ETV Bharat / state

दिल्ली चुनाव का उत्तराखंड कनेक्शन, पार्टियों को 23 लाख पहाड़ी वोटरों की टेंशन

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दिल्ली में पहाड़ी वोटरों को रिझाने में लगी हुई हैं. क्योंकि दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 23 लाख वोटर हैं, जिनका प्रभाव दिल्ली की कई सीटों पर है.

delhi assembly elections 2020
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Jan 27, 2020, 8:27 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 10:34 AM IST

देहरादून: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है. आम आदमी पार्टी (आप), बीजेपी और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां सत्ता पर काबिज होने को लेकर जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की अहम भूमिका रहने वाली है क्योंकि दिल्ली में उत्तराखंड मूल के लाखों लोग रह रहे हैं, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभायेंगे.

दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 23 लाख मतदाता

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1 करोड़ 47 लाख 86 हज़ार 389 मतदाता हैं, जिसमें से करीब 23 लाख मतदाता उत्तराखंड मूल से हैं, जो सीधे तौर पर करीब 10 से 12 सीटों को प्रभावित करेंगे. यही वजह है कि न सिर्फ AAP बल्कि बीजेपी और कांग्रेस भी इन मतदताओं को अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर हरसंभव प्रयास कर रही हैं. सियासी पंडितों की मानें तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत होंगे.

दिल्ली चुनाव में पहाड़ी वोटरों पर नजर.

पढ़ें- सावधान! कहीं आप भी तो नहीं हुए Juice jacking के शिकार, यहां भूलकर भी न करें फोन चार्ज

पार्टियों ने उत्तराखंड मूल के प्रत्याशी किये हैं खड़े
दिल्ली में उत्तराखंड मूल के भारी तादाद में मतदाता के होने के चलते बीजेपी और कांग्रेस का उत्तराखंड मूल के प्रत्याशियों पर फोकस है. यही वजह है कि दिल्ली में बीजेपी ने दो तो कांग्रेस ने उत्तराखंड मूल के चार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. ताकि वे उत्तराखंडी वोटर को ज्यादा से ज्यादा अपने पाले में कर सकें.

उत्तराखंड के तमाम बड़े नेता बनाये गए हैं स्टार प्रचारक
उधर, दिल्ली में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं को रिझाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने प्रदेश के कई नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है, जिनमें सबसे पहला नाम सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, नैनीताल सांसद अजय भट्ट के साथ ही अन्य वरिष्ठ नेता हैं. वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है.

पढ़ें- मान मनौव्वल: प्रीतम सिंह बोले- धामी के नाम पर हुआ षड्यंत्र , सोनिया गांधी से करेंगे शिकायत

महत्वपूर्ण भूमिका में पहाड़ी मतदाता
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार भगीरथ शर्मा की मानें तो दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 30 लाख लोग रहते हैं, जिसमें से करीब 23 लाख मतदाता हैं, जो दिल्ली की करीब 10 से 12 सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है. लिहाजा दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं का बहुत महत्व है.

बीजेपी-कांग्रेस के लिए काफी अहम
दिल्ली विधानसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद ही अहम माना जा रहा है, क्योंकि 1998 से अबतक दिल्ली में बीजेपी अपनी वापसी नहीं कर पाई. वहीं कांग्रेस की बात करें ये चुनाव उनके प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है.

पढ़ें- विधायक धामी की बगावत पर इंदिरा हृदयेश का पलटवार- 'नखरे दिखाने की जरूरत नहीं'

दरअसल, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समय में लगातार तीन बार सरकार बनाने वाली कांग्रेस 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पायी थी. लिहाजा दिल्ली विधानसभा चुनाव दोनी ही पार्टियों के लिए काफी मायने रखता है.

बीजेपी को उम्मीद
उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता जाएंगे. दिल्ली के जिन क्षेत्रों में उत्तराखंड मूल के निवासी अधिक संख्या में हैं वहां पर उत्तराखंड के नेता प्रचार-प्रसार करेंगे. बीजेपी ने दिल्ली में उत्तराखंड मूल के दो नेताओं को प्रत्याशी बनाया है. भसीन का मानना है कि दिल्ली के लोगों का रुख बीजेपी की तरफ है. लोगों का अरविंद केजरीवाल से मोह भंग हुआ है.

पढ़ें- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की तीन मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा, लंबे वक्त से चल रही थी खींचतान

कांग्रेस को भरोसा
उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह की मानें तो दिल्ली में करीब 22 से 23 लाख उत्तराखंड मूल के मतदाता हैं, जिसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में उत्तराखंड मूल के चार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कांग्रेस के अन्य नेता दिल्ली में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.

देहरादून: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है. आम आदमी पार्टी (आप), बीजेपी और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां सत्ता पर काबिज होने को लेकर जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की अहम भूमिका रहने वाली है क्योंकि दिल्ली में उत्तराखंड मूल के लाखों लोग रह रहे हैं, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभायेंगे.

दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 23 लाख मतदाता

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1 करोड़ 47 लाख 86 हज़ार 389 मतदाता हैं, जिसमें से करीब 23 लाख मतदाता उत्तराखंड मूल से हैं, जो सीधे तौर पर करीब 10 से 12 सीटों को प्रभावित करेंगे. यही वजह है कि न सिर्फ AAP बल्कि बीजेपी और कांग्रेस भी इन मतदताओं को अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर हरसंभव प्रयास कर रही हैं. सियासी पंडितों की मानें तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत होंगे.

दिल्ली चुनाव में पहाड़ी वोटरों पर नजर.

पढ़ें- सावधान! कहीं आप भी तो नहीं हुए Juice jacking के शिकार, यहां भूलकर भी न करें फोन चार्ज

पार्टियों ने उत्तराखंड मूल के प्रत्याशी किये हैं खड़े
दिल्ली में उत्तराखंड मूल के भारी तादाद में मतदाता के होने के चलते बीजेपी और कांग्रेस का उत्तराखंड मूल के प्रत्याशियों पर फोकस है. यही वजह है कि दिल्ली में बीजेपी ने दो तो कांग्रेस ने उत्तराखंड मूल के चार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. ताकि वे उत्तराखंडी वोटर को ज्यादा से ज्यादा अपने पाले में कर सकें.

उत्तराखंड के तमाम बड़े नेता बनाये गए हैं स्टार प्रचारक
उधर, दिल्ली में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं को रिझाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने प्रदेश के कई नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है, जिनमें सबसे पहला नाम सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, नैनीताल सांसद अजय भट्ट के साथ ही अन्य वरिष्ठ नेता हैं. वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है.

पढ़ें- मान मनौव्वल: प्रीतम सिंह बोले- धामी के नाम पर हुआ षड्यंत्र , सोनिया गांधी से करेंगे शिकायत

महत्वपूर्ण भूमिका में पहाड़ी मतदाता
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार भगीरथ शर्मा की मानें तो दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 30 लाख लोग रहते हैं, जिसमें से करीब 23 लाख मतदाता हैं, जो दिल्ली की करीब 10 से 12 सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है. लिहाजा दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं का बहुत महत्व है.

बीजेपी-कांग्रेस के लिए काफी अहम
दिल्ली विधानसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद ही अहम माना जा रहा है, क्योंकि 1998 से अबतक दिल्ली में बीजेपी अपनी वापसी नहीं कर पाई. वहीं कांग्रेस की बात करें ये चुनाव उनके प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है.

पढ़ें- विधायक धामी की बगावत पर इंदिरा हृदयेश का पलटवार- 'नखरे दिखाने की जरूरत नहीं'

दरअसल, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समय में लगातार तीन बार सरकार बनाने वाली कांग्रेस 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पायी थी. लिहाजा दिल्ली विधानसभा चुनाव दोनी ही पार्टियों के लिए काफी मायने रखता है.

बीजेपी को उम्मीद
उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता जाएंगे. दिल्ली के जिन क्षेत्रों में उत्तराखंड मूल के निवासी अधिक संख्या में हैं वहां पर उत्तराखंड के नेता प्रचार-प्रसार करेंगे. बीजेपी ने दिल्ली में उत्तराखंड मूल के दो नेताओं को प्रत्याशी बनाया है. भसीन का मानना है कि दिल्ली के लोगों का रुख बीजेपी की तरफ है. लोगों का अरविंद केजरीवाल से मोह भंग हुआ है.

पढ़ें- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की तीन मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा, लंबे वक्त से चल रही थी खींचतान

कांग्रेस को भरोसा
उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह की मानें तो दिल्ली में करीब 22 से 23 लाख उत्तराखंड मूल के मतदाता हैं, जिसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में उत्तराखंड मूल के चार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कांग्रेस के अन्य नेता दिल्ली में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.

Intro:Ready To Air.....

देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर हैं। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनो ही पार्टियां सत्ता पर काबिज होने को लेकर जोरो शोरो से प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है। दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की अहम भूमिका रहने वाली है। क्योंकि दिल्ली में उत्तराखंड मूल के लाखों लोग रह रहे है। जो कही न कही दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका नाभायेंगे। आखिर, दिल्ली में क्या है उत्तराखंड मूल के मतदाताओ की स्थिति, इन मतदाताओ को रिझाने के लिए क्या है पार्टियों की रणनीति? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट........


Body:दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 23 लाख मतदाता......... 

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1 करोड़ 47 लाख 86 हज़ार 389 मतदाता है। जिसमे से करीब 23 लाख मतदाता उत्तराखंड मूल से है। जो सीधे तौर पर करीब 10 से 12 सीटों को प्रभावित करेंगे। यही वजह है की न सिर्फ आम आदमी पार्टी बल्कि भाजपा और कांग्रेस भी इन मतदताओं को अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है। यही नहीं सियासी पंडितो की माने तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत मान रहे है।  


पार्टियों ने उत्तराखंड मूल के प्रत्याशी किये है खड़े.........  

