देहरादून: राजधानी देहरादून के सिंगली गांव में तीन दिन पहले चार साल के मासूम बच्चे को निवाला बनाने वाला गुलदार अभी भी गांव के आसपास ही घूम रहा है, लेकिन वन विभाग की टीम अभीतक उसे पकड़ नहीं पाई है. गुलदार को पकड़ने के लिए 20 ट्रैप कैमरे, चार पिंजरे और दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है.
वन विभाग की टीम को गांव के आसपास ही गुलदार के फुटप्रिंट मिले हैं. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को सर्तक रहने को कहा है. वन विभाग की माने तो उनकी टीम को शुक्रवार सुबह मिट्टी पर गुलदार के पैर के निशान दिखे थे. टीम ने उन निशानों के लिए जरिए गुलदार का पता लगाने के प्रयास भी किया, लेकिन कुछ ही दूरी पर वे निशान मिट गए थे, लेकिन इससे ये साफ हो गया था कि गुलदार अभी भी आसपास ही घूम रहा है, जिस जगह पर उसने मासूम बच्चे को छोड़ा था.
वन विभाग ने बताया कि इलाके में 20 ट्रैप कैमरे लगाए गए है, जिनकी हर दो घंटे बाद मॉनिटरिंग की जा रही है. कुछ कैमरों में गुलदार कैद भी हुआ है. डीएफओ मसूरी वैभव सिंह ने बताया कि उनकी टीम लगातार गश्त कर रही है. गुलदार को पकड़ने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. टीम का प्रयास है कि इलाके में जो पिंचरे लगाए है, उनमें एक दो दिन के अंदर गुलदार कैद हो जाए.
गुलदार को ट्रेंकुलाइज किए जाने के विचार पर डीएफओ मसूरी वैभव सिंह ने कहा कि उनका पहला प्रयास गुलदार को सुरक्षित पकड़ना है. अगर गुलदार पिंजरे में कैद नहीं हो पाया तो फिर अन्य विकल्पों पर विचार किया जा सकता है. डीएफओ मसूरी वैभव सिंह ने बताया कि गुलदार गुलदार बेहद शातिर जानवर होता है, लिहाजा वह आसपास की गतिविधियों पर भी नजर रख रहा होगा. गुलदार को पकड़ने में वन विभाग के साथ पुलिस की टीम भी लगी हुई है.
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देहरादून एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि जिस दिन से बच्चे का शव मिला है, उसे दिन से ही स्थानीय पुलिस लोगों से समय से घर पहुंचने की अपील कर रही है. ताकी इस तरह की घटना दोबार न हो. दरअसल, देहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के पास मंगलवार को सिंगली गांव में गुलादर चार साल से बच्चे आयांश को घर से आंगन से उठाकर ले गया था. जिसका शव कई घंटों बाद जंगल में मिला था, तभी से इस इलाके के लोग काफी डरे हुए है.