले में 1 लैंडस्लाइड जोन, जहां एक भी जेसीबी मशीन तैनात नहीं है.
  • देहरादून जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित हैं, जहां 1 जेसीबी और एक डोजर मशीन तैनात की गई है.
  • पिथौरागढ़ जिले में 4 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित हैं, जहां 4 जेसीबी और 2 डोजर मशीन तैनात की गई है.
  • चंपावत जिले में 6 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित, जहां 6 जेसीबी मशीनें तैनात की गई है.
  • बागेश्वर जिले में 2 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं, जहां 2 जेसीबी मशीनें तैनात की गई है.
  • नैनीताल जिले में 5 लैंडस्लाइड जोन, जहां 5 जेसीबी मशीन तैनात की गई है.
  • प्रदेश के एनएच मार्ग पर 10 लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं, जहां 18 जेसीबी और 4 डोजर मशीन तैनात की गई है.
Last Updated : Apr 28, 2022, 7:21 PM IST
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