दिल्ली में उत्तराखंड मूल के भारी तादात मतदाता होने के चलते भाजपा और कांग्रेस, उत्तराखंड के मूल के प्रत्याशियों पर फोकस करने लगे है यही वजह है कि भाजपा ने दिल्ली के 2 विधानसभा सीटों पर उत्तराखंड मूल के नेताओ को प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया है तो वही कांग्रेस ने 4 विधानसभा सीटों पर उत्तराखंड मूल के उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा हैं। ताकि उत्तराखंड मूल के मतदाताओं का वोट इन उम्मीवारों को मिल सके। 


उत्तराखंड के तमाम बड़े नेता बनाये गए है स्टार प्रचारक...........

तो वही दिल्ली में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं को रिझाने के लिए उत्तराखंड की दोनों मुख्य पार्टिया भाजपा और कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची तैयार कर ली है। जहा उत्तराखंड भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत, सांसद अजय भट्ट के साथ ही अन्य वरिष्ठ नेताओ को स्टार प्रचारक बनाया गया है तो वही उत्तराखंड कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता एव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओ को स्टार प्रचारक बनाया है। 


महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे उत्तराखंड मूल के मतदाता...........   

वहीं राजनीतिक जानकार भगीरथ शर्मा ने बताया कि दिल्ली में उत्तराखंड मूल के करीब 30 लाख लोग रहते हैं। जिसमें से करीब 23 लाख मतदाता हैं। जो दिल्ली के करीब 10 से 12 सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। लिहाजा दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं का बहुत महत्व है। साथ ही बताया कि अमूमन ऐसा रहा है कि दिल्ली में उत्तराखंड मूल के प्रत्याशियों को टिकट देने में पार्टियां हिचकिचाती रही है। लेकिन दिल्ली में रह रहे उत्तराखंड मूल के लोगों का एक-एक मत, भावी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।


दिल्ली विधानसभा चुनाव, भाजपा- कांग्रेस के लिए काफी अहम...........

दिल्ली विधानसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद ही अहम माना जा रहा है क्योंकि 1998 से अबतक दिल्ली में भाजपा अपनी वापसी नहीं कर पाई है। तो वही अगर कांग्रेस की बात करें, तो दिल्ली विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई बनी हुई है। दरअसल, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समय में लगातार तीन बार सरकार बनाने वाली कांग्रेस 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पायी थी। लिहाजा दिल्ली विधानसभा चुनाव दोनी ही पार्टियों के लिए काफी मायने रखता है।    


दिल्ली के लोगों का रुख भाजपा के प्रति हुआ है प्रकट- भाजपा 

वहीं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता जाएंगे। दिल्ली के जिन क्षेत्रों में उत्तराखंड मूल के निवासी, अधिक संख्या में है वहां पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। और जो पार्टी हाईकमान कार्यक्रम निर्धारित करेगा, उसी अनुसार अन्य जगहों पर भी उत्तराखंड के नेता प्रचार प्रसार करने जाएंगे। इसके साथ ही भाजपा ने दिल्ली में उत्तराखंड मूल के दो नेताओं को प्रत्याशी बनाया है। साथ ही बताया कि दिल्ली चुनाव में वर्तमान समय में पूरा दृश्य बदला हुआ है। क्योकि दिल्ली के लोगों का रुख भाजपा के प्रति प्रकट हुआ है। और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व की सरकार के प्रति लोगों का मोह भंग हुआ है। यही नहीं यह चुनाव अरविंद केजरीवाल का ना होकर के बल्कि भाजपा का चुनाव होगा और भाजपा की सरकार बनेगी।


दिल्ली में कांग्रेस करेगी अच्छा प्रदर्शन - कांग्रेस 

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने बताया कि दिल्ली में करीब 22 से 23 लाख, उत्तराखंड मूल के मतदाता हैं। जिसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में 4 उत्तराखंड मूल के लोगो को प्रत्याशी खड़ा किया है। लिहाजा चुनाव प्रचार- प्रसार के लिए उत्तराखंड से पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तमाम अन्य वरिष्ठ नेता जायेगें। जिसकी लिस्ट जल्द ही तैयार हो जाएगी। साथ ही बताया कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कितनी सीटे आयेगी, ये तो समय बताएगा लेकिन बेहतर प्रदर्शन में होंगे। 

बाइट - भगीरथ शर्मा, राजनीतिक जानकार
बाइट - देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा
बाइट - प्रतिमा सिंह, प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस




Conclusion:कांग्रेस और बीजेपी भले ही दिल्ली विधानसभा चुनाव को जीतने के खूब दावे कर रहे हो, साथ ही आम आदमी पार्टी भी जीत की हुंकार भर रही हो। लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जीत किसकी होगी? क्या वाकई 15 सालो से दिल्ली में बनवास झेल रही बीजेपी को उत्तराखंड मूल के मतदाताओं सहित दिल्ली की जनता  का जनादेश मिल पायेगा? देहरादून से ईटीवी भारत के लिए रोहित सोनी रिपोर्ट........ 
Last Updated : Jan 28, 2020, 10:34 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.