देहरादून: प्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस सब के लिए विषम भौगोलिक परिस्थिति को भी एक वजह मानी जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अब तक 156 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से 57 ब्लैक स्पॉटों पर अभी भी सुधारीकरण का कार्य होना बाकी है.
क्या होते हैं ब्लैक स्पॉट: परिवहन उपायुक्त उत्तराखंड सनत कुमार सिंह ने बताया कि ब्लैक स्पॉट किसी भी सड़क के दुर्घटना संभावित उस हिस्से को कहा जाता है, जहां बीते 3 सालों में पांच गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं या सड़क दुर्घटना में 10 या इससे अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं. हर साल पुलिस महकमे और लोक निर्माण विभाग की ओर से ब्लैक स्पॉट की सूची परिवहन विभाग को सौंपी जाती है. जिसके आधार पर जिस भी महकमे कि यह सड़क होती है उस सरकारी महकमे को इन ब्लैक स्पॉट के सुधारीकरण की जिम्मेदारी दी जाती है.
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प्रदेश में चिन्हित ब्लैक स्पॉट की सूची: लोक निर्माण विभाग के 33 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. वहीं लोक निर्माण विभाग एनएच के 42 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के 76 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड ( NHIDCL) का एक ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 3 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. वहीं, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) का एक ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. ऐसे में प्रदेश में कुल 156 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं.
प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चिन्हित ब्लैक स्पॉट की स्थिति: देहरादून में 49 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. हरिद्वार में 40 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. उधम सिंह नगर में 36 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. चमोली में 2 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. टिहरी में 7 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. पौड़ी में 2 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. अल्मोड़ा में 2 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. नैनीताल में 10 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. पिथौरागढ़ में 3 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. उत्तरकाशी में 4 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. चंपावत में 1 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं.
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गौरतलब है कि प्रदेश के सभी 13 जनपदों में से सबसे अधिक ब्लैक स्पॉट जनपद देहरादून में चिन्हित किए हैं. यहां ब्लैक स्पॉट की संख्या 49 है. जिसमें से अभी भी 17 ब्लैक स्पॉट पर सुधारीकरण का कार्य होना बाकी है. इसके अलावा जनपद हरिद्वार में 40 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. जिसमें से 15 ब्लैक स्पॉट में सुधारीकरण का कार्य होना अभी शेष है. वहीं अगर बात जनपद बागेश्वर और रुद्रप्रयाग की करें तो प्रदेश के इन दो जनपदों में फिलहाल एक भी ब्लैक स्पॉट चिन्हित नहीं है.