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उत्तराखंड में दो परियोजनाओं के चलते 10 गांव लेंगे जल समाधि, दफन हो जाएगी लोक संस्कृति - देहरादून का पलेद गांव होगा जलमग्न

उत्तराखंड में जामरानी बांध और देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट के चलते 10 गांवों को जल समाधि लेनी पड़ेगी. जिसकी वजह से इन गांवों में रह रहे लोगों की संस्कृति और रीति रिवाज भी खत्म हो जाएंगे. वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विकास में जिन गांवों की कुर्बानी दी जा रही है, उनके विस्थापन में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
10 गांव लेंगे जल समाधि
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Published : Jun 14, 2022, 6:51 PM IST

Updated : Jun 14, 2022, 10:24 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से को रोशन करने और लाखों लोगों की प्यास बुझाने के लिए जल्द उत्तराखंड के दस गांव जल समाधि लेने जा रहे हैं. इन सैकड़ों परिवारों के लिए अपनी संस्कृति, रीति रिवाज और परंपराओं को खत्म होते देखना आसान नहीं होगा, लेकिन कहते हैं ना की समाज में कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है. जाहिर है हजारों लोगों के घरों को रोशनी से जगमगाने और पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए इन 10 गांव के लोग बड़ी कुर्बानी देने जा रहे हैं. जानिए किस प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड के 10 गांव जल समाधि लेने जा रहा है.

10 गांव लेंगे जलसमाधि: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड सीमा की सुरक्षा के लिए अपने जवानों से लेकर जल जंगल और जमीन तक को देश के नाम करता रहा है. देश के ऐसे कई राष्ट्रीय प्रोजेक्ट है, जिनके लिए उत्तराखंड के हजारों लोगों ने अपनी जमीन और पुरखों की यादों को कुर्बान करने में देरी नहीं की. इसका सबसे बड़ा उदाहरण टिहरी बांध है. जिसके लिए एक बसा बसाया शहर पानी के नीचे समा गया. एक बार इतिहास खुद को दोहरा रहा है. प्रदेश के 10 गांव एक बार फिर जल समाधि लेने को तैयार है. दरअसल जमरानी बांध परियोजना और सौंग ड्रिंकिंग वाटर परियोजना के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल गई है. इससे कई शहरों को पानी मिलेगा, वहीं बिजली का उत्पादन भी होगा.

उत्तराखंड में दो परियोजनाओं के चलते 10 गांव लेंगे जल समाधि.

दूर होगी बिजली और पानी की किल्लत: उत्तराखंड के गांवों ने विकास के लिए कई बार कुर्बानी दी है. बहुत जल्द 10 गांव रोशनी और पानी की कमी दूर करने के लिए जल समाधि लेने जा रहे हैं, लेकिन कई बार सरकार और प्रशासन इन लोगों की कुर्बानियों को समय के साथ भुला देता है. पिछले कुछ परियोजना हो में लोगों ने खुद के डूबते हुए घर और आशियाने को देख कर प्रशासन की इन लोगों के प्रति संवेदनहीनता को बयां किया था. राजधानी देहरादून के कालसी में व्यासी विद्युत परियोजना के कारण हाल ही में लोहारी गांव में जल समाधि ली थी. जिसके बाद लोगों ने प्रशासन की तरफ से उन्हें पर्याप्त समय न दिए जाने और उनकी सुविधाओं का ख्याल न रखने की शिकायतें की थी.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
हल्द्वानी और देहरादून में प्रोजेक्ट.

हल्द्वानी और देहरादून में प्रोजेक्ट: फिलहाल, 10 गांव के जल समाधि लेने की वजह हल्द्वानी और देहरादून शहर में बनाने वाले वह दो बड़े प्रोजेक्ट हैं. जिन पर काफी तेजी से काम आगे बढ़ाया जा रहा है. डिटेल में जानें इन परियोजनाओं के बारे में. जमरानी बांध परियोजना, यूपी और उत्तराखंड को सिंचाई के लिए पानी देगी. इसके साथ ही हल्द्वानी शहर को पेयजल की समस्या से निजात दिलाएगी. इस परियोजना से 14 मेगा वाट बिजली का उत्पादन भी होगा.

ये भी पढ़ें: रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों को 3 माह में सभी भुगतान करने का HC का आदेश

देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट: दूसरी बड़ी परियोजना देहरादून शहर के लिए है. देहरादून में सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट पर काम होना है. जिससे शहर को बड़े स्तर पर पीने का पानी मिलेगा. वहीं, ट्यूबेल पर आत्मनिर्भरता कम होने से विद्युत खपत में भी फायदा मिलेगा. देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट से शहर को 150 एमएलडी पीने का पानी मिलेगा. ट्यूबेल पर आत्मनिर्भरता कम हो जाएगी. विद्युत खपत में भी फायदा मिलेगा. साथ ही वातावरण भी अच्छा रहेगा.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
दूर होगी बिजली और पानी की किल्लत.

प्रोजेक्ट से देश-प्रदेश का लाभ: बिजली, पीने के पानी और सिंचाई के लिए इन दो प्रोजेक्ट से बहुत बड़ा लाभ आने वाले समय में देखने को मिलेगा. इस विकास में हल्द्वानी शहर के 6 और टिहरी एक व देहरादून के तीन गांव अपनी जल समाधि लेंगे. हल्द्वानी शहर के तिलवाड़ी गांव, जिसमें 218 परिवार रहते हैं. मुरकुडिया, जिसमें 486 परिवार रहते हैं. उडावा, जिसमें 193 परिवार रहते हैं. गनराड, जिसमें 126 परिवार रहते हैं. पनियाबोर, जिसमें 92 परिवार रहते हैं. पस्तोला, जिसमें 208 परिवार रहते हैं. इन गांवों को जल समाधि लेना पड़ेगा.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
परियोजनाओं के चलते 10 गांव लेंगे जल समाधि.

देहरादून का पलेद गांव होगा जलमग्न: अब एक नजर देहरादून में सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट पर डालते हैं. इस प्रोजेक्ट में देहरादून जिले का एक गांव. जबकि इससे लगे टिहरी जिले के तीन गांव जलमग्न हो जाएंगे. सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट में देहरादून जिले का पलेद गांव जलमग्न हो जाएगा. टिहरी जिले में घुर्सालगांव, सौंधना और रागडगांव जलमग्न हो जाएंगे. इन सभी 4 गांव में कुल 486 लोग प्रभावित हो रहे हैं. इसमें कुल 10560 हेक्टेयर निजी भूमि प्रयोग की जा रही है. यह करीब 248.10 करोड़ का प्रोजेक्ट है.

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जामरानी बांध और देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट.

सीएम धामी ने विस्थापन के दिए निर्देश: वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विकास में जिन गांवों की कुर्बानी दी जा रही है, उनके विस्थापन में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. सीएम धामी ने कहा कि विकास होना चाहिए, लेकिन विस्थापन में लोगों को कोई दिक्कत न आये इस पर सरकार काम कर रही है. हाल ही में 120 मेगावाट बिजली परियोजना के लिए देहरादून के लोहारी गांव की जल समाधि हुई. अब बहुत जल्द 10 गांव जलसमाधि लेने जा रहे हैं. विकास के लिए उत्तराखंड के गांव हमेशा ही अपनी कुर्बानी देते आये हैं, ऐसे में विभागों द्वारा उनके विस्थापन की सही व्यवस्था सुनिश्चित तो होनी ही चाहिए. हल्द्वानी और देहरादून शहर में बनने जा रहे. ये दो बड़े प्रोजेक्ट सिंचाई, विद्युत और पीने के पानी में मील का पत्थर साबित होंगे, जो कई घरों को रोशन करेंगे. साथ ही सिंचाई और पेयजल की किल्लत दूर करेंगे.

देहरादून: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से को रोशन करने और लाखों लोगों की प्यास बुझाने के लिए जल्द उत्तराखंड के दस गांव जल समाधि लेने जा रहे हैं. इन सैकड़ों परिवारों के लिए अपनी संस्कृति, रीति रिवाज और परंपराओं को खत्म होते देखना आसान नहीं होगा, लेकिन कहते हैं ना की समाज में कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है. जाहिर है हजारों लोगों के घरों को रोशनी से जगमगाने और पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए इन 10 गांव के लोग बड़ी कुर्बानी देने जा रहे हैं. जानिए किस प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड के 10 गांव जल समाधि लेने जा रहा है.

10 गांव लेंगे जलसमाधि: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड सीमा की सुरक्षा के लिए अपने जवानों से लेकर जल जंगल और जमीन तक को देश के नाम करता रहा है. देश के ऐसे कई राष्ट्रीय प्रोजेक्ट है, जिनके लिए उत्तराखंड के हजारों लोगों ने अपनी जमीन और पुरखों की यादों को कुर्बान करने में देरी नहीं की. इसका सबसे बड़ा उदाहरण टिहरी बांध है. जिसके लिए एक बसा बसाया शहर पानी के नीचे समा गया. एक बार इतिहास खुद को दोहरा रहा है. प्रदेश के 10 गांव एक बार फिर जल समाधि लेने को तैयार है. दरअसल जमरानी बांध परियोजना और सौंग ड्रिंकिंग वाटर परियोजना के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल गई है. इससे कई शहरों को पानी मिलेगा, वहीं बिजली का उत्पादन भी होगा.

उत्तराखंड में दो परियोजनाओं के चलते 10 गांव लेंगे जल समाधि.

दूर होगी बिजली और पानी की किल्लत: उत्तराखंड के गांवों ने विकास के लिए कई बार कुर्बानी दी है. बहुत जल्द 10 गांव रोशनी और पानी की कमी दूर करने के लिए जल समाधि लेने जा रहे हैं, लेकिन कई बार सरकार और प्रशासन इन लोगों की कुर्बानियों को समय के साथ भुला देता है. पिछले कुछ परियोजना हो में लोगों ने खुद के डूबते हुए घर और आशियाने को देख कर प्रशासन की इन लोगों के प्रति संवेदनहीनता को बयां किया था. राजधानी देहरादून के कालसी में व्यासी विद्युत परियोजना के कारण हाल ही में लोहारी गांव में जल समाधि ली थी. जिसके बाद लोगों ने प्रशासन की तरफ से उन्हें पर्याप्त समय न दिए जाने और उनकी सुविधाओं का ख्याल न रखने की शिकायतें की थी.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
हल्द्वानी और देहरादून में प्रोजेक्ट.

हल्द्वानी और देहरादून में प्रोजेक्ट: फिलहाल, 10 गांव के जल समाधि लेने की वजह हल्द्वानी और देहरादून शहर में बनाने वाले वह दो बड़े प्रोजेक्ट हैं. जिन पर काफी तेजी से काम आगे बढ़ाया जा रहा है. डिटेल में जानें इन परियोजनाओं के बारे में. जमरानी बांध परियोजना, यूपी और उत्तराखंड को सिंचाई के लिए पानी देगी. इसके साथ ही हल्द्वानी शहर को पेयजल की समस्या से निजात दिलाएगी. इस परियोजना से 14 मेगा वाट बिजली का उत्पादन भी होगा.

ये भी पढ़ें: रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों को 3 माह में सभी भुगतान करने का HC का आदेश

देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट: दूसरी बड़ी परियोजना देहरादून शहर के लिए है. देहरादून में सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट पर काम होना है. जिससे शहर को बड़े स्तर पर पीने का पानी मिलेगा. वहीं, ट्यूबेल पर आत्मनिर्भरता कम होने से विद्युत खपत में भी फायदा मिलेगा. देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट से शहर को 150 एमएलडी पीने का पानी मिलेगा. ट्यूबेल पर आत्मनिर्भरता कम हो जाएगी. विद्युत खपत में भी फायदा मिलेगा. साथ ही वातावरण भी अच्छा रहेगा.

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दूर होगी बिजली और पानी की किल्लत.

प्रोजेक्ट से देश-प्रदेश का लाभ: बिजली, पीने के पानी और सिंचाई के लिए इन दो प्रोजेक्ट से बहुत बड़ा लाभ आने वाले समय में देखने को मिलेगा. इस विकास में हल्द्वानी शहर के 6 और टिहरी एक व देहरादून के तीन गांव अपनी जल समाधि लेंगे. हल्द्वानी शहर के तिलवाड़ी गांव, जिसमें 218 परिवार रहते हैं. मुरकुडिया, जिसमें 486 परिवार रहते हैं. उडावा, जिसमें 193 परिवार रहते हैं. गनराड, जिसमें 126 परिवार रहते हैं. पनियाबोर, जिसमें 92 परिवार रहते हैं. पस्तोला, जिसमें 208 परिवार रहते हैं. इन गांवों को जल समाधि लेना पड़ेगा.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
परियोजनाओं के चलते 10 गांव लेंगे जल समाधि.

देहरादून का पलेद गांव होगा जलमग्न: अब एक नजर देहरादून में सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट पर डालते हैं. इस प्रोजेक्ट में देहरादून जिले का एक गांव. जबकि इससे लगे टिहरी जिले के तीन गांव जलमग्न हो जाएंगे. सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट में देहरादून जिले का पलेद गांव जलमग्न हो जाएगा. टिहरी जिले में घुर्सालगांव, सौंधना और रागडगांव जलमग्न हो जाएंगे. इन सभी 4 गांव में कुल 486 लोग प्रभावित हो रहे हैं. इसमें कुल 10560 हेक्टेयर निजी भूमि प्रयोग की जा रही है. यह करीब 248.10 करोड़ का प्रोजेक्ट है.

10 villages will take water samadhi in Uttarakhand
जामरानी बांध और देहरादून सौंग ड्रिंकिंग वाटर प्रोजेक्ट.

सीएम धामी ने विस्थापन के दिए निर्देश: वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विकास में जिन गांवों की कुर्बानी दी जा रही है, उनके विस्थापन में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. सीएम धामी ने कहा कि विकास होना चाहिए, लेकिन विस्थापन में लोगों को कोई दिक्कत न आये इस पर सरकार काम कर रही है. हाल ही में 120 मेगावाट बिजली परियोजना के लिए देहरादून के लोहारी गांव की जल समाधि हुई. अब बहुत जल्द 10 गांव जलसमाधि लेने जा रहे हैं. विकास के लिए उत्तराखंड के गांव हमेशा ही अपनी कुर्बानी देते आये हैं, ऐसे में विभागों द्वारा उनके विस्थापन की सही व्यवस्था सुनिश्चित तो होनी ही चाहिए. हल्द्वानी और देहरादून शहर में बनने जा रहे. ये दो बड़े प्रोजेक्ट सिंचाई, विद्युत और पीने के पानी में मील का पत्थर साबित होंगे, जो कई घरों को रोशन करेंगे. साथ ही सिंचाई और पेयजल की किल्लत दूर करेंगे.

Last Updated : Jun 14, 2022, 10:24 PM IST
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