देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वैक्सीन के टीके को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. राज्य सरकार ने पहले चरण में 20 प्रतिशत लोगों को लगने वाले टीके के लिए अंतिम दौर की तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है. जिसके लिए करीब 93 हजार लोगों को चिन्हित कर लिया गया है.
प्रदेश में कोरोना वैक्सीन के लिए राज्य सरकार एक बड़े अभियान के रूप में काम को शुरू कर चुकी है. इस दिशा में वैक्सीनेशन के लिए जरूरी ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की कमेटियां भी गठित कर दी गई है. खास बात यह है कि पहले चरण में 20 प्रतिशत लोगों को कोरोना के टीके लगाए जाने हैं. लिहाजा पहले चरण में लगाए जाने वाले टीकाकरण के लिए 93 हजार लोगों को चिन्हित किया गया है.
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तीन कैटेगरी तैयार
इसमें पहले फेस में तीन कैटेगरी तैयार की गई है. जिसमें हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 55 साल से ज्यादा उम्र के वह लोग शामिल हैं, जो किसी बीमारी से ग्रसित हैं. इसके लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य में मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग तक बैठकें की जा चुकी हैं. उत्तराखंड में इसके लिए -4 डिग्री तक के कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था की जा रही है.
प्रशिक्षित टीम की जरूरत
उत्तराखंड सरकार इस बड़े अभियान को लेकर वैक्सीन के प्रदेश में आने और कोल्ड स्टोरेज में संभालने से लेकर वैक्सीनेशन तक के लिए एक प्रशिक्षित टीम की जरूरत होगी. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य वर्कर्स के इंतजाम को लेकर भी काम शुरू कर दिया है. प्रदेश में कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया गया है.
इस अभियान में न केवल डॉक्टर, नर्सिंग पैरामेडिकल स्टाफ बल्कि आशा कार्यकत्रियों और निजी क्षेत्र के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की भी मदद ली जा सकती है. वैक्सीनेशन का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके. इसके लिए नर्सिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यानी इस काम के लिए नर्सिंग के स्टूडेंट भी अहम योगदान दे सकते हैं.
वैक्सीन के स्टोरेज की चुनौती
उत्तराखंड में सबसे बड़ी चुनौती वैक्सीन के स्टोरेज को लेकर है. प्रदेश में बेहद कम तापमान के स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार की मदद से स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के प्रयास फिलहाल किए जा रहे हैं. राज्य सरकार फिलहाल -4 डिग्री तक के तापमान वाले स्टोरेज तैयार करने में जुटी हुई है. यूं तो राज्य में लगने वाले विभिन्न टीकों को भी 2 डिग्री से लेकर 8 डिग्री तक के तापमान में ही रखा जाता है. लेकिन कोरोना वैक्सीन के लिए तापमान और भी कम चाहिए. ऐसे में -4 डिग्री तक का तापमान वाले कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है.
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कोरोना वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन तैयार करना महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण है. कोल्ड चेन यानी कोरोना संक्रमण की वैक्सीन को आम व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था है. दरअसल वैक्सीन को उत्तराखंड में आम लोगों तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है. इसमें वैक्सीन के माइनस 4 डिग्री या इससे भी कम तापमान के साथ विमान से लेकर इसे अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाने के लिए ट्रक और दूसरे संसाधनों को जुटाना है.
गांव-गांव तक वैक्सीन पहुंचाना मुश्किल
उत्तराखंड में यह चुनौती इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां बाकी राज्यों से काफी भिन्न है. यहां दुर्गम स्थानों तक इसकी पहुंच करने के लिए सरकार को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा. इससे भी बड़ी बात यह है कि राज्य में अब भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर सड़कों की उचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यातायात की उचित व्यवस्थाओं के साथ कम तापमान को रखते हुए इन जगहों तक वैक्सीन को पहुंचाना एक मुश्किल काम होगा.