देहरादून: 15 दिनों के भीतर उत्तराखंड में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड के दो निर्माण धराशाई हो गये हैं. जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है. कभी इसमें गुणवत्ता की कमी की बात कही जा रही है तो कभी निर्माणकार्यों में अनियमितता को इसकी वजह बताया जा रहा है. इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने इससे जुड़े अधिकारियों से बात की.
श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच नरकोटा में निर्माणाधीन पुल की शटरिंग गिरने से हुए हादसे में दो मजदूरों की मौत हुई थी. मामले में उत्तराखंड एनएच के चीफ इंजीनियर प्रमोद कुमार का कहना है कि इस मामले में तीन इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मामले की जांच अभी चल रही है. देखा जा रहा है कि शटरिंग गिरने का मुख्य कारण क्या रहा है.
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ऑल वेदर रोड में दो बड़े अफसरों को लेकर एनएच चीफ का कहना है इन दोनों मामलों की जांच हो रही है. ऐसा नहीं है कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता किया गया हो. लेकिन जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिरकार इस हादसे का कारण क्या रहा होगा.
ऑलवेदर रोड में लगातार हो रहे हादसों को लेकर सवाल उठने लगे हैं जिस पर एनएच के चीफ इंजीनियर प्रमोद कुमार का कहना है कि बड़े प्रोजेक्ट में सड़क में कार्य को अच्छा खासा समय दिया जाता है. जिससे जमीन पूरी तरह बैठ सके. कई बार जल्दीबाजी में हादसे होते हैं, हालांकि ऑल वेदर रोड में काफी सेफ्टी को लेकर काम किए गए हैं. अब इन हादसों की विस्तृत जांच से ही पता चलेगा कि आखिरकार इसके क्या कारण थे.