देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भले ही स्वास्थ्य सुविधा बहुत बेहतर ना हुई हो लेकिन अटल आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को निशुल्क उपचार का लाभ जरूर मिल रहा है. अभी तक राज्य के करीब 10 लाख मरीज अटल आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज करवा चुके हैं. वहीं, 54 लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड अब तक बन चुका है. आयुष्मान कार्ड योजना के तहत निशुल्क इलाज के लिए उत्तराखंड सरकार अभी तक 1900 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है.
उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत 25 दिसंबर 2018 को की गई थी. उसे दौरान तात्कालिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना की खास बात यह थी कि उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी परिवारों को पांच लाख रुपए के निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जा सके. लिहाजा, उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य बना जिस राज्य में रहने वाले सभी परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया. यह योजना उत्तराखंड राज्य में शुरू होने के बाद से अब तक 5 साल का वक्त बीत गया है.
पढे़ं- नये साल को लेकर अलर्ट हुआ दून अस्पताल, डॉक्टरों की लगाई गई इमरजेंसी ड्यूटी, रोस्टर जारी
इन 5 सालों के भीतर प्रदेश के सभी परिवारों को कवर नहीं किया जा सका. इतना जरूर है कि इन 5 सालों के भीतर 54 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. इसके साथ ही इन 5 सालों में 10 लाख मरीज आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज का लाभ उठा चुके हैं. राज्य सरकार ने मार्च 2024 तक प्रदेश में 5 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा राज्य सरकार कोशिश कर रही प्रदेश के शत प्रतिशत लोगों को इस योजना का लाभ मिले. इसके साथ ही प्रदेश भर में वृहद स्तर पर इस योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है.