देहरादून: कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है. यह आर्थिक पैकेज उत्तराखंड के कई सेक्टर्स के लिए वरदान साबित हो सकता है. पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कई सेक्टर में बड़े सुधारों का ऐलान किया था. पीएम ने कृषि से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर, टैक्स तक सभी सेक्टर में सुधारों का ऐलान किया था.
एमएसएमई को फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन लाख करोड़ रुपए का पैकेज एमएसएमई के लिए घोषित किया है. उत्तराखंड में लघु उद्योगों की भरमार है. प्रदेश में अधिकतर छोटे उद्योगों के जरिए ही रोजगार की संभावनाएं बढ़ी है. ऐसे में राहत पैकेज मिलने के बाद एमएसएमई सेक्टर्स को बड़ी राहत मिल सकती है. उत्तराखंड में हजारों लोग छोटे उद्योगों पर निर्भर हैं और एमएसएमई के जरिए ही उनको रोजगार मिल पाता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है. इसमें 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.
वित्त मंत्री के मुताबिक एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं. उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से मदद दी जाएगी.
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गरीब और किसानों को फायदा
कृषि क्षेत्र में राहत पैकेज आने से इस सेक्टर को काफी बल मिलेगा. उत्तराखंड में 80% से ज्यादा जनसंख्या कृषि पर निर्भर है. ऐसे में कृषि के क्षेत्र में मोदी सरकार के राहत पैकेज का असर दिख सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने गरीबों और किसानों के खातों में रुपए पहुंचाए हैं. 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है.
रियल एस्टेट और फाइनेंस कंपनियों को फायदा
रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगा कि सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक मोहलत दी जाए. नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है. इससे नकदी का संकट नहीं रह जाएगा